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जेएनयू ने रद्द किया 'अयोध्या में राम मंदिर' पर चर्चा, सुब्रह्मण्यम स्वामी लेने वाले थे हिस्सा

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‘अयोध्या में राम मंदिर क्यों?’ शीर्षक पर जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में बुधवार को आयोजित...
कन्हैया सहित जेएनयू के 15 छात्रों को हाईकोर्ट ने दी राहत, खालिद ने कहा, ‘जारी रहेगा संघर्ष’

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दिल्ली हाईकोर्ट ने गुरुवार को जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार...
जेएनयू में लेफ्ट का परचम, गीता कुमारी अध्यक्ष, बापसा ने फिर चौंकाया

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लेफ्ट का गढ़ माने जाने वाले जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के छात्रसंघ चुनाव में वामपंथी छात्र संगठनों का दबदबा कायम है। सेंट्रल पैनल की चारों सीटों पर वाम गठबंधन की जीत हुई। एबीवीपी दूसरे स्थान पर रही है जबकि बापसा जेएनयू में बड़ी ताकत बनकर उभरा।
जेएनयू छात्र संघ चुनाव: लाल, भगवा और नीले में किसकी बढ़ेगी चमक, जानिए अहम बातें

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जेएनयू में वामपंथ को न मानने वालों के बीच एक ज़ुमला खासा मशहूर है कि देश भर के लेफ्टिस्टों को एक पिंजरे में बंद करने के लिए इंदिरा गाँधी ने जेएनयू बनाया। जेएनयू ही वो जगह है जहाँ (1969 से 2016 तक एक उदाहरण को छोड़कर जब 2001 में एबीवीपी के संदीप महापात्र कुछ वोटों से जीत गए थे) चुनाव दर चुनाव वामपंथ अपना किला सलामत रख सका है।
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