पटेल आरक्षण की आग में झुलस रहे गुजरात में तनाव बरकरार है। मंगलवार से जारी संघर्ष में मरने वालों की संख्या 9 तक पहुंच गई और राज्य के कई शहरों में स्थिति पर काबू पाने के लिए सेना तैनात की गई है।
गुजरात में अराजकता का नया चेहरा उभरकर सामने आया है जिसकी भाषा तोगड़िया सी है और कार्यशैली केजरीवाल जैसी। जो बंदूक और रिवॉल्वर से प्यार करता है और जिसके समर्थक ओडी तथा मर्सिडीज में बैठकर आरक्षण मांगने आते हैं। कानून उनके लिए कुछ भी नहीं है, अगर उन्हें मनमानी करने से रोका जाता है तो दंगा-फसाद से भी परहेज नहीं करते हैं।
प्रदर्शनकारियों पर पुलिस के लाठीचार्ज और हार्दिक पटेल को हिरासत में लेने के बाद गुजरात में पटेल आंदोलन हिंसक हो गया। कई शहरों में हिंसक झड़पों और आगजनी के बाद देर रात कर्फ्यू लगाना पड़ा। स्थिति पर काबू पाने के लिए अर्धसैनिक बलों की मदद ली जा रही है। गुजरात के प्रमुख शहरों में मोबाइल इंटरनेट पर रोक लगा दी गई है।
गुजरात में ओबीसी कोटे को लेकर बढ़ते विवाद को देखते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ यानी आरएसएस ने कमान संभालने का फैसला किया है। संघ ने भाजपा की गुजरात सरकार के साथ एक बैठक में पटेल समुदाय के आरक्षण आंदोलन को सुलझाने के लिए प्रयास करने फैसला का किया है।
पुणे स्थित एफटीआईआई के अध्यक्ष के तौर पर टीवी अभिनेता और भाजपा सदस्य गजेंद्र चौहान की नियुक्ति के विरोध में हड़ताल कर रहे छात्रों ने आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से संस्थान में पिछले 71 दिन से जारी संकट का हल निकालने के लिए हस्तक्षेप करने की अपील की।
भारतीय फिल्म एवं टेलीविजन संस्थान (एफटीआईआई) के निदेशक प्रशांत पाथराबे का घेराव करने वाले पांच छात्राें को पुलिस ने मंगलवार आधी रात को गिरफ्तार कर लिया है। इन छात्रों पर दंंगा फैलाने का आरोप लगाया गया है। उधर, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एफटीआईआई के छात्रों को दिल्ली आकर पढ़ने का ऑफर दिया है। दिल्ली सरकार इसके लिए अस्थायी जगह मुहैया करा सकती है।
जंतर-मंतर पर किसानों की मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे स्वराज अभियान के नेता योगेंद्र यादव को पुलिस ने कल देर रात हिरासत में लेकर गिरफ्तार कर लिया है। उन पर शांति भंग करने की धाराएं लगाई गई हैं। यादव ने पुलिस पर मारपीट और धक्का-मुक्की करने का आरोप लगाया है।
नर्मदा बचाओ आंदोलन के 30 वर्ष पूरे होने पर धरना देने दिल्ली के जंतर-मंतर पहुंचे नर्मदा आंदोलनकारियों को आशंका है कि सरकार तीन राज्यों के 245 गांवों के 2.5 लाख लोगों की जिंदगियों को ताक पर रख फिर एक बार बांध की ऊंचाई बढ़ा देगी।