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सिंधू, साक्षी और दीपा के साथ जीतू राय को मिला खेल रत्न पुरस्कार

सिंधू, साक्षी और दीपा के साथ जीतू राय को मिला खेल रत्न पुरस्कार

नारी शक्ति की जयकार का अनूठा नजारा आज राष्ट्रपति भवन में देखने को मिला जब रियो ओलंपिक में शानदार प्रदर्शन करने वाली बैडमिंटन खिलाड़ी पी वी सिंधू, पहलवान साक्षी मलिक और जिम्नास्ट दीपा करमाकर को राष्ट्रपति ने राजीव गांधी खेल रत्न से नवाजा। इनके साथ ही निशानेबाज जीतू राय को भी देश का यह सर्वोच्च खेल पुरस्कार प्रदान किया गया।
हरियाणा पहुंचीं साक्षी, भव्य स्वागत

हरियाणा पहुंचीं साक्षी, भव्य स्वागत

रियो ओलंपिक खेलों में भारत को पहला पदक दिलाने वाली पहलवान साक्षी मलिक के बुधवार को रियो डि जिनेरियो से चंडीगढ़ पहुंचने पर राज्य सरकार की ओर से उनका भव्य स्वागत किया गया। साक्षी आज तड़के राजधानी पहुंची और सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी के मंत्रियों ने उनकी अगवानी की।
पीवी सिंधू और साक्षी मलिक सहित चार खिलाडि़यों को खेल रत्न पुरस्कार

पीवी सिंधू और साक्षी मलिक सहित चार खिलाडि़यों को खेल रत्न पुरस्कार

सरकार ने पहली बार अप्रत्याशित कदम उठाते हुए इस साल चार खिलाडि़यों को देश का सर्वोच्च खेल सम्मान राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार देने का फैसला किया है। इनमें ओलंपिक पदक विजेता पीवी सिंधू और साक्षी मलिक के अलावा जिम्नास्ट दीपा कर्मकार और निशानेबाज जीतू राय भी शामिल हैं। खेल मंत्रालय ने आज इसकी घोषणा की।
‘बेटी ने छाती चौड़ी कर दी’

‘बेटी ने छाती चौड़ी कर दी’

अपने दादा-दादी का नाम लेकर मैदान में उतरने वाली साक्षी मलिक का पैतृक गांव मोखरा जश्न में डूबा है। शहर के सेक्टर-3 स्थित मकान नंबर 45 में माहौल ऐसा, मानो कि मेला लगा हो। आधी रात से शुरू पटाखों का धूम-धड़ाका अभी तक थम नहीं रहा, वहीं बैंड-बाजे, हरियाणवी गीतों पर नाच-गाना भी जमकर हो रहा है। पिता सुखबीर मलिक और मां सुदेश मलिक तो खुशी के मारे ‘बावले’ से घूम रहे हैं। आंखों में खुशी के आंसू लिए कहते हैं, ‘बेटी ने छाती चौड़ी कर दी, बता दिया बेटियां किसी से कम नहीं।’
साक्षी ने ओलंपिक में कांस्य जीत इतिहास रचा

साक्षी ने ओलंपिक में कांस्य जीत इतिहास रचा

साक्षी मलिक ने महिला कुश्ती की 58 किग्रा स्पर्धा में रेपेचेज के जरिये कांस्य पदक जीतकर आज यहां रियो ओलंपिक खेलों में भारत को पदक तालिका में जगह दिलाई और 11 दिन की मायूसी के बाद भारतीय प्रशंसकों को जश्न मनाने का मौका दिया।
हरियाणा ने साक्षी को 2.5 करोड़ का इनाम और सरकारी नौकरी देने की घोषणा की

हरियाणा ने साक्षी को 2.5 करोड़ का इनाम और सरकारी नौकरी देने की घोषणा की

रियो ओलिंपिक में कांस्य पदक जीतने वाली भारत की महिला पहलवान साक्षी मलिक को हरियाणा सरकार ने 2.5 करोड़ रुपए और सरकारी नौकरी देने का ऐलान किया है। हरियाणा की साक्षी ने किर्गिस्तान की पहलवान एसुलू तिनिवेकोवा को 8-5 से हराकर इतिहास रच दिया। साक्षी इसके साथ ही ओलिंपिक में पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला पहलवान बन गई। उन्होंने कांस्य पदक उसी तरह जीता जैसे सुशील कुमार ने 2008 में पेइंचिंग ओलिंपिक में जीता था। 2012 लंदन ओलिंपिक में योगेश्वर दत्त ने भी रेपशाज के जरिए कांस्य अपने नाम किया था।
अब कोई नहीं कहेगा कि लड़कियां कुश्ती लड़ती अच्छी नहीं लगती : साक्षी के पिता

अब कोई नहीं कहेगा कि लड़कियां कुश्ती लड़ती अच्छी नहीं लगती : साक्षी के पिता

रियो ओलंपिक में भारत को पहला तमगा दिलाने वाली साक्षी मलिक के अखाड़े में उतरने के फैसले पर बिरादरी के लोगों का विरोध झेलने वाले उनके पिता सुखबीर मलिक का सीना आज फख्र से चौड़ा है और उन्होंने कहा कि अब उनसे कोई नहीं कहेगा कि लड़कियां पहलवानी करती अच्छी नहीं लगतीं। साक्षी की उपलब्धि अन्य लड़कियों के लिए प्ररेणा बनेगी।
कांस्य पदक मेरी 12 बरस की मेहनत का नतीजा: साक्षी

कांस्य पदक मेरी 12 बरस की मेहनत का नतीजा: साक्षी

कांस्य पदक के साथ रियो ओलंपिक में भारत के पदक का सूखा खत्म करने वाली भारतीय महिला पहलवान साक्षी मलिक ने कहा कि यह उनके 12 सालों की कड़ी मेहनत का नतीजा है।
आलू के परांठे और कढ़ी चावल खाना चाहती है साक्षी

आलू के परांठे और कढ़ी चावल खाना चाहती है साक्षी

पदक तक पहुंचने के लिए लंबी तपस्या की है साक्षी ने। साक्षी को अर्सा हो गया अपना मनपंसद खाना खाए। घर लौटकर अब वह आलू के परांठे और कढ़ी चावल खाना चाहती है।
जाट आंदोलनकारियों और सरकार के बीच बातचीत को लेकर टकराव

जाट आंदोलनकारियों और सरकार के बीच बातचीत को लेकर टकराव

रोहतक सहित प्रदेश के 12 जिलों में धरना लगाए बैठे जाट आंदोलनकारियों एवं राज्य सरकार के बीच आज चंडीगढ़ में प्रस्तावित बातचीत के शुरू होने से पहले इस पर विफलता के बादल मंडरा रहे हैं। बातचीत होगी या नहीं, इसे लेकर संशय की स्थिति है क्योंकि आंदोलनकारियों ने साफ कर दिया है कि सरकार से बातचीत के लिए उन्हें खापों के नेता या अन्य कोई तीसरा पक्ष हरगिज मंजूर नहीं।
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