श्रीश्री रविशंकर की संस्था की ओर से 11 मार्च से आयोजित होने वाला विश्व सांस्कृतिक समारोह भले ही विवादों के केंद्र में आ गया हो लेकिन यमुना नदी के डूब क्षेत्र में इस भव्य कार्यक्रम के लिए मंच पूरी तरह सज चुका है। इस बीच रविशंकर ने ट्वीट कर कहा है कि राष्टीय हरित अधिकरण (एनजीटी) की ओर से लगाए गए पांच करोड़ रुपये का जुर्माना वह अदा नहीं करेंगे चाहे उन्हें जेल ही क्यों न जाना पड़े।
महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख राज ठाकरे ने एक बार फिर मुंबई में उपद्रव करने का इरादा जताया है। अपने मराठी एजेंडे पर आगे बढ़ने की मंशा से उन्होंने मनसे कार्यकर्ताओं से सड़कों पर उतरने और ऑटोरिक्शा जलाने का आह्वान किया है।
यमुना के जल ग्रहण क्षेत्र में आध्यात्मिक गुरू श्री श्री रविशंकर के आर्ट आॅफ लिविंग द्वारा शुक्रवार से आयोजित होने वाले तीन दिवसीय संस्कृति महोत्सव के आयोजन को लेकर पर्यावरण संबंधी चिंताओं के चलते कुछ विवाद उत्पन्न होने के बाद अब राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने इसमें हिस्सा नहीं लेने का फैसला किया है।
आगामी असम विधानसभा चुनाव में सीट बंटवारे को लेकर अपनी-अपनी पार्टियों से नाराज भाजपा और असम गण परिषद (एजीपी) के स्थानीय नेताओं एवं कार्यकर्ताओं के एक बड़े हिस्से ने आज ब्रमपुत्र घाटी में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का पुतला फूंका। साथ ही, उन्होंने आधिकारिक उम्मीदवार के खिलाफ निर्दलीय उम्मीदवार उतारने की धमकी दी। विभिन्न जिलों में कार्यालय के फर्नीचर तोड़ कर प्रदर्शनकारियों ने जुलूस निकाला और अपने पार्टी नेताओं के पुतले फूंके।
बस्तर के अबूझमाड़ में 16 ग्रामीणों की कथित हत्या की खबरों से एक बार फिर देश और दुनिया के मीडिया की निगाहें बस्तर के नक्सलवाद पर टिक गई हैं। दरअसल इस खबर के जन्मदाता बस्तर आईजी एसआरपी कल्लूरी का कहना है कि पिछले कुछ दिनों से पुलिस के बढ़ते दबाव के चलते नक्सली बौखला गए हैं और निर्दोष ग्रामीणो को मार रहे हैं।
मणिपुर की मानवाधिकार कार्यकर्ता इरोम शर्मिला चानू ने राज्य में लागू विवादित सशस्त्र बल विशेषाधिकार कानून (अफ्सपा) को हटाने की मांग को लेकर आज यहां की ऐतिहासिक शहीद मीनार परिसर में अपना अनिश्चितकालीन अनशन फिर से शुरू कर दिया। गौरतलब है कि इरोम शर्मिला 15 साल से अनशन पर हैं और अदालत ने उन्हें कल ही आत्महत्या के प्रयास के आरोप से बरी किया है।
ग्रीनपीस के नासा उपग्रह डेटा विश्लेषण में यह तथ्य सामने आया है कि इस शताब्दी में पहली बार भारतीय को चीन के नागरिकों की तुलना में अधिक वायु प्रदूषण का दंश झेलना पड़ा। चीन द्वारा वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिये साल-दर-साल अपनाये गए उपायों की वजह से वहां की आवोहवा में सुधार हुआ है जबकि भारत का प्रदूषण स्तर पिछले दशक में धीरे-धीरे बढ़कर अधिकतम स्तर पर पहुंच गया है।