शीना बोरा हत्याकांड में एक नया खुलासा हुआ है। शीना के पिता सिद्धार्थ मुखर्जी पहली बार मीडिया के सामने आए हैं। उन्होंने दावा किया है कि शीना और मिखाइल उन्हीं के बच्चे हैं। हालांकि, इंद्राणी से उनकी कभी शादी नहीं हुई और दोनों बच्चे शादी के बिना ही पैदा हुए थे। दास का कहना है शीना हत्याकांड से पर्दा उठाने के लिए वह पुलिस जांच में सहयोग के लिए तैयार हैं।
भाजपा सांसद शत्रुघ्न सिन्हा अपने ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधने में नहीं चूक रहे। पिछले कुछ दिनों से नीतीश कुमार के संग नजदीकियां बढ़ा रहे शत्रुघ्न ने इस बार मांझी द माउंटेन मैन फिल्म के बहाने नरेंद्र मोदी के डीएनए वाले बयान पर निशाना साधा है।
नागरिकों की निजता खतरे में है। हर कदम पर यह खतरा महसूस होने लगा है। आधार कार्ड से लेकर डीएनए विधेयक तक और गली-मोहल्ले में कानून का हवाला देकर फैली नैतिक पुलिसिंग तक। मुंबई में पुलिस ने होटल पर छापा मारकर वहां कमरों में टिके युगलों को अपराधियों की तरह निकाला और उनके साथ बदसलूकी की। उन्हें सार्वजनिक अश्लीलता संबंधी कानून के तहत दोषी बताया गया। क्या यह किसी सभ्य-परिपक्व राज्य की निशानी है। नहीं।
राजनीतिक-आर्थिक-सामाजिक सत्ता क्रम को नियंत्रित करने वाले वर्गों, समूहों, समुदायों और संस्थाओं के इस्तेमाल की भाषा में उनके वर्चस्ववादी पूर्वग्रहों के शब्द-संकेत देखे और व्याख्यायित किए जा सकते हैं। भारत की आजादी के 68 वर्ष बीतने पर हमारे राजनीतिक और सुरक्षा प्रतिष्ठानों के चालू विमर्श में हम ऐसे दो चलताऊ जुमलों की निशानदेही करना चाहेंगे जिनके निहितार्थ हमारी स्वतंत्रता सीमित करने के संदर्भ में गंभीर हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मुजफ्फरपुर रैली और इसके बाद गया रैली में उनके दिए भाषणों में ‘डीएनए’ टिप्पणी के जिक्र पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सख्त प्रतिक्रिया जताई है। उन्होंने सोमवार को ट्वीट कर कहा कि उनके शब्दवापसी अभियान के तहत बिहार की 50 लाख जनता अपने डीएनए सैंपल मोदीजी को भेजेगी।
सेलेब्रिटी जो न करें सो कम है। एक हैं हॉलीवुड स्टार फराह अब्राहम। मदाम अपना डीएनए बेच रही हैं वह भी सिर्फ 99 डॉलर में। आखिर सेलेब्रिटी का डीएनए हैं जो भी खरीदेगा फराह से करीब होने का अहसास तो होगा ही।
सिंगापुर के संस्थापक जनक ली क्वान यू का 91 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। उन्होंने आधी सदी से अधिक समय तक देश की राजनीति में अपना प्रभुत्व बनाए रखा और पूर्व ब्रिटिश उपनिवेश को एक वैश्विक व्यापार एवं वित्तीय शक्ति में तब्दील कर दिया।