महात्मा गांधी और जवाहरलाल नेहरू की विरासत वाली कांग्रेस पार्टी हो या डॉ. हेडगेवार और दीनदयाल उपाध्याय के अनुयायियों की भारतीय जनता पार्टी अथवा राममनोहर लोहिया के शिष्यों की समाजवादी पार्टी एवं जनता दल (यू)- चंदे का हिसाब-किताब सूचना के अधिकार के तहत सार्वजनिक करने को तैयार नहीं हो रहे।
आर्थिक सुधारों को गति देते हुए सोमवार को मोदी सरकार ने प्रत्यक्ष विदेशी निवेश नीति (एफडीआई पॉलिसी) में कई बड़े बदलावों का ऐलान किया। नागरिक उड्डयन और रक्षा क्षेत्र में 100 फीसदी एफडीआई को मंजूरी दे दी गई है।
अमेरिकी राष्ट्रपति पद के लिए रिपब्लिकन पार्टी के संभावित उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका के प्रमुख दैनिक अखबार ‘द वाशिंगटन पोस्ट’ पर अपने बारे में झूठी बातें लिखने का आरोप लगाते हुए अखबार के प्रेस अधिकार (क्रिडेन्शियल) निरस्त कर दिए हैं।
न्यायाधीशों के प्रति संपूर्ण समाज में सर्वाधिक सम्मान होता है। निचली अदालतों के फैसलों को चुनौती दी जाती है और अंतिम सीढ़ी यानी सुप्रीम कोर्ट के निर्णय को स्वीकारा जाता है। कभी कभार बेहद मजबूरी होने पर राष्ट्रपति के दरवाजे खटखटाए जाते हैं। अदालतों को न्याय का मंदिर ही माना जाता है।
अदालतें सचमुच इन दिनों कमाल कर रही हैं। सत्तारूढ़ या प्रतिपक्ष के नेताओं को भले ही अदालती न्याय से कष्ट हो रहा है, लेकिन जनता का विश्वास बढ़ता जा रहा है। अब हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने एक मामले की सुनवाई के बाद सख्त आदेश दिया है कि उ.प्र. में सड़कों के किनारे, चौराहे अथवा हाईवे या गलियों में बने अवैध धार्मिक स्थलों को तोड़ दिया जाए।
कानून मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, देश के विभिन्न उच्च न्यायालयों में 458 न्यायाधीशों की कमी है। ये आंकड़े ऐसे समय में आए हैं जब न्यायपालिका और सरकार के बीच हाईकोर्टों में न्यायाधीशों की भावी नियुक्ति को दिशा देने वाले एक दस्तावेज के विभिन्न उपबंधों को लेकर मतभेद हैं।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कहा है कि तंबाकू का सेवन भारत समेत दक्षिण पूर्व एशियाई क्षेत्र में सार्वजनिक स्वास्थ्य से जुड़ा एक बड़ा मुद्दा बना हुआ है। संगठन ने कहा है कि इसके सेवन से हर घंटे औसतन 150 लोगों की मौत होती है। डब्ल्यूएचओ ने सादी पैकेजिंग की वकालत की है जिसमें तंबाकू उत्पादों से ब्रांड और प्रचार संबंधी सूचना हटाना अनिवार्य बनाया जाए।
सुप्रीम कोर्ट ने आज केंद्र सरकार को निर्देश दिया कि वह बलात्कार पीड़ितों को पर्याप्त राहत मुहैया कराने के लिए एक राष्ट्रीय नीति बनाए। साथ ही कोर्ट ने यह भी कहा कि निर्भया कोष जैसा एक अलग कोष बनाना पर्याप्त नहीं है और यह जुबानी जमाखर्च जैसा है।