केंद्र पर अपने हमले जारी रखते हुए असम के मुख्यमंत्री तरुण गोगोई ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आरोप लगाया कि वह बांग्लादेश के साथ भूमि सीमा समझौते (एलबीए) के दायरे से असम को बाहर करने का प्रस्ताव कर राजनीतिक फायदे की खातिर दोहरा रवैया अपना रहे हैं।
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने अब रियल एस्टेट विधेयक को सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। राहुल गांधी ने कहा कि सरकार रियल एस्टेट क्षेत्र का नियमन करने वाले एक विधेयक को कमजोर कर मध्यवर्गीय मकान खरीदारों के हितों के खिलाफ काम कर रही है और बिल्डरों का समर्थन करने वाला विधेयक बना रही है।
केंद्र व राज्यों की भाजपा सरकारों के खिलाफ भू-अधिग्रहण को लेकर किसानों का असंतोष बढ़ता जा रहा है। मोदी सरकार की भूमि अधिग्रहण्ा नीति को सबसे पहले लागू करने वाले राजस्थान में अजमेर हवाई अड्डे के लिए हुए भू-अधिग्रहण के खिलाफ किसान आंदोलन पर उतारू हैं। गुरुवार को रूप सिंह नाम का एक किसान विस्थापन और पूरा मुआवजा न मिलने के विरोध में पानी की टंकी पर जा चढ़ा और जान देने की धमकी देने लगा।
अनिल अंबानी की अगुवाई वाली रिलायंस पावर ने मंगवार को कहा कि उसने भूमि अधिग्रहण में अत्यंत विलंब के चलते झारखंड में 36,000 करोड़ रुपये की तिलैया अति वृहद बिजली परियोजना (यूएमपीपी) के लिए ठेका खत्म कर दिया है।
आम आदमी पार्टी ने बुधवार को चेताया कि केंद्र अगर विवादित भूमि विधेयक पर आगे बढ़ता है तो पार्टी उसके खिलाफ अपने आंदोलन का दायरा बढ़ाएगी। वहीं पार्टी प्रमुख और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल इस विधेयक के विरोध में यहां एक रैली आयोजित कर रहे हैं।
बेशक विकास के लिए भूमि जरूरी है। देश को ज्यादा से ज्यादा उद्योगों, सड़कों, बिजली, रेल, अस्पतालों, स्कूलों और मकानों की जरूरत है। लिहाजा, भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया सरल और पारदर्शी होनी चाहिए। जिनसे जमीन ली जाए उन्हें उचित मुआवजा और विकास में हिस्सेदारी मिलनी ही चाहिए। लेकिन क्या मोदी सरकार की ओर से लाया जा रहा भूमि अधिग्रहण विधेयक, 2015 इस मामले में खरा उतरता है? वास्तव में नहीं।