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Search Result : "दलित की बेटी"

डांगावास हिंसा के शिकार एक और दलित की मौत

डांगावास हिंसा के शिकार एक और दलित की मौत

दलितों पर अत्‍याचार का गढ़ बनते जा रहे नागौर जिले के डांगावास गांव में दबंगों की हिंसा के शिकार एक और व्‍यक्ति ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया है। गत 14 मई को जाट समुदाय के लोगों ने जमीन विवाद में तीन दलित कों ट्रैक्‍टर से कुचलकर मार डाला था, जबकि करीब दर्जन भर लोग बुरी तरह घायल हैं।
राजस्थान में दलित क्यों असुरक्षित

राजस्थान में दलित क्यों असुरक्षित

राजस्‍थान में पिछले डेढ़-दो साल में दलित और सामाजिक तौर पर उपेक्षित वर्गों के खिलाफ अत्याचार की घटनाओं में बढ़ोत्तरी हुई है। पिछले छह माह में दलित अत्याचारों की लहर सी आ गई है।
राजस्थान के गांव में दलितों की हत्या, बलात्कार से तनाव

राजस्थान के गांव में दलितों की हत्या, बलात्कार से तनाव

राजस्‍थान के नागौर जिले के डांगावास गांव में दबंग जाट जाति के एक व्यक्ति की हत्या के बाद में तीन दलितों को ट्रैक्टर से रौंद कर मार डालने की घटना के बाद सामाजिक तनाव गहरा गया है।
आधी आबादी की आवाज

आधी आबादी की आवाज

महिलाओं को आवाज उनके विचारों से मिलती है, उनके विचार उनकी भावनाओं से उपजते हैं और भावनाएं जब उफान पर होती है तब एक स्त्री कविता रचती है। दलितों और महिलाओं के संघर्ष को आवाज देने और उनके अधिकारों के लिए काम करने वाली संस्था रमणिका फाउंडेशन और दलित लेखक संघ कविता और कहानी पाठ के कार्यक्रम आयोजित करता रहा है।
शर्मः 25 फीसदी भारतीयों ने कबूला छूआछूत

शर्मः 25 फीसदी भारतीयों ने कबूला छूआछूत

अस्पृश्यता यानी छूआछूत उन्मूलन के 65 साल बाद भी हर चार भारतीयों में एक अपने घरों में किसी न किसी रूप में छूआछूत का पालन करता है। चौंकाने वाला यह तथ्य एक अखिल भारतीय सर्वेक्षण में सामने आया है जिसे यहां दलित बुद्धिजीवियों, लेखकों एवं विद्वानों की एक सम्मेलन में पेश किया गया।
चलती बस में रहम की भीख मांगती रहीं मां-बेटी

चलती बस में रहम की भीख मांगती रहीं मां-बेटी

दामिनी कांड के बाद भी महिलाओं से चलती बस में छेड़छाड़ का सिलसिला थमा नहीं है। अब पंजाब में गुंडों से बचाने के लिए मां-बेटी गुहार लगाती रहीं, लेकिन किसी को रहम नहीं आया। कोई मदद के लिए आगे नहीं बढ़ा। आखिरी दम तक जूझने के बाद बस से गिरकर बेटी की मौत, मां बुरी तरह घायल।
गहरे संकट से भिड़ना होगा वाम को

गहरे संकट से भिड़ना होगा वाम को

सीताराम येचुरी भारतीय वामपंथी आंदोलन के एक जाने-माने चेहरा हैं। हिंदी, अंग्रेजी, तेलुगु, बांग्ला भाषा में मजबूत पकड़ रखने के साथ एक-दो और भाषाओं के ज्ञाता है 62 वर्षीय येचुरी। मिलनसार स्वभाव वाले इस मृदुभाषी वाम नेता के कंधों पर भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) की गहरे संकट में फंसी नाव को निकालने की जिम्मेदारी है।
पिछड़े वर्ग के कई नेता आरक्षण के समर्थक नही

पिछड़े वर्ग के कई नेता आरक्षण के समर्थक नही

उतर प्रदेश की भाजपा सरकार में मंत्री रह चुके अशोक यादव पिछड़े वर्ग को मिलने वाले आरक्षण के प्रबल समर्थक हैं। उत्तर प्रदेश में जब राजनाथ सिंह मुख्य‍मंत्री थे तब पिछड़े वर्ग को मिलने वाले आरक्षण में छेड़छाड़ का प्रयास किया था। यादव ने इसके विरोध में मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। तबसे आज तक यादव पिछड़े वर्ग के हित की लड़ाई लड़ रहे हैं। यादव कहते हैं कि अगर पिछड़ों को मिलने वाले आरक्षण में फिर छेड़छाड़ हुई तो पूरे देश में आंदोलन होगा। पेश हैं प्रमुख अंश-
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