'अमिताभ बच्चन की बातों पर न जाएं। गुजरात से जुड़े उनके विज्ञापन झूठे हैं। कुछ दिन बिताओ हमारे गुजरात के देहातों में तो असलियत पता चल जाएगी। किसान आत्महत्या कर रहे हैं। युवक सड़कों पर बेकार घूम रहे हैं। तलाटी तक की नौकरी के लिए लाखों रुपये की घूस देनी पड़ती है। क्या यही है गुजरात का विकास मॉडल ?’
चुनाव शपथ पत्रों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की डिग्री गुजरात विश्वविद्यालय से एमए की बताई जाने के बावजूद सोशल मीडिया पर उनकी शैक्षिक योग्यता को लेकर विवाद चल रहा है। #DegreeDikhaoPMSaab हैशटैग से पीएम की डिग्री के बारे में जानकारी मांगी जा रही है। विवाद यह है कि पीएम के प्रोफाइल में पहले गुजरात विश्वविद्यालय से एमए किए जाने की बात कही गई थी। लेकिन दिल्ली के पूर्व कानून मंत्री जितेंद्र तोमर के फर्जी डिग्री मामले के बाद पीएम के प्रोफाइल से एमए की बात निकाल दी गई। सूचना के अधिकार के तहत पीएम कार्यालय से प्रधानमंत्री की डिग्री से जुड़ी जानकारी मांगी गई थी। पीएम कार्यालय से जानकारी नहीं दिए जाने पर इस विवाद को बल मिला है। आधिकारिक प्रतिक्रिया देने के लिए भारत सरकार के पत्र सूचना कार्यालय और गुजरात विश्वविद्यालय के प्रश्ाासनिक कार्यालय में फोन किया गया लेकिन बात नहीं हो सकी।
आमतौर पर लोगों को रचनात्मक चोरियां करने में बड़ा मजा आता है। बगैर मेहनत के दूसरों की मेहनत के फल को अपना बताने की आदत इंसानों में शुरू से रही है। सोशल मीडिया में तो इस तरह की चोरी जमकर होती है। लोग ट्विटर पर दूसरों के चुटकुले ट्वीट कर खूब मजे लेते हैं।
दौसा में हुए सड़क हादसे और एक बच्ची की मौत के मामले में आज भाजपा सांसद हेमा मालिनी ने अपनी चुप्पी तोड़ी। उन्होंने बच्ची के पिता को ही उसकी मौत के लिए जिम्मेदार ठहराया है। सनसनी फैलाने के लिए हेमा ने मीडिया के रुख की भी कड़ी आलोचना की है।
सोशल मीडिया से राहुल गांधी की हिचक बनी हुई है। उन्होंने ट्विटर अकाउंट भी खोला तो अपने ऑफिस के नाम से। वह खुद जनता से संवाद करने के बजाय अपने ऑफिस से संदेश भिजवा रहे हैं। उम्मीदें लगाई जा रही हैं कि जल्द ही राहुल गांधी खुद भी सोशल मीडिया पर आएंगे।
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी अगर अपना ट्विटर अकांउट नहीं खोल रहे तो इसके पीछे वजह क्या है ? क्या यह उनका व्यक्तिगत फैसला है, या उनके सलाहकारों द्वारा चुना गया रास्ता ? ये सवाल और इनके सीधे-सीधे जवाब ढूंढने मुश्किल हैं, लेकिन एक बात तो तय है कि अभी भी कांग्रेस में नए निजाम और पुराने निजाम में टकराहट का भी नतीजा है।
लम्बी छुट्टी से लौटकर सियासी सक्रियता दिखा रहे कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी को पार्टी के महासचिव दिग्विजय सिंह ने गुरुवार को सलाह दी कि वह सोशल मीडिया पर आकर इस लोकप्रिय माध्यम का फायदा उठाए और अपने बारे में भाजपा के कथित दुष्प्रचार का जवाब दें।