भारत कुछ समय से विश्व के नेताओं को आतंकवाद के खिलाफ एकजुट करने की कोशिश कर रहा है और काफी हद तक वह इसमें सफल भी रहा है। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विभिन्न देशों के राष्ट्राध्यक्षों के साथ मीटिंग के दौरान जिस तरह से आतंकवाद के मुद्दे पर विश्व के नेताओं को एकजुट करके उनसे एक साथ मिलकर आतंकवाद का मुकाबला करने का आश्वासन मिला वह काबिले तारीफ है।
पनामा पेपर्स वित्तीय दस्तावेज लीक के बाद पहली बड़ी राजनीतिक घटना के तहत आइसलैंड के प्रधानमंत्री सिगमुंदुर डेविड गुनलौगसन ने इस्तीफा दे दिया है। उनकी पार्टी ने आज यह जानकारी दी। प्रोग्रेसिव पार्टी के उप नेता और कृषि मंत्री सिगुरदुर इंगी जोहानसन ने एक सीधे प्रसारण में बताया, प्रधानमंत्री ने (अपनी पार्टी के) संसदीय समूह की बैठक में कहा कि वह प्रधानमंत्री के तौर पर इस्तीफा देंगे और मैं इस पद को संभालूं।
भारत माता की जय विवाद को हवा देते हुए योग गुरू रामदेव ने कहा है कि वह देश के कानून और संविधान का सम्मान करते हैं नहीं तो इस नारे का विरोध करने वाले लाखों लोगों के शीश कलम कर दिये गये होते। उनके इस बयान की विपक्षी दलों ने तीखी आलोचना की है।
रूस ने पनामा दस्तावेज लीक होने की आलोचना करते हुए आज इसे रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को लक्षित कर किया गया एक हमला बताया और दावा किया कि सीआईए के पूर्व अधिकारियों ने दस्तावेजों के विश्लेषण में मदद की। क्रेमलिन प्रवक्ता दमित्री पेसकोव ने संवाददाताओं से कहा, पुतिन, रूस, हमारा देश, हमारी स्थिरता और आगामी चुनाव मुख्य निशाना हैं, खासतौर पर स्थिति को अस्थिर करने के लिए।
बराक ओबामा और नरेंद्र मोदी की वाशिंगटन बैठकों के फोटो इस तरह प्रचारित हुए, जैसे उनकी तरह के मित्र दुनिया में नहीं हैं। लेकिन परमाणु सुरक्षा सम्मेलन को संबोधित करते हुए नरेंद्र भाई के ‘फ्रेंड’ बराक ने अमेरिकी राष्ट्रपति के रूप में एक बार फिर भारत को पाकिस्तान की श्रेणी में खड़ा कर दिया।
वैश्विक चुनौतियों के कारण भारत की वृद्धि दर अगले वित्त वर्ष में घटकर 7.4 प्रतिशत रह जाएगी लेकिन अपेक्षाकृत अधिक सुधार से देश को विश्व की सबसे तेजी से वृद्धि दर्ज करने वाली अर्थव्यवस्था बनने में मदद मिलेगी। यह बात आज एशियाई विकास बैंक ने कही।
उत्तराखंड में जारी राजनीतिक संकट के बीच सत्ताधारी कांग्रेस ने बाबा रामदेव पर भाजपा नेतृत्व के साथ मिलकर राज्य सरकार को गिराने का आरोप लगाया जबकि योग गुरू ने इसका खंडन करते हुए कहा कि राजनीतिक घटनाओं के लिए उनकी बजाय राजनीतिक दलों को जिम्मेदार ठहराया जाया जाना चाहिए।
दुनिया बदल रही है। दस वर्ष पहले किसने कल्पना की होगी कि हवाना की वायु सीमा में अमेरिकी राष्ट्रपति का विमान उड़ सकता है? किसने सोचा होगा कि इस्लामी साम्राज्य के नाम पर होने वाले अंतरराष्ट्रीय युद्ध में ईरान जैसा कट्टरपंथी देश अपने दशकों पुराने दुश्मन अमेरिका और उसके सहयोगी यूरोपीय देशों के साथ खड़ा दिखाई देगा?