महिला को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बरही ले जाने के लिए उसका पति स्वास्थ्य केंद्र से करीब डेढ़ घंटे तक गुहार लगाता रहा। महिला के परिजनों ने आरोप लगाया कि महिला को एंबुलेंस नहीं मिली।
दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल के गायनी विभाग के डॉक्टरों की लापरवाही आए दिन बढ़ती ही जा रही है। अभी बच्चा बदले जाने के आरोप से छुटकारा भी नहीं मिला था कि रविवार को गायनी विभाग के डॉक्टरों ने लापरवाही की हद पार कर दी है।
सोशल मीडीया द्वारा लोगों की मदद करने वाली विदेशमंत्री सुषमा स्वराज ने आज एक बार फिर ट्विटर के जरिये दो दिन के नवजात शिशु की हॉर्ट सर्जरी करवाने के लिए मदद की पेशकश की। इसके बाद विदेशमंत्री ने मदद की अपील करने वाले से बच्चे के परिवार का नंबर मांगा।
पुणे में रूबी हाॅल क्लीनिक ने एक नवजात बच्ची के इलाज के लिए बंद हो चुके पुराने नोट लेने से कथित तौर पर इनकार कर दिया, जिससे उसकी मौत हो गई। बच्ची को केईएम अस्पताल के आईसीयू में रखा गया था। जहां रविवार की सुबह उसकी मौत हो गई।
मुंबई से एक नवजात बच्चे के साथ महिला व तीन अन्य लोगों के इस्लामिक स्टेट से जुड़ने के लिए देश छोड़कर जाने का मामला सामने आया है। ये लोग जून में गए थे। 26 वर्षीय अशफाक अहमद, उसकी पत्नी, 22 वर्षीय भतीजा मोहम्मद सिराज और 30 वर्षीय एजाज रहमान देश छोड़ दिए। अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार क्राइम ब्रांच के एक अधिकारी ने बताया, यह आश्चर्य कर देने वाली बात है कि एक परिवार के चार लोग प्रतिबंधित संगठन से जुड़ने चले गए। हम लोग उपदेशक मोहम्मद हनीफ से अशफाक और उसके परिवार को आईएस की ओर आकर्षित करने के रोल पर पूछताछ कर रहे हैं।
दुनिया में भले ही हर तरफ विकास की बात कही जा रही है लेकिन नवजात बच्चों की दुर्दशा पर कुछ खास ध्यान नहीं दिया जा रहा है। या यूं कहें कि विश्व का मानव समाज इस मसले पर मौन होकर अपनी हार स्वीकार करता जा रहा है। मानव समुदाय एक तरह से नवजात श्िाशुओं की हिफाजत नहीं कर पा रहा है। संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनीसेफ) की ताजा रिपेार्ट में कहा गया है कि दुनिया में विभिन्न तरह के संक्रमण की वजह से पैदा होने के साथ ही दस लाख बच्चों ने दम तोड़ दिया।