दुनिया भर में सर्च इंजन के जरिए लोगों की मदद करने वाली कंपनी गूगल भी वित्तीय चोरी के मामले में फंस गई है। कंपनी के पेरिस मुख्यालय में आयकर मामले में छापे मारे गए हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली राजग सरकार के दो साल पूरे होने के अवसर पर उद्योग मंडल एसोचैम ने कहा कि इस सरकार को टैक्स विवादों और बैंकिंग प्रणाली में फंसे हुए कर्ज पर ‘अभी बहुत कुछ करने की जरूरत’ है।
केबीसी की कमाई से संबंधित 15 साल पुराने आयकर मामले में बॉलीवुड अभिनेता अमिताभ बच्चन फंसते नजर आ रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने इनकम टैक्स विभाग को अमिताभ से जुड़े इस केस को दोबारा खोलने की इजाजत दे दी है
भारत में काला धन आने-जाने के एक बड़े रास्ते पर अब पहरे की पहल हुई है। वर्षों से मॉरीशस के साथ ऐतिहासिक संबंधों के कारण करों में बड़ी रियायत की एक टैक्स संधि के प्रावधान का दुरुपयोग कई कंपनियों द्वारा किया जा रहा था। व्यापारी ही नहीं बड़े अफसर और नेता भी अपने रिश्तेदारों के नाम पर करोड़ों रुपयों का लेन-देन कर रहे थे।
पनामा की लॉ फर्म मोसेक फोंसेका से लीक दस्तावेजों के आधार पर टैक्स हेवन में 500 भारतीयों के नाम के खुलासे के साथ यह सवाल प्रमुखता से उठाया जा रहा है कि क्या वाकई इन लोगों के खिलाफ कोई कानूनी मामला बनता है या नहीं। और, अगर होता इस पूरे खुलासे के दो कानूनी पहलू हैं, जिनपर आगे जाकर स्थिति स्पष्ट होगी-पहला यह कि क्या इन भारतीयों ने भारतीय कानून के तहत यानी कानूनी रूप से करोड़ों रुपये के निवेश किए और दूसरा यह कि कानूनी रूप से नहीं फंसने के बावजूद नैतिक आधार पर यह गलत है।
पनामा पेपर्स लीक मामले में नाम आने के बाद बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन ने बयान जारी कर कहा कि उनके ऊपर लगे आरोप गलत हैं। उन्होने कहा कि टैक्स धोखाधड़ी के आरोप पूरी तरह से गलत हैं।
भारतीय परमाणु प्रतिष्ठानों को भले ही पाकिस्तान की तरह आतंकवादियों से कोई खतरा नहीं हो लेकिन परमाणु आतंकवाद पर लगाम लगाने संबंधी एक अमेरिकी रिपोर्ट कहती है कि भारत की परमाणु संपत्तियों को अंदरुनी खतरा है। इस माह यहां होने वाले परमाणु सुरक्षा शिखर सम्मेलन से पूर्व प्रतिष्ठित हार्वर्ड कैनेडी स्कूल द्वारा जारी रिपोर्ट ‘परमाणु आतंकवाद की रोकथाम: सतत सुधार या खतरनाक गिरावट ’ में यह बात कही गई है।
कुख्यात अपराधी दाऊद इब्रािहम या क्रिकेट के बदनाम बादशाह ललित मोदी को वर्षों के आरोपों के बावजूद आज तक भारत नहीं लाया जा सका। अब 17 भारतीय राष्ट्रीयकृत बैंकों को हजारों करोड़ का चूना लगाकर रंगीले बिजनेस किंग राजनेता विजय माल्या भारत सरकार की आंख-कान-नाक के नीचे से देश छोड़कर भाग गए।
हर महीने थोड़ा-थोड़ा करके जो पैसा आप अपने बुढ़ापे के लिए बचाते हैं उस भविष्य निधि के पैसे पर टैक्स लगाने की मोदी सरकार की घोषणा ने देश के वेतनभोगी तबके को नाराजगी से भर दिया है। इस नाराजगी को देखते हुए केंद्र सरकार अब इस फैसले से पीछे हटने की राह तलाश रही है।
भाजपा सरकार दस कदम आगे बढ़ने के साथ शीर्षासन के अंदाज में दो कदम पीछे हटने की कोशिश में संतुलन खो देती है। बजट को ‘सूट-बूट’ की छवि से निकालने के लिए ग्रामोन्मुख रखा गया, लेकिन वेतनभोगी कर्मचारियों और मजदूरों की खून-पसीने की कमाई की बचत भविष्य निधि के एक हिस्से पर टैक्स का प्रस्ताव रखकर गड़बड़ा गई है।