निष्पक्ष और निर्भीक पत्रकारिता का पालन भारतीय राजनीतिक, सामाजिक तथा आर्थिक परिस्थितियों में सदा कठिन रहा है। महात्मा गांधी, तिलक या पराड़र और गणेश शंकर विद्यार्थी के युग से तुलना करना उचित नहीं होगा, लेकिन आजादी के बाद भारतीय पत्रकारिता में अलग तरह की चुनौतियां रही हैं। इस दृष्टि से विनोद मेहता ने पिछले 42 वर्षों में भारतीय पत्रकारिता में नए प्रयोगों के साथ निष्पक्ष एवं प्रोफेशनल मानदंड स्थापित किए।
मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय ने व्यापमं घोटाले में राज्य के राज्यपाल रामनरेश यादव के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी निरस्त करने के लिये दायर याचिका पर आज अटार्नी जनरल मुकुल रोहतगी से राय मांगी। प्राथमिकी निरस्त कराने के लिये दायर याचिका में राज्यपाल ने तर्क दिया है कि संवैधानिक पद पर होने के कारण उन्हें संरक्षण प्राप्त है।
अमेरिका के एक शीर्ष सैन्य अधिकारी ने अमेरिकी कांग्रेस की एक समिति को बताया है कि भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव क्षेत्रीय स्थिरता के लिए खतरा है और इस तनाव से पाकिस्तान की अफगानिस्तान में रणनीति पर व्यापक प्रभाव पड़ता है।
सन 2002 में कौन कल्पना कर सकता था कि अमेरिका में एक अश्वेत नेता राष्ट्रपति बन सकेगा? भारत में किसने सोचा होगा कि गुजरात के घृणित दंगों की पृष्ठïभूमि के बावजूद प्रदेश के नवोदित नेता नरेंद्र मोदी 2014 में प्रधानमंत्री बन सकते हैं?