देश भर में नोट बंदी को लेकर मचे हाहाकार के बीच विपक्षी दलों ने सरकार को घेरने की कवायद शुरू कर दी है। विपक्षी दल संसद सत्र के दौरान आम जनता को हो रही परेशानियों के मद़देनजर घेेरने की तैयारी कर रही है।
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने उत्तर प्रदेश की सपा सरकार पर निशाना साधते हुए आज कहा कि जिस जगह दिन दहाड़े अपराध होते हों और कानून व्यवस्था ध्वस्त हो गई हो, वहां कोई निवेश करने नहीं आएगा।
देश भर में 500 और 1000 रुपये के नोटों पर प्रतिबंध लगाकर कालेधन पर सर्जिकल स्ट्राइक करने का दावा कर रही भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने साल 2014 में विपक्ष में रहते हुए उस समय की कांग्रेस सरकार के नोटबंदी के प्रस्ताव का विरोध किया था।
भारत में भले ही 500 और 1000 रुपये के नोटों को बंद करने के फैसले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार की आलोचना हो रही हो। लेकिन पड़ोसी देश पाकिस्तान में मोदी के इस फैसले की खूब तारीफ हो रही है। खासकर पाकिस्तान के विपक्ष ने भारतीय पीएम के फैसले की जमकर तारीफ करते हुए वहां भी 1000 और 5000 के पूराने नोट बंद करने की मांग की है।
काला धन रोकने के सरकार के फैसले पर समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव ने असहमति जताई है। उन्होने कहा कि इस फैसले को सरकार को एक सप्ताह के लिए टाल देना चाहिए। साथ ही उन्होने कहा कि विधानसभा चुनाव में सपा किसी से गठबंधन नहीं करेगी।
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए महागठबंधन बनाने को लेकर जनता परिवार के नेताओं में बातचीत के बीच मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने आज कहा कि सत्ताधारी सपा अपने दम पर चुनाव लड़ सकती है, लेकिन गठबंधन करने से 300 सीटें हासिल हो सकती हैं।
उत्तर प्रदेश के अगले विधानसभा चुनाव से पहले समाजवादी पार्टी और कांग्रेस की ओर से महागठबंधन बनाने की कवायद के बीच छह वामपंