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चित्तूर में पुलिस मुठभेड़ में लाल चंदन के 20 तस्कर मारे गए

चित्तूर में पुलिस मुठभेड़ में लाल चंदन के 20 तस्कर मारे गए

आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले में सेषचलम पर्वतीय श्रृंखला में पुलिस के साथ मुठभेड़ में लाल चंदन के 20 कथित तस्कर मारे गए। यद्यपि पड़ोसी राज्य तमिलनाडु में राजनीतिक दलों ने पुलिस कार्रवाई को बर्बर बताते हुए इसकी निंदा की और दावा किया कि मारे गए लोगों में से 12 व्यक्ति उनके राज्य के श्रमिक थे।
भाजपा सरकार ने भी किया खेमका का तबादला

भाजपा सरकार ने भी किया खेमका का तबादला

राबर्ट वाड्रा के जमीन सौदों पर सवालिया निशान लगा कर सुर्खियों में आए आइ एएस अधिकारी अशोक खेमका का भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने भी तबादला कर दिया है। खेमका ने अपने तबादले को तकलीफदेह करार देते हुए कहा कि बेइंतहा सीमाबद्धताओं और पैठ जमाए स्वार्थों के बावजूद उन्होंने भ्रष्टाचार समाप्त करने और राज्य परिवहन विभाग में सुधार लाने का प्रयास किया।
खेमका के तबादले पर भाजपा में अलग-अलग सुर

खेमका के तबादले पर भाजपा में अलग-अलग सुर

राबर्ट वाड्रा के जमीन सौदों पर सवालिया निशान लगा कर सुर्खियों में आए व्हिसलब्लोअर आईएएस अधिकारी अशोक खेमका के तबादले से भाजपा में दो राय बन गई है। हरियाणा की भाजपा सरकार के दो मंत्रियों के अलग-अलग सुर हैं।
मोदी ने राउरकेला का आधुनिक संयंत्र राष्ट्र को समर्पित किया

मोदी ने राउरकेला का आधुनिक संयंत्र राष्ट्र को समर्पित किया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को राउरकेला इस्पात संयंत्र (आरएसपी) में 12,000 करोड़ रुपये की विस्तार एवं आधुनिकीकरण परियोजना राष्ट्र को समर्पित की। इस परियोजना के तहत एक नई प्लेट मिल लगाई गई है।
बाबरी मस्जिद मामले में पद्म विभूषण आडवाणी को नोटिस

बाबरी मस्जिद मामले में पद्म विभूषण आडवाणी को नोटिस

पूर्व प्रधानमंत्री लाल कृष्ण आडवाणी को पद्म विभूषण से सम्मानित किये जाने के दूसरे ही दिन सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें बाबरी मस्जिद विंध्वंस की साजिश रचने के मामले में नोटिस भेजा है। इस मामले में आडवाणी के अलावा 19 और लोगों को नोटिस भेजा गया है।
पुलिस ने मांगी भारती के खिलाफ मुकदमे की इजाजत

पुलिस ने मांगी भारती के खिलाफ मुकदमे की इजाजत

दिल्ली पुलिस ने शुक्रवार को यहां एक अदालत से कहा कि पिछले साल सोमनाथ भारती द्वारा आधी रात को मारे गए छापे के दौरान अफ्रीकी महिलाओं के साथ हुई कथित छेड़खानी के मामले में आप नेता के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए वह प्राथमिकता के आधार पर सक्षम अधिकारी से मंजूरी लेने का प्रयास कर रही है।
क्या आपको इस बैंक पर यकीन होगा?

क्या आपको इस बैंक पर यकीन होगा?

िववादों से घिरे एचएसबीसी बैंक की प्रमुख नैना लाल किदवई ने हाल ही में एक दिन अपने बैंकर मित्र से अपनी स्थिति का बचाव कुछ यूं कियाः ‘मैं अपने दिल पर हाथ रखकर कह सकती हूं कि एचएसबीसी इंडिया बेदाग है।’ सेवानिवृत्त उस बैंकर ने बताया कि किदवई ने सौगंध खाई कि भारतीय शाखा किसी ऐसे गलत आचरण अछूती रही है जिसमें एचएसबीसी की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बदनामी हो रही है।
वाराणसी के बाद सोलर इम्पल्स-2 ने भरी म्यामां के लिए उड़ान

वाराणसी के बाद सोलर इम्पल्स-2 ने भरी म्यामां के लिए उड़ान

बिना ईंधन एवं सौर ऊर्जा से चलने वाले दुनिया के एकमात्र विमान सोलर इंपल्स-2 ने वाराणसी में रातभर रूकने के बाद आज म्यामां के लिए उड़ान भरी है।
भाजपा शासित राज्यों में सिर फुटव्वल

भाजपा शासित राज्यों में सिर फुटव्वल

दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी की हार क्या हुई पार्टी नेताओं के आपसी झगड़े सामने आने लगे। इसकी शुरूआत हरियाणा से हुई जहां मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के खिलाफ प्रदेश के स्वास्‍थ्य और खेल मंत्री अनिल विज ने मोर्चा खोल दिया है।
इंसाफ की तलाश और हिंसा का चक्र

इंसाफ की तलाश और हिंसा का चक्र

राजधानी के प्रतिष्ठित जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के एक पूर्व प्रोफेसर नागरिकों की एक अनुसंधान टीम के साथ घोर मोआवादी प्रभाव वाले एक जिले में गए जहां उनके एक पूर्व छात्र पुलिस अधीक्षक हैं। पुलिस अधिकारी की अपने पूर्व शिक्षक से मुलाकात का यह गर्वीला क्षण था, उन्होंने अपने गुरु के पांव छुए और उनके साथ अपनी तस्वीर खिंचवाई। नागरिक अनुसंधान टीम ने तब तक प्रशासन, पुलिस और सरकार समर्थित नक्सल विरोधी सशस्त्र निजी सेना का पक्ष ले लिया था इसलिए प्रोफेसर ने माओवादियों का पक्ष लेने के लिए नदी पार जाने की बात कही। इस पर शिष्य पुलिस अधीक्षक तपाक से बोले, सर, आप उस पार गए कि दुश्मन की तरफ होंगे और हमारी गोली खा सकते हैं। मैंने जानबूझकर दोनों लोगों का नाम छिपाया है ताकि एक निजी गुफ्तगू दोनों के लिए सार्वजनिक झेंप की वजह न बन जाए। लेकिन उनकी बातचीत से प्रशासन की ताजा मानसिकता पता चलती है: कि अब नक्सलवादियों के साथ निबटने में बीच की कोई जनतांत्रिक जमीन नहीं बची है। न सिविल हस्तक्षेप की कोई पहल, जैसे जयप्रकाश नारायण ने 1970 के दशक में बिहार के मुसहरी में की थी। अब प्रतिनिधि शासन और माओवादियों के बीच बस मैदान-ए-जंग है।
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