मां-बाप के द्वारा 'बच्चे का भविष्य' संवारने के उद्देश्य से उन्हें स्कूल भेजा जाना, फिर उस बच्चे का कभी न लौटकर आना या कुछ ऐसे घाव साथ लेकर आना जिससे उबरने में शायद जिंदगी बीत जाए। ऐसे मां-बाप पर क्या गुजरेगी?
शुक्रवार को गुड़गांव भोंडसी में स्थित रियान इंटरनेशनल स्कूल में बिहार के मधुबनी जिला निवासी वरुणचंद्र ठाकुर के सात वर्षीय बेटे प्रद्युम्न की गला रेतकर हत्या कर दी गई थी।
केन्द्र का कहना है, “सवाल यह है कि ऐसी परिस्थिति में अदालत किन साक्ष्यों को आधार बनाएगी, क्योंकि पति और पत्नी के बीच यौन संबंध का कोई अंतिम साक्ष्य नहीं हो सकता।”
उत्तर प्रदेश के गोरखपुर और छत्तीसगढ़ के अस्पताल में बच्चों की मौत की खबर से अभी हम उबरे ही नहीं थे कि अब जमशेदपुर के अस्पताल में एक साथ कई बच्चों की मौत ने चौंका दिया है।