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उपराष्ट्रपति अंसारी करेंगे आसेम सम्मेलन में भारत की अगुवाई

उपराष्ट्रपति अंसारी करेंगे आसेम सम्मेलन में भारत की अगुवाई

इसी सप्ताह मंगोलिया में हो रहे ग्यारहवें आसेम सम्मेलन में आतंकवाद समेत विभिन्न महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हो सकती है। उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी इस सम्मेलन में भारतीय प्रतिनिधिमंडल की अगुवाई करेंगे।
कैबिनेट विस्तार: मोदी ने लिया था टेस्ट, 10 सांसदों को छोड़ सभी फेल

कैबिनेट विस्तार: मोदी ने लिया था टेस्ट, 10 सांसदों को छोड़ सभी फेल

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पार्टी अध्‍यक्ष अमित शाह ने कैबिनेट विस्‍तार से पहले अपने मंत्रियों और सांसदों का एक स्‍क्रीनिंग टेस्‍ट लिया। जिसमें पार्टी के महज दस सासंद ही 100 में 100 अंक हासिल कर सके। वोटरों की राय, संसद और मंत्रालय में कामकाज के आधार पर टेस्‍ट में ग्रेडिंग दी गई। सूत्रों के अनुसार इस टेस्‍ट के बाद ही पीएम मोदी और शाह ने योग्‍य नेताओं को मंत्री पद से नवाजा।
फाइनेंस से हटाकर एविएशन में क्यों भेजा गया जयंत सिन्हा को

फाइनेंस से हटाकर एविएशन में क्यों भेजा गया जयंत सिन्हा को

कभी अति सक्रियता और कभी संयम खोकर लक्ष्मण रेखा पार कर जाना। स्मृति ईरानी की तरह इसी कारण संघ की नाराजगी के चलते जयंत सिन्हा का भी विभाग बदला। उनके मामले में एक अतिरिक्त तथ्य यह भी रहा कि उन्होंने कॉरपोरेट घरानों की लॉबी को नाराज कर रखा था। उन्हें अपेक्षाकृत कम महत्वपूर्ण मंत्रालय नागर विमानन मंत्रालय में राज्यमंत्री बनाकर भेजा गया। हालांकि, स्मृति ईरानी के मानव संसाधन विकास मंत्रालय से कपड़ा मंत्रालय में बदली की चर्चा के बीच जयंत सिन्हा का विभाग बदले जाने की बात दब गई।
स्मृति के मंत्री बनने से पहले कपड़ा मंत्रालय को मिले छह हजार करोड़

स्मृति के मंत्री बनने से पहले कपड़ा मंत्रालय को मिले छह हजार करोड़

स्मृति ईरानी को कपड़ा मंत्रालय मिलने से भले ही यह कहा जा रहा है कि उनका डिमोशन किया गया है। लेकिन जानकारों का कहना है कि हाल ही कपड़ा मंत्रालय को विशेष पैकेज के तहत छह हजार करोड़ रूपये दिया गया जो प्रधानमंत्री की महत्वकांक्षी योजना कौशल विकास को आगे ले जाने में सहायक होगी। स्‍मृति को मंत्रालय दिए जाने के पीछे कहा जा रहा है कि इसकी पृष्ठभूमि पहले से ही तैयार कर ली गई थी।
स्मृति ईरानी का मंत्रालय जब टकराया प्रधानमंत्री कार्यालय से

स्मृति ईरानी का मंत्रालय जब टकराया प्रधानमंत्री कार्यालय से

स्मृति इरानी के मंत्रालय में हुए फेरबदल के पीछे क्या एक बड़ी वजह प्रधानमंत्री कार्यालय से हुई सीधी भिंडत है या फिर कुछ और। जब से स्मृति इरानी से इस पदभार को संभाला था, लगातार वह निगेटिव वजहों से चर्चा में बनी हुई थीं। क्या उनके लिए बड़ी राजनीतिक तैयारी की जा रही है। इन तमाम कयासों के बीच, उनके बचे हुए कामों पर
भाजपा का चुनावी चुग्‍गा है यूनिफार्म सिविल कोड

भाजपा का चुनावी चुग्‍गा है यूनिफार्म सिविल कोड

देश को आजाद हुए पैंसठ साल से अधिक का समय हो गया पर भारत में यूनिफॉर्म सिविल कोड पर अभी तक आम राय नहीं बन पाई है। जब इतने समय पर यह नहीं हो पाया तो भाजपा अब क्‍या सोच समझ कर यूनिफार्म सिविल कोड का ताना-बाना बुनने लगी है। क्‍या छह माह में इसे लागू करने का दम केंद्र की भाजपा सरकार के पास है या यह महज एक चुनावी चुग्‍गा है। जो भाजपा ने यूपी चुनाव से पहले जनता की ओर फेंक दिया है।
आधार कार्ड : 'आम आदमी का अधिकार' नहीं अब 'मेरा आधार, मेरी पहचान' नई टैगलाइन

आधार कार्ड : 'आम आदमी का अधिकार' नहीं अब 'मेरा आधार, मेरी पहचान' नई टैगलाइन

देश के हर नागरिक की पहचान आधार कार्ड की टैगलाइन को बदल दिया गया है। यह कदम कई लोगों से अनुरोध प्राप्त होने के बाद उठाया गया है।
चर्चाः राष्ट्रवादी ‘अपनों’ पर लागू करें कानून | आलोक मेहता

चर्चाः राष्ट्रवादी ‘अपनों’ पर लागू करें कानून | आलोक मेहता

केंद्र सरकार ने विधि आयोग को समान नागरिक कानून का प्रारूप बनाकर देने के लिए कहा है। यह मुद्दा नया नहीं है। वर्षों से इस पर चर्चा होती रही है और विभिन्न समुदायों, दलों, नेताओं द्वारा समय-समय पर समर्थन, असहमति और कुछ विरोध भी होता रहा है।
ढाका हमला: आतंकियों ने सभी बंधकों को गला रेतकर मारा

ढाका हमला: आतंकियों ने सभी बंधकों को गला रेतकर मारा

बांग्लादेश की राजधानी ढाका के गुलशन इलाके में रेस्तरां में आतंकियों ने बंधक बनाए लोगों को निर्मम तरीके से मारा। आतंकियों ने 20 विदेशी नागरिकों की गला रेतकर हत्या कर दी। बांग्लादेशी कमांडो ने छह आतंकवादियों को मार गिराया और एक को जिंदा पकड़ लिया। ढाका पुलिस के दो अधिकारी भी शहीद हो गए।
यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू करने की तैयारी में मोदी सरकार! विधि आयोग से मांगी राय

यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू करने की तैयारी में मोदी सरकार! विधि आयोग से मांगी राय

यूनिफॉर्म सिविल कोड (समान नागरिक संहिता) पर एक बड़ा कदम उठाते हुए केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने विधि आयोग से इस मुद्दे का अध्ययन करने को कहा है। सरकार के इस पहल को समान नागरिक संहिता लागू करने की दिशा में उठाया गया कदम माना जा रहा है जिससे देश का राजनीतिक तापमान बढ़ने की आशंका है।
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