ईरान और विश्व के कुछ अन्य प्रमुख देश स्विट्जरलैंड में लंबी वार्ता के बाद तेहरान के परमाणु अभियान पर नियंत्रण के उद्देश्य से एक ऐतिहासिक समझौते की रूपरेखा पर आज सहमत हो गये।
तेहरान के विवादपूर्ण परमाणु कार्यक्रम पर ईरान और छह वैश्विक शक्तियों के बीच बनी सहमति का भारत ने आज स्वागत किया है। इसके साथ ही भारत ने यह उम्मीद जताई है कि यह आपसी सहमति 30 जून तक एक समग्र समझौते का रूप ले सकेगी।
अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा ने ईरान के विवादित परमाणु कार्यक्रम पर करार की रूपरेखा को लेकर विश्व की प्रमुख शक्तियों एवं तेहरान के बीच हुए समझौते की सराहना करते हुए इसे ऐतिहासिक सहमति करार दिया है। दूसरी ओर इस्राइल ने नाराजगी जताते हुए कहा है कि इससे उसके अस्तित्व के लिए खतरा पैदा होगा।
रूस और ईरान के विदेश मंत्रियों ने तेहरान के परमाणु कार्यक्रम पर लगाम लगाने संबंधी समझौते की रूपरेखा पर वार्ता में बुधवार सुबह सफलता मिलने का दावा किया लेकिन अमेरिका ने कहा कि अभी सभी मुद्दों पर सहमति नहीं बनी है।
निर्यात बाजार में लगातार सुस्ती और कुछ कर प्रावधानों के चलते विशेष आर्थिक क्षेत्र (सेज) योजना में निवेशकों की घटी रचि के बीच सरकार ने मध्य प्रदेश में छह सेज परियोजनाओं की स्थापना के लिए दी गई मंजूरी निरस्त कर दी है।
ईरान से परमाणु करार को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा अब तक सिर्फ इस्राइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के निशाने पर थे मगर अब ओबामा प्रशासन को देश के भीतर से ही चुनौती मिली है। इस मुद्दे पर अमेरिका के रिपाब्लिकन सीनेटर खुलकर ओबामा प्रशासन के खिलाफ खड़े हो गए हैं।
पाकिस्तान ने आज परमाणु एवं दूसरे पारंपरिक हथियार ले जाने में सक्षम बैलेस्टिक मिसाइल का सफल परीक्षण किया जो 2,750 किलोमीटर की दूरी तक निशाना साधने में सक्षम है। इस तरह भारत के अधिकांश शहर इसकी मार के दायरे में आते हैं।
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा है कि भारत को सिर्फ शांति सुनिश्चित करने के लिए ही नहीं बल्कि अपनी क्षेत्रीय अखंडता की सुरक्षा के लिए भी मजबूत रक्षा बलों की जरूरत है।
हर मुद्दे पर चट्टान की तरह एक-दूसरे के पाले में खड़े होने वाले इस्राइल और अमेरिका के बीच ईरान के परमाणु समझौते को लेकर विवाद हो गया है। इस्राइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने अमेरिकी कांग्रेस में ऐतिहासिक संबोधन की पूर्व संध्या पर कहा कि तेहरान की परमाणु महत्वाकांक्षाओं को कम करने को लेकर अमेरिका और ईरान के बीच का समझौता इस्राइल के अस्तित्व के लिए खतरा साबित हो सकता है।