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आप सरकार से नौकरी की पेशकश को रोहित वेमुला के भाई ने ठुकराया

आप सरकार से नौकरी की पेशकश को रोहित वेमुला के भाई ने ठुकराया

हैदराबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय में प्रसासन की कथित प्रताड़ना से तंग आकर आत्महत्या करने वाले दलित शोध छात्र रोहित वेमुला के भाई ने दिल्ली सरकार की तरफ से की गई नौकरी की पेशकश को स्वीकारने से मना कर दिया है। यह जानकारी दिल्ली की आप सरकार ने मंगलवार को दिल्ली हाईकोर्ट में दी है।
कोटा : आत्महत्याएं कैसे रुकें

कोटा : आत्महत्याएं कैसे रुकें

देश में प्राथमिक शिक्षा, उच्च शिक्षा से लेकर तकनीकी शिक्षा पद्धति के विरोधाभास एवं दुविधा की स्थिति के बीच एक बेहतर कल की आस में कोचिंग संस्थाओं के जंजाल में फंसे छात्रों द्वारा आत्महत्या का सिलसिला बदस्तूर जारी है, ऐसे में कोचिंग संस्थानों के नियमन के लिए एक केंद्रीय कानून बनाने की मांग तेज हो गई है।
कल तक नौकरी छोड़ रहे थे आज बयान से पलटे प्रोफेसर रतनलाल

कल तक नौकरी छोड़ रहे थे आज बयान से पलटे प्रोफेसर रतनलाल

इलाहाबाद विश्वविद्याालय के कुलपति प्रोफेसर रतनलाल हांगलू कामकाज में सरकार के हस्तक्षेप के चलते नौकरी छोड़ रहे थे और आज बयान से पलटते हुए कहा कि सब कुछ ठीक चल रहा है। यहां तक की केंद्री मानव संसाधन विकास मंत्री की तारीफ भी कर दी।
स्मृति ईरानी को कुलपति की धमकी, शिक्षकों समेत छोड़ दूंगा नौकरी

स्मृति ईरानी को कुलपति की धमकी, शिक्षकों समेत छोड़ दूंगा नौकरी

इलाहाबाद विश्वविद्यालय में राजनीतिक हस्तक्षेप का आरोप लगाते हुए वहां के कुलपति ने अपने सह शिक्षकों समेत नौकरी छोड़ने की धमकी दी है। यही नहीं उन्होंने कहा है कि केंद्र सरकार चाहे तो किसी सांसद या विधायक को, जो राजनीतिक रुख का समर्थन करता हो, उसे कुलपति बना ले।
चर्चाः शिक्षा न व्यापार, न रहे मोहताज | आलोक मेहता

चर्चाः शिक्षा न व्यापार, न रहे मोहताज | आलोक मेहता

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को एक फैसले में कहा कि ‘शिक्षा व्यापार नहीं बल्कि उत्कृष्‍ट कार्य है। शिक्षा का उद्देश्य देश के लोगों को शिक्षित और सशक्त बनाना है। राज्य सरकारों द्वारा संयुक्‍त प्रवेश परीक्षा लिया जाना या फीस निर्धारित करना शिक्षण संस्‍थानों की स्वायत्तता के अधिकार का उल्लंघन नहीं है।’
18 घंटे का सफर तय कर लातूर पहुंची पानी वाली रेल

18 घंटे का सफर तय कर लातूर पहुंची पानी वाली रेल

भयंकर सूखे से जूझ रहे मराठवाड़ा के लातूर क्षेत्र के लिए एक विशेष ट्रेन लगभग पांच लाख लीटर पानी लेकर आज सुबह पहुंची। यह ट्रेन 18 घंटे की यात्रा करने के बाद लातूर पहुंची।
मोदी का गुजरातः नौकरी मिलनी थी पौने पांच लाख को, मिली सिर्फ 1185 को

