प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केरल की एक चुनावी सभा में कहा है कि पिछले साठ सालों के दौरान यहां जिन्होंने राज किया है, उन्होंने केरल को बरबाद करने के सिवाय कुछ नहीं किया।
स्वास्थ्य गड़बड़ होने पर मुंह का स्वाद बदल जाता है। इसी तरह भारत में मौसम के साथ महंगाई बढ़ने पर आम आदमी के दांत खट्टे भले ही न हों, दाल खट्टी और चीनी कड़वी लगने लगती है। एक तरफ किसानों को अनाज, तिलहन और गन्ने का सही दाम नहीं मिलता और कर्ज से तंग आकर लोग आत्महत्या करते हैं, दूसरी तरफ कालाबाजारी और सूदखोर दलाल एवं व्यापारियों का एक वर्ग मनमाने ढंग से मूल्य वसूलते हैं।
योजना आयोग के स्थान पर बनी नई संस्था नीति आयोग दरअसल हिन्दी नहीं बल्कि इसके अंग्रेजी नाम नेशनल इंस्टीट्यूट फार ट्रांसफार्मिंग इंडिया का संक्षिप्त स्वरूप है। नीति अंग्रेजी वर्णों का प्रतिनिधित्व करता है।
थोक मूल्य मुद्रास्फीति में चार महीने से चल रहा तेजी का सिलसिला जनवरी में टूट गया और इस महीने यह घटकर शून्य से 0.9 प्रतिशत नीचे रही। खाद्य उत्पादों, मुख्य तौर पर सब्जियों और दलहन के सस्ते होने से जनवरी में थोक मुद्रास्फीति नरम पड़ी है।
बिहार चुनाव में क्यों इतनी क्रूरता से पलटा भाजपा का भाग्य। भाजपा के प्रवक्ता और समर्थक महागठबंधन के अंकगणित और विपक्षी एकता को ही बढ़-चढ़कर अपनी हार की मुख्य वजह बताने मे लगे हैं। इस बहस में यह तथ्य बिल्कुल ही नजरअंदाज कर दिया गया कि हाल के चुनाव में भाजपा के परंपरागत मतदाताओं के अच्छे खासे प्रतिशत ने पार्टी का साथ छोड़ दिया।
सरकार ने 1 अक्टूबर से अगले छह महीने तक के लिए प्राकृतिक गैस मूल्य में 16 प्रतिशत तक की कटौती लागू कर दी है। सरकार द्वारा पिछले साल अक्टूबर में अनुशंसित फॉर्मूले के मुताबिक, प्राकृतिक गैस का मूल्य घटकर 4.24 डॉलर प्रति दस लाख ब्रिटिश थर्मल यूनिट हो जाएगा जो फिलहाल 5.50 डॉलर प्रति एमएमबीटीयू है। इससे जल्द ही सीएनजी और पीएनजी मूल्यों में कटौती की संभावना है।
चुनाव आयोग का बिगुल बजने से पहले और चुनाव अभियान चल निकलने के साथ ही आगामी विधानसभा चुनावों ने राष्ट्रीय स्तर पर अपने नतीजे दिखाने शुरू कर दिए। कुछ बानगी:
उत्तराखंड सरकार ने राज्य में पेट्रोल पर 17 रुपये प्रति लीटर की दर से एकमुश्त कर लगाने का फैसला किया है, जिससे प्रदेश में पेट्रोल के दाम मौजूदा कीमत से 5.10 रुपये प्रति लीटर बढ़ जाएंगे।