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Search Result : "चुप क्यों"

नालंदा विश्वविद्यालय के चांसलर जॉर्ज यो ने क्यों दिया इस्तीफा

नालंदा विश्वविद्यालय के चांसलर जॉर्ज यो ने क्यों दिया इस्तीफा

नोबल पुरस्कार विजेता अमर्त्य सेन के बाद नालंदा अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय के दूसरे चांसलर जॉर्ज यो ने इस्तीफा दे दिया है। इस्तीफे की वजह विश्वविद्यालय की स्वायत्ता को प्रभावित किया जाना है।
नेहरू-गांधी के शासन में मौलाना आजाद को क्यों नहीं मिला भारत रत्न: प्रसाद

नेहरू-गांधी के शासन में मौलाना आजाद को क्यों नहीं मिला भारत रत्न: प्रसाद

नेहरू-गांधी परिवार के शासनकाल के दौरान मौलाना आजाद को भारत रत्न नहीं दिए जाने पर सवाल उठाते हुए केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने आरोप लगाया कि प्रथम प्रधानमंत्री की जिन नेताओं ने आलोचना की उन्हें उचित सम्मान नहीं दिया गया।
अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति के लिए ऑनलाइन आवेदन अनिवार्य क्यों: दिल्ली हाईकोर्ट

अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति के लिए ऑनलाइन आवेदन अनिवार्य क्यों: दिल्ली हाईकोर्ट

दिल्ली उच्च न्यायालय ने आज केंद्र सरकार से पूछा कि अल्पसंख्यक समुदाय के छात्रों को दी जानी वाली छात्रवृत्ति के लिए ऑनलाइन आवेदन करना अनिवार्य क्यों है।
महारानी को गुस्सा क्यों आता है

महारानी को गुस्सा क्यों आता है

पिछले दिनों भारतीय जनता पार्टी में बैठक का सिलसिला चल रहा था। पहले सभी संगठन मंत्रियों, महासचिवों की बैठक के बाद भाजपा शासित मुख्यमंत्रियों की बैठक हुई। मुख्यमंत्रियों की बैठक में बैठक की चर्चा के ज्यादा राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की अनुपस्थिति की चर्चा रही।
जीएसटी पर स्वामी चुप, पार्टी के प्रति वफादारी का दिया हवाला

जीएसटी पर स्वामी चुप, पार्टी के प्रति वफादारी का दिया हवाला

राज्यसभा द्वारा वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) संविधान संशोधन विधेयक पारित होने के एक दिन बाद भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने गुरुवार को कहा कि वह अर्थशास्त्र के प्रति अपनी अध्ययनशील प्रतिबद्धता तथा पार्टी के प्रति वफादारी के बीच द्वंद्व के कारण वह इस कानून के गुण-दोष पर कोई टिप्पणी करने से बचेंगे।
क्यों अमेरिका में मुद्दा बन रहा है भारत

क्यों अमेरिका में मुद्दा बन रहा है भारत

अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में भारत भी एक मुद्दा बनता दिख रहा है। दरअसल डेमोक्रेटिक पार्टी की अधिकृत प्रत्याशी हिलेरी क्लिंटन के 11 वर्ष पुराने एक भाषण को लेकर रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप के खेमे ने उन्हें आउटसोर्सिंग और भारत समर्थक करार दिया है और इस बारे में एक विज्ञापन टीवी पर चलवाना शुरू किया है।
हमलों से पहले जांच-कार्रवाई क्यों नहीं? आलोक मेहता

हमलों से पहले जांच-कार्रवाई क्यों नहीं? आलोक मेहता

महाराष्ट्र सरकार ने विवादास्पद उपदेशक जाकिर नाइक के आतंकवाद समर्थक भाषणों की जांच के आदेश दिए हैं। आरोप यह है कि पिछले दिनों बांग्लादेश में हुए घृणित आतंकवादी हमले में शामिल एक आतंकवादी जाकिर नाइक से ‘प्रेरित’ होकर ऐसी गतिविधि में शामिल हुआ।
फाइनेंस से हटाकर एविएशन में क्यों भेजा गया जयंत सिन्हा को

फाइनेंस से हटाकर एविएशन में क्यों भेजा गया जयंत सिन्हा को

कभी अति सक्रियता और कभी संयम खोकर लक्ष्मण रेखा पार कर जाना। स्मृति ईरानी की तरह इसी कारण संघ की नाराजगी के चलते जयंत सिन्हा का भी विभाग बदला। उनके मामले में एक अतिरिक्त तथ्य यह भी रहा कि उन्होंने कॉरपोरेट घरानों की लॉबी को नाराज कर रखा था। उन्हें अपेक्षाकृत कम महत्वपूर्ण मंत्रालय नागर विमानन मंत्रालय में राज्यमंत्री बनाकर भेजा गया। हालांकि, स्मृति ईरानी के मानव संसाधन विकास मंत्रालय से कपड़ा मंत्रालय में बदली की चर्चा के बीच जयंत सिन्हा का विभाग बदले जाने की बात दब गई।
कांग्रेस बोली, महंगाई पर मनमोहन पर हमला करने वाली भाजपा अब क्‍यों है चुप

कांग्रेस बोली, महंगाई पर मनमोहन पर हमला करने वाली भाजपा अब क्‍यों है चुप

देश में आवश्यक वस्तुओं की बढ़ती कीमतों के बीच पंजाब कांग्रेस ने कहा कि महंगाई पर 2013 में तत्कालीन प्रधानमंत्राी मनमोहन सिंह से इस्तीफा मांगने वाली भारताीय जनता पार्टी अब मसले पर चुप क्यों है। देश में खाने पीने की चीजों के दामोंं में बेतरतीब बढ़ाेतरी हो रही है। ऐसे में भाजपा को इस पर देशवासियों को कुछ तो बताना चाहिए कि आखिर महंगाई क्‍यों बढ़ रही है।
शिवसेना बोली, सलमान के बयान पर क्‍यों चुप है पूरा फिल्म जगत

शिवसेना बोली, सलमान के बयान पर क्‍यों चुप है पूरा फिल्म जगत

शिवसेना ने सलमान खान के बलात्कार संबंधी बयान पर उनकी कड़ी आलोचना करते हुए निर्देशकों से अपील की कि वे महिलाओं का सम्मान करते हुए बाॅलीवुड सुपरस्टार का तब तक बहिष्कार करें, जब तक कि वह अपने इस बयान के लिए बेशर्त माफी नहीं मांग लेते हैं। शिवसेना ने कहा कि इस बयान पर पूरा फिल्म जगत भी चुप है, जो उन मामलों पर भी बढ़ चढ़ कर अपने विचार रखता है, जिनसे उसका कोई लेना देना नहीं होता।