भारत में नोटबंदी से नकदी की गंभीर समस्या पैदा हुई और इससे उपभोग बुरी तरह प्रभावित हुआ। अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष के एक अधिकारी ने कहा कि नोटबंदी ने नकदी को वैक्यूम क्लीनर की तरह सोख लिया। अब धीमी रफ्तार से नकदी को बदला जा रहा है।
सरकार ने आज स्पष्ट किया कि एक हजार रुपये का नोट लाने की उसकी कोई योजना नहीं है। इस समय उसका ध्यान निम्न मूल्यवर्ग के नोटों का उत्पादन बढ़ाने पर है। आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकांत दास ने कहा कि एटीएम में नकदी की कमी की शिकायतों पर ध्यान दिया जा रहा है। उन्होंने लोगों से भी आग्रह किया है कि वह जरूरत से ज्यादा ध्यान नहीं निकालें।
देश में कैशलेस व्यवस्था को स्थापित करने के लिए केन्द्र सरकार बड़े कैश विड्रॉवल पर टैक्स लगाने का मसौदा तैयार कर रही है। इस मसौदे को अगर सरकार मंजूरी दे देती है तो 1 फरवरी को बजट 2017-18 में इसके लिए प्रावधान की घोषणा कर दी जाएगी।
एटीएम से नकदी निकालने की सीमा 2,500 रुपये से बढ़ाकर 4,500 रुपये कर दी गई है। यह व्यवस्था पहली जनवरी से प्रभावी होगी। लेकिन सप्ताह में 24 हजार रुपये निकालने की सीमा अभी भी जारी रहेगी। यह जानकारी रिजर्व बैंक बैंक ऑफ इंडिया की ओर से देर रात दी गई।
योग गुरु बाबा रामदेव ने कहा है कि सरकार को नोटबंदी से पैदा हुई नकदी की कमी को नए साल तक दूर कर देना चाहिए। एक प्रतिष्ठित अंग्रेजी अखबार को दिए गए साक्षात्कार में उन्होंने कहा कि प्रशासन के सामने यह तय करने की चुनौती है कि सरकार पर लोगों के भरोसे को कोई झटका न लगे।
वैश्विक स्तर पर दिक्कतों तथा घरेलू मोर्चे पर नकदी की कमी की वजह से कर्मचारियों या नौकरी तलाश कर रहे लोगों के लिए नया साल चुनौतीपूर्ण रहेगा। कर्मचारी पहले से ही देखो और इंतजार करो की नीति अपना रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि वेतनवृद्धि में भी कमजोर रुख दिख रहा है।