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Search Result : "पायलट परियोजना"

सुषमा ने की तापी पाइपलाइन के बारे में चर्चा

सुषमा ने की तापी पाइपलाइन के बारे में चर्चा

तुर्कमेनिस्तान के राष्ट्रपति गुरबांगुली बेरदीमुहमेदोव ने बुधवार को भारत के साथ द्विपक्षीय संबंध गहरे करने और इस साल 10 अरब डॉलर की महत्वाकांक्षी तापी गैस पाइपलाइन परियोजना का निर्माण कार्य शुरू करने के लिए प्रतिबद्धता जताई वहीं विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जुलाई में होने जा रही इस देश की पहली यात्रा के लिए तैयारी संबंधी बातचीत की।
उत्तराखंड चाहता है पर्यावरण संरक्षण से हुए नुकसान की भरपाई

उत्तराखंड चाहता है पर्यावरण संरक्षण से हुए नुकसान की भरपाई

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा है कि प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण के लिए उत्तराखंड ने अपने आर्थिक विकास से जो समझौता किया है उसकी अवश्य भरपाई की जानी चाहिए। गुरूवार को नयी दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाले कार्यक्रम नमामि गंगे में रावत ने कहा कि भागीरथी इको सेंसिटिव जोन की घोषणा ने लगभग दो मेगावाट से अधिक की क्षमता की परियोजनाओं को बाधित कर दिया।
विमान को नष्ट करना चाहता था सह-पायलट

विमान को नष्ट करना चाहता था सह-पायलट

एल्प्स पर्वत में दुर्घटना का शिकार हुए जर्मनविंग्स के विमान के सह-पायलट ने जानबूझकर उसे नष्ट किया था। यह बात फ्रांस के एक अधिकारी ने कही, हालांकि उन्होंने इसमें आतंकवाद से जुड़ा कोई पहलू होने से इनकार किया।
वाराणसी के बाद सोलर इम्पल्स-2 ने भरी म्यामां के लिए उड़ान

वाराणसी के बाद सोलर इम्पल्स-2 ने भरी म्यामां के लिए उड़ान

बिना ईंधन एवं सौर ऊर्जा से चलने वाले दुनिया के एकमात्र विमान सोलर इंपल्स-2 ने वाराणसी में रातभर रूकने के बाद आज म्यामां के लिए उड़ान भरी है।
भूमि अधिग्रहण विधेयक पर कांग्रेस आक्रामक

भूमि अधिग्रहण विधेयक पर कांग्रेस आक्रामक

भूमि अधिग्रहण विधेयक को लेकर कांग्रेस ने आक्रामक रूख अख्तियार कर लिया है। पार्टी ने भूमि अधिग्रहण विधेयक को किसान विरोधी करार दिया। प्रधानमंत्री के खिलाफ किसान विरोधी नरेन्द्र मोदी नारा लगाते हुये वरिष्ठ नेता जयराम रमेश, राज बब्बर, रणदीप सुरजेवाला, सचिन पायलट और युवा कांग्रेस के अमरिंदर सिंह राजा बरार के नेतृत्व में पार्टी कार्यकर्ताओं ने जंतर मंतर पर विरोध प्रदर्शन किया।
जवाबदेही के जुए से कतराती नौकरशाही

जवाबदेही के जुए से कतराती नौकरशाही

सूचना के अधिकार कानून के क्रियान्वयन पर अभी चार अध्ययन आए हैं। दो गैर सरकारी, परिवर्तन और सूचना के जनाधिकार पर राष्‍ट्रीय अभियान द्वारा, और दो सरकारी, केंद्रीय सूचना आयोग की कमेटी और स्वयं भारत सरकार के कार्मिक मंत्रालय द्वारा। सभी की रिपोर्ट के अनुसार सूचना का अधिकार सक्षमता से लागू करने में मुख्य बाधा अपर्याप्त क्रियान्वयन, कर्मचारियों के प्रशिक्षण का अभाव और खराब दस्तावेज प्रबंधन है। किसी ने फाइल देखने की नोटिंग की मांगों और खिझाऊ तथा तुच्छ आवेदनों के कारण नहीं माना है। फिर भी कार्मिक मंत्रालय नौकरशाही के दबाव में इनसे संबंधित लाना चाहता है तो उसकी मंशा पर शक होता है वही कार्मिक मंत्रालय जिसका अपना अध्ययन बताता है कि अभी देश के सिर्फ 15 प्रतिशत लोगों को सूचना के अधिकार के कानून की जानकारी है और 85 प्रतिशत लोगों को नहीं। यानी नौकरशाही अभी भी सिर्फ 15 प्रतिशत भारतीयों के प्रति जवाबदेह होने से भी कतरा रही है। और परिवर्तन की रिपोर्ट के अनुसार इन 15 प्रतिशत में सिर्फ एक-चौथाई यानी 27 फीसदी ही संतोषप्रद सूचना हासिल कर पाते हैं।
प्रकृति से छीना तो वापस भी करो

प्रकृति से छीना तो वापस भी करो

हिमाचल प्रवास के दौरान कहीं वैसे रसीले आडू भी नहीं दिखे जैसे हमने राज्य में घुसने के ठीक पहले पंचकुला में लिए थे। और लाल-लाल चेरी ने हमें सिर्फ नारकंडा के आसपास राजमार्ग पर लुभाया। पहाड़ी ढलानों पर सेबों के बागान-दर-बागान दिखते चले गए और हम लोगों से पूछते रहे, कहां गए, कहां गए हिमाचल के मशहूर सेब? शायर मिलते तो कह देते, सेबों को किन्नौरी बालाओं के रुखसार की रंगत में देखिए। लेकिन हमें पता चला, हिमाचल में इस बार फलों की पैदावार में जबर्दस्त गिरावट आई है। फलों में वहां मुख्य पैदावार सेब और नाशपाती की होती है और इन दोनों का उत्पादन इस वर्ष 50-60 प्रतिशत कम हुआ है।
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