राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग (एनजेएसी) प्रकरण में तब नया मोड़ आ गया जब भारत के प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति एच.एल. दत्तू ने छह सदस्यीय आयोग में दो प्रमुख व्यक्तियों के चयन के लिए तीन सदस्यीय पैनल का हिस्सा बनने से इंकार कर दिया।
न्यायाधीशों की नियुक्ति की कॉलेजियम प्रणाली की जगह लेने वाले कानून की संवैधानिक वैधता पर सुनवाई के लिए गठित संविधान पीठ के समक्ष आज हितों के टकराव और पक्षपात का मुद्दा एक बार फिर उठा।