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सियाचिन हादसे में बचे बहादुर सैनिक हनुमनथप्पा कोप्पाड नहीं रहे

सियाचिन हादसे में बचे बहादुर सैनिक हनुमनथप्पा कोप्पाड नहीं रहे

सियाचिन ग्लेशियर में कई टन बर्फ के नीचे दब जाने के बावजूद चमत्कारिक रूप से जिंदा निकाले गए लांस नायक हनुमनथप्पा कोप्पाड का आज निधन हो गया। कोप्पाड की तबीयत कल ज्यादा बिगड़ गई थी। उन्हें 9 फरवरी को सियाचिन में बर्फ के नीचे से निकाले जाने के बाद आर्मी रिसर्च ऐंड रेफरल हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था।
सियाचिन हिमस्खलन में जीवित बचे सैनिक को देखने गए पीएम

सियाचिन हिमस्खलन में जीवित बचे सैनिक को देखने गए पीएम

सियाचिन में हुए हिमस्खलन में भारी बर्फ के नीचे छह दिनों तक दबे रहने के बाद चमत्कारिक रूप से जीवित निकले लांस नायक हनुमनथप्पा को देखने आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आर्मी अस्पताल गए। हनुमनथप्‍पा को सिया‍चिन से विशेष एयर एंबुलेंस के जरिए दिल्ली लाया गया था।
ताइवान में 6.4 तीव्रता के भूकंप में सात मरे, सैंकड़ों घायल

ताइवान में 6.4 तीव्रता के भूकंप में सात मरे, सैंकड़ों घायल

दक्षिणी ताइवान में शनिवार तड़के आए 6.4 तीव्रता के भीषण भूकंप से सात लोगों की मौत हो गई और सैंकड़ों लोग घायल हो गए। झटकों की वजह से एक उंचे आवासीय परिसर के ढह जाने के कारण उसके मलबे में दबने से सात लोगों की मौत हो गई। राहत व बचाव दल के लोग बचाव कार्य में लगे हुए हैं।
उत्तर प्रदेश सरकार ने गन्ना किसानों को किया सर्वाधिक भुगतान- राजेंद्र चौधरी

उत्तर प्रदेश सरकार ने गन्ना किसानों को किया सर्वाधिक भुगतान- राजेंद्र चौधरी

उत्तर प्रदेश की समाजवादी पार्टी की सरकार ने कहा है कि गन्ना किसानों को प्रदेश सरकार ने सर्वाधिक भुगतान किया है। आउटलुक के 1 से 15 फरवरी के अंक में गन्ना किसानों की बदहाली को लेकर एक रिपोर्ट प्रकाशित हुई है जिसमें किसानों ने अपना गुस्सा जाहिर किया है।
किसान की लाठी नहीं है अब गन्ना

किसान की लाठी नहीं है अब गन्ना

एक दौर था जब प्रदेश के किसान नकदी फसल गन्ने को अपनी लाठी मानते थे। सूबे की 124 चीनी मिलें सूरसा के मुंह जैसी खेतों की ओर ताकती रहती थीं और दिन रात गन्ने की ही फरमाईश करती थीं मगर अब यह लाठी जैसे टूट गई है और 'सुरसा’ भी न जाने कहां बिला गई है। प्रदेश में गन्ने की फसल को राजनीति का ऐसा घुन लगा है कि खेत, फसल और किसान सब चौपट हो रहे हैं। आलम यह है कि गन्ना उगाने की लागत सवा तीन सौ रुपए क्विंटल आ रही है मगर किसान को मिल रहे हैं मात्र 280 रुपए। वह भी रुला-रुलाकर।
चीनी मिलों को राहत और किसानों की मुसीबत

चीनी मिलों को राहत और किसानों की मुसीबत

केंद्र सरकार गन्ने का उचित एवं लाभकारी मूल्य बढ़ाने की बजाय चीनी मिलों को ब्या‍ज मुक्त‍ कर्ज, एक्स‍पोर्ट ड्यूटी में राहत और एथनॉल पर एक्सा‍इज ड्यूटी में छूट जैसी रियायतें देने वाली केंद्र सरकार ने अब चीनी मिलों को फायदा पहुुंचाने का नया रास्ता निकाला है। अब गन्ना किसानों को सरकार की ओर सीधे सब्सिडी दिए जाने की पहल की जा रही है जो गन्ना किसानों का ध्यान उनके बकाया भुगतान और पिछले कई साल से नहीं बढ़े दाम से हटाने की साजिश है।
पेशावर स्कूल हमले के बाद पाक ने 182 मदरसों को किया सील

पेशावर स्कूल हमले के बाद पाक ने 182 मदरसों को किया सील

पेशावर के एक सैनिक स्कूल पर 2014 में हुए आतंकवादी हमले के बाद पाकिस्तान की सरकार ने आतंकी गतिविधियों में कथित रुप से शामिल कई मदरसों पर कार्रवाई किया है। हमले के बाद से पाक अधिकारियों ने संदिग्ध मदरसों के खिलाफ चलाए गए देशव्यापी अभियान में 182 मदरसों को सील कर दिया है।
सेना, पुलिस और अर्ध सैनिक बलों की वर्दी बिक्री को नियमित करेगा चंडीगढ़

सेना, पुलिस और अर्ध सैनिक बलों की वर्दी बिक्री को नियमित करेगा चंडीगढ़

केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ ने सेना, पुलिस और अर्ध सैनिक बलों की वर्दी और अन्य वस्तुओं की बिक्री को नियमित करने की दिशा में कदम उठाया है ताकि आतंकवादियों द्वारा उनके दुरूपयोग को रोका जा सके। गौरतलब है कि चंडीगढ़ के पास पंचकूला में सेना की छावनी और इसके आसपास इन वर्दियों की बिना रोक-टोक खुली बिक्री होती है।
गणतंत्र दिवस: देश में कड़ी सुरक्षा, कुछ जगहों पर अफवाह से दहशत

गणतंत्र दिवस: देश में कड़ी सुरक्षा, कुछ जगहों पर अफवाह से दहशत

पंजाब के पठानकोट में आज उस समय हड़कंप मच गया जब शहर के रेलवे स्टेशन पर एक लावारिस बैग पाया गया। हालांकि बाद में जब बैग की तलाशी ली गई तो उसमें कुछ कपड़े पाए गए। बैग एक सैनिक का था जिसे उसने गलती से छोड़ दिया था। वहीं देहराहून में एक संदिग्ध आतंकी के देखे जाने के बाद से दहशत फैल गई है। संदिग्ध को एक सीसीटीवी फुटेज में देखा गया है।
1971 के भारत-पाक युद्ध के हीरो लेफ्टिनेंट जनरल जैकब का निधन

1971 के भारत-पाक युद्ध के हीरो लेफ्टिनेंट जनरल जैकब का निधन

भारत और पाकिस्तान के बीच 1971 में हुए युद्ध में अद्भुद कुशलता का प्रदर्शन कर दुश्मनों को घुटने टेकने पर मजबूर कर देने वाले लेफ्टिनेंट जनरल जे एफ आर जैकब का आज निधन हो गया। लेफ्टिनेंट जनरल जैकब ने युद्ध के बाद ढाका में पकिस्तानी सैनिकों के आत्मसमर्पण का रास्ता हमवार किया था। जैकब को बांग्लादेश की आजादी में अहम भूमिका अदा करने के लिए भी याद किया जाता है।
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