जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी छात्र संघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार को जमानत पर जेल से रिहा कर दिया गया है। गुरुवार की शाम करीब साढ़े छह बजे कन्हैया को जेल से रिहा किया गया और वह वापस जेएनयू पहुंच चुके हैं।
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार को दिल्ली हाईकोर्ट ने अंतरिम जमानत दे दी। देशद्रोह के आरोप में जेल में बंद कन्हैया को अदालत ने कुछ शर्तों के साथ छह महीने की अंतरिम जमानत दी है।
हैदराबाद विश्वविद्यालय के छात्रावास में खुदकुशी करने वाले दलित शोधार्थी रोहित की मां राधिका ने शुक्रवार को कहा कि केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने रोहित के संबंध में संसद में सरासर झूठ बोला है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि स्मृति ईरानी और रोहित की मौत के लिए जिम्मेदार दूसरे लोगों के लिए उम्रकैद की सजा भी पर्याप्त नहीं होगी।
दिल्ली पुलिस ने राजद्रोह के मामले में दक्षिण दिल्ली के एक थाने में जेएनयूएसयू के अध्यक्ष कन्हैया कुमार, उमर खालिद और अनिर्बन भट्टाचार्य से पहली बार एक साथ पूछताछ की है।
माकपा की अगुवाई में आज विपक्ष ने हैदराबाद विश्वविद्यालय के दलित छात्र रोहित वेमुला की आत्महत्या और जेएनयू से जुड़ी घटना को लेकर सरकार पर तीखा हमला बोला और घटनाओं की जांच के लिए एक संसदीय समिति गठित करने की मांग की। वहीं सत्ता पक्ष ने इस बात पर जोर दिया कि विश्वविद्यालय को देशविरोधी गतिविधियों का केंद्र नहीं बनने देना चाहिए।
राज्यसभा में बजट सत्र का पहला कामकाजी दिन हंगामे की भेंट चढ गया। बसपा प्रमुख मायावती ने दलित छात्र रोहित वेमुला की आत्महत्या को लेकर सरकार पर हमला बोला जिसपर उनके और स्मृति ईरानी के बीच जमकर तकरार हुई। स्मृति ईरानी ने रोहित की मौत का उपयोग एक राजनीतिक हथियार और रणनीति की तरह किए जाने का आरोप लगाया। तो मायावती ने सरकार पर दलित विरोधी होने का। साथ ही बसपा सुप्रीमो ने इस मामले में गठित जांच समिति में एक दलित सदस्य को शामिल नहीं करने को लेकर भी सरकार से जवाब की मांग की।
दिल्ली पुलिस ने दिल्ली हाईकोर्ट मे दावा किया कि देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किए गए जेएनयू छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार ने ही परिसर में उस कार्यक्रम का आयोजन किया था जिसमें कथित तौर पर देश विरोधी नारेबाजी की गई थी।
सिंहासन के लिए महाभारत और रामायण युग के षडयंत्रों की कहानियां भारत के गौरवशाली इतिहास के साथ सुनाई-पढ़ाई जाती रही हैं। इसलिए अरविंद केजरीवाल और नरेंद्र मोदी को षडयंत्रों की सूचनाओं पर क्या अधिक चिंतित होकर जनता के दरबार में गुहार लगानी चाहिए?