Advertisement

Search Result : "नौकरी कोटा"

मोदी का गुजरातः नौकरी मिलनी थी पौने पांच लाख को, मिली सिर्फ 1185 को

मोदी का गुजरातः नौकरी मिलनी थी पौने पांच लाख को, मिली सिर्फ 1185 को

कांग्रेस ने नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) की रिपोर्ट के आधार पर गुजरात की भाजपा सरकार को कठघरे में खड़ा किया है। पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता और अब्दासा से विधायक शक्तिसिंह गोहिल ने कहा है कि गुजरात विधानसभा के बजट सत्र के आखिरी दिन पेश सीएजी की रिपोर्ट राज्य में खुलेआम जारी भ्रष्टाचार और सरकार की अक्षमता का प्रमाणित दस्तावेज है।
याहू करेगी 1,700 लोगों की छंटनी, सीईओ की नौकरी दांव पर

याहू करेगी 1,700 लोगों की छंटनी, सीईओ की नौकरी दांव पर

इंटरनेट क्षेत्र की कंपनी याहू करीब 1,700 कर्मचारियों की छंटनी करने जा रही है। इस क्रम में देखना है कि मुख्य कार्यकारी मेरिसा मेयर की नौकरी बचती है या नहीं।
आवरण कथाः कोचिंग का धंधा, कितना स्याह, कितना सफेद

आवरण कथाः कोचिंग का धंधा, कितना स्याह, कितना सफेद

कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक और कटक से अटक तक कोचिंग का धंधा औपचारिक शिक्षा के साथ-साथ पांव पसार चुका है और इस सच से कोई इनकार नहीं कर सकता। बिहार के मूल निवासी पीयूष कुमार गुजरात के अहमदाबाद में बैंक अधिकारी हैं। परिवार में पत्नी के अलावा सिर्फ एक बेटा है जो दसवीं की परीक्षा पास कर चुका है। मगर बेटा और पत्नी उनके साथ नहीं रहते। दोनों राजस्थान के कोटा में हैं जहां बेटा आईआईटी की प्रवेश परीक्षा पास करने के लिए एक नामी कोचिंग सेंटर में तैयारी कर रहा है। एक और उदाहरण देखें:ओडिशा से इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर चुकी श्वेता कुमारी इंजीनियरिंग क्षेत्र में मंदी के कारण बैंक की नौकरी की तैयारी कर रही हैं। सिलीगुड़ी के अपने घर में रहकर उसने परीक्षा दी मगर लिखित परीक्षा की बाधा पार नहीं हो पाई। उसने दिल्ली का रुख किया और यहां एक कोचिंग से बैंकिंग की तैयारी के बाद पहली बार में ही रिजर्व बैंक और बैंक पीओ की लिखित परीक्षा पास कर ली। ये दो उदाहरण देश में कोचिंग के पूर्ण विकसित हो चुके धंधे की कहानी बयां करते हैं। जरा 15 साल पहले का जमाना याद करें जब कोचिंग का मतलब आपके घर में ही आस-पड़ोस के किसी बेरोजगार युवक द्वारा आपके बच्चों को पढ़ाई में थोड़ी-बहुत मदद कर देना होता था। अब अगर बच्चे को डॉक्टर, इंजीनियर, मैनेजर, प्रशासनिक अधिकारी या किसी सरकारी दफ्तर में क्लर्क ही बनना हो तो औपचारिक शिक्षा की डिग्री के साथ-साथ किसी कोचिंग संस्था का मार्गदर्शन होना अनिवार्य है अन्यथा गला काट प्रतिस्पर्धा के इस दौर में उसका पिछड़ना तय है। सीधे शद्ब्रदों में कहें तो कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक और कटक से अटक तक कोचिंग का धंधा औपचारिक शिक्षा के साथ-साथ पांव पसार चुका है और इस सच से कोई इनकार नहीं कर सकता। साल 2013 में हुए एक आकलन के मुताबिक भारत में कोचिंग इंडस्ट्री लगभग 23.7 अरब डॉलर (160.16 अरब रुपये) की थी, जिसके साल 2015 में 40 अरब डॉलर (270 अरब रुपये) के होने की भविष्यवाणी की गई थी और अगले पांच वर्षों में यह 500 अरब रुपये तक पहुंच सकती है।
नर्सरी दाखिला: केजरीवाल ने खत्म किया मैनेजमेंट कोटा

नर्सरी दाखिला: केजरीवाल ने खत्म किया मैनेजमेंट कोटा

दिल्ली सरकार ने आज एक अहम् फैसला लेते हुए राज्य के स्कूलों में मैनेजमेंट कोटा पूरी तरह से खत्म कर दिया। आम आदमी पार्टी की सरकार के इस फैसले से हर साल दिल्ली के स्कूलों का चक्कर लगाने वाले हजारों अभिभावकों को काफी राहत मिलेगी।
भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ नौकरी में रहते कार्रवाई की सिफारिश

भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ नौकरी में रहते कार्रवाई की सिफारिश

केंद्र सरकार के सभी विभागों से कहा गया है कि वे आईएएस अधिकारियों से जुड़े कथित भ्रष्टाचार के लंबित मामलों की मासिक आधार पर समीक्षा करें ताकि उनके खिलाफ जरूरी कार्रवाई को समय पर और उनके सेवानिवृत्त होने से पहले अंतिम रूप दिया जा सके।
असमंजसः पति की नौकरी गंवाए या आठ माह का गर्भ गिराए

असमंजसः पति की नौकरी गंवाए या आठ माह का गर्भ गिराए

चीन में एक महिला अपने पति की नौकरी बचाने की खातिर आठ माह का गर्भ गिराने की गैरकानूनी पहल पर विचार कर रही है। दरअसल आर्थिक मंदी के दौर से गुजर रहे चीन में छंटनी का दौर चल रहा है और वहां शहरी क्षेत्र में सिर्फ एक बच्चे को ही जन्म देने का कानून है।
योग को खेल घोषित करने की तैयारी, मिलेगा भर्तियों का लाभ

योग को खेल घोषित करने की तैयारी, मिलेगा भर्तियों का लाभ

केंद्र सरकार खेल कोटे के तहत भर्ती प्रक्रिया की नए सिरे से समीक्षा करेगी। योग को खेलों की सूची में शामिल करने पर भी विचार किया जा रहा है।
नौकरी की फिक्र छोड़ कारोबार पर दांव

नौकरी की फिक्र छोड़ कारोबार पर दांव

यकीन करना आसान नहीं हैं। ये तीसेक साल से कुछ ज्‍यादा के नौजवान हैं, जिन्‍होंने पढ़ाई पूरी करने के बाद अच्‍छी नौकरी हासिल भी की और फिर छोड़ भी दी। खुद का कारोबार शुरू किया और कामयाब भी हो गए। आज ये तेजी से बढ़ती ई-कॉमर्स कंपनी के मालिक हैं। मैंने पूछा मल्‍टीनेशनल कंपनी में नौकरी छोड़कर अपना काम शुरू करते हुए असफलता का डर नहीं लगा? आर्थिक दिक्‍कतें नहीं आईं? जवाब देखिए, ज्‍यादा से ज्‍यादा क्‍या होता वापस नौकरी करनी पड़ती। इतनी पढ़ाई और काम करने के बाद इतना भराेसा तो था कि भूखे मरने वाले नहीं हैं। इसलिए ज्‍यादा फ्रिक नहीं हुई।
Advertisement
Advertisement
Advertisement