मोदी का गुजरातः नौकरी मिलनी थी पौने पांच लाख को, मिली सिर्फ 1185 को

कांग्रेस ने नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) की रिपोर्ट के आधार पर गुजरात की भाजपा सरकार को कठघरे में खड़ा किया है। पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता और अब्दासा से विधायक शक्तिसिंह गोहिल ने कहा है कि गुजरात विधानसभा के बजट सत्र के आखिरी दिन पेश सीएजी की रिपोर्ट राज्य में खुलेआम जारी भ्रष्टाचार और सरकार की अक्षमता का प्रमाणित दस्तावेज है।
याहू करेगी 1,700 लोगों की छंटनी, सीईओ की नौकरी दांव पर

याहू करेगी 1,700 लोगों की छंटनी, सीईओ की नौकरी दांव पर

इंटरनेट क्षेत्र की कंपनी याहू करीब 1,700 कर्मचारियों की छंटनी करने जा रही है। इस क्रम में देखना है कि मुख्य कार्यकारी मेरिसा मेयर की नौकरी बचती है या नहीं।
आवरण कथाः कोचिंग का धंधा, कितना स्याह, कितना सफेद

आवरण कथाः कोचिंग का धंधा, कितना स्याह, कितना सफेद

कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक और कटक से अटक तक कोचिंग का धंधा औपचारिक शिक्षा के साथ-साथ पांव पसार चुका है और इस सच से कोई इनकार नहीं कर सकता। बिहार के मूल निवासी पीयूष कुमार गुजरात के अहमदाबाद में बैंक अधिकारी हैं। परिवार में पत्नी के अलावा सिर्फ एक बेटा है जो दसवीं की परीक्षा पास कर चुका है। मगर बेटा और पत्नी उनके साथ नहीं रहते। दोनों राजस्थान के कोटा में हैं जहां बेटा आईआईटी की प्रवेश परीक्षा पास करने के लिए एक नामी कोचिंग सेंटर में तैयारी कर रहा है। एक और उदाहरण देखें:ओडिशा से इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर चुकी श्वेता कुमारी इंजीनियरिंग क्षेत्र में मंदी के कारण बैंक की नौकरी की तैयारी कर रही हैं। सिलीगुड़ी के अपने घर में रहकर उसने परीक्षा दी मगर लिखित परीक्षा की बाधा पार नहीं हो पाई। उसने दिल्ली का रुख किया और यहां एक कोचिंग से बैंकिंग की तैयारी के बाद पहली बार में ही रिजर्व बैंक और बैंक पीओ की लिखित परीक्षा पास कर ली। ये दो उदाहरण देश में कोचिंग के पूर्ण विकसित हो चुके धंधे की कहानी बयां करते हैं। जरा 15 साल पहले का जमाना याद करें जब कोचिंग का मतलब आपके घर में ही आस-पड़ोस के किसी बेरोजगार युवक द्वारा आपके बच्चों को पढ़ाई में थोड़ी-बहुत मदद कर देना होता था। अब अगर बच्चे को डॉक्टर, इंजीनियर, मैनेजर, प्रशासनिक अधिकारी या किसी सरकारी दफ्तर में क्लर्क ही बनना हो तो औपचारिक शिक्षा की डिग्री के साथ-साथ किसी कोचिंग संस्था का मार्गदर्शन होना अनिवार्य है अन्यथा गला काट प्रतिस्पर्धा के इस दौर में उसका पिछड़ना तय है। सीधे शद्ब्रदों में कहें तो कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक और कटक से अटक तक कोचिंग का धंधा औपचारिक शिक्षा के साथ-साथ पांव पसार चुका है और इस सच से कोई इनकार नहीं कर सकता। साल 2013 में हुए एक आकलन के मुताबिक भारत में कोचिंग इंडस्ट्री लगभग 23.7 अरब डॉलर (160.16 अरब रुपये) की थी, जिसके साल 2015 में 40 अरब डॉलर (270 अरब रुपये) के होने की भविष्यवाणी की गई थी और अगले पांच वर्षों में यह 500 अरब रुपये तक पहुंच सकती है।