बिहार सरकार ने एक अहम फैसले में राज्य में आज से पूर्ण शराबबंदी लागू कर दिया है। इसके तहत अब राज्य में देशी शराब के साथ विदेशी शराब पर भी प्रतिबंध लग गया है।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शराब कारोबारी विजय माल्या को तीसरा और संभवत: आखिरी समन जारी कर उन्हें 9 अप्रैल को मुंबई में जांच अधिकारियों के समक्ष पेश होने को कहा है।
जय-जयकार। तालियां। नया अध्याय पाटलिपुत्र के इतिहास का। बिहार विधानसभा की बैठक में सभी सदस्यों ने शराब न पीने की शपथ ली। राज्य सरकार ने एक अप्रैल से शराबबंदी के तहत ग्रामीण इलाकों में देशी और मसालेदार एवं भारत में बनी विदेशी शराब प्रतिबंधित कर दी। वहीं शहरी इलाकों में देशी शराब पर प्रतिबंध के साथ अधिकृत दुकानों पर भारत में बनी विदेशी शराब की बिक्री का प्रावधान किया गया है।
कांग्रेस उपाध्याक्ष राहुल गांधी ने असम में एक चुनावी रैली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जमकर निशाना साधा। राहुल ने अपने भाषण में मोदी से पूछा कि आपने विदेशों से कालाधन लाने की बात की थी तो शराब कारोबार के बेताज बादशाह विजय माल्या और आईपीएल के पूर्व प्रमुख ललित मोदी अब तक विदेश में क्यों हैं।
ऋणदाता बैंकों के दबाव और कानून प्रवर्तन एजेंसियों की कार्रवाई की वजह से देश छोड़कर गए शराब कारोबारी विजय माल्या ने कहा है कि वह इस वर्ष बैंकों को 4000 करोड़ रुपये तक का भुगतान कर देंगे।
पुरानी कहावत है कि अति किसी भी चीज की बुरी होती है और वह चीज यदि शराब हो तो फिर भगवान ही मालिक है। कहते हैं यह ऐसी शै है जो किसी को आपका सगा नहीं रहने देती, फिर चाहे आप शराब पीते हों या बेचते हों, कोई फर्क नहीं पड़ता। विजय माल्या इस देश में घर-घर पहचाना नाम हैं क्योंकि उनके पिता द्वारा बनाई गई और खुद उनके द्वारा बेहिसाब तरीके से फैलाई गई कंपनी ने इस देश में शराब के उत्पादन और बिक्री के अगले-पिछले सारे रिकॉर्ड तोड़ डाले।
शराब व्यवसायी विजय माल्या की मुश्किलें खत्म होने का नाम नहीं ले रहीं हैं। ऋण वसूली न्यायाधिकरण ने कहा कि बैंक कर्ज से जुड़े मामले का निपटान होने तक विजय माल्या डियाजिओ से प्राप्त 7.50 करोड़ डॉलर राशि नहीं निकाल सकते हैं। माल्या को यह पैसा यूनाइटेड स्प्रीट्स लिमिटेड का चेयरमैन पद छोड़ने और कंपनी के कामकाज से अलग होने के समझौते के तहत देने की घोषणा की गई थी।
ग्लोबोकैन ने खुलासा किया है कि दुनियाभर में लगातार तेजी से कैंसर के नए मामलों में इजाफा हो रहा है। ग्लोबोकैन का कहना है कि 2008 में प्रकाशित हुए आंकड़ों की तुलना में 7.05 फीसदी नए मामलों में वृद्धि हुई है। भारत में बढते कैंसर के मामले चिंता का विषय है। कैंसर के मुख्यतः कारक वायु व जल प्रदूषण, कीटनाशक, जीवनशैली, डाइट, तंबाकू, शराब और पान मसाला है। दिल का दौरा पड़ने से होने वाली मृत्यु के बाद देश में कैंसर से मौत शीर्ष कारणों में से एक है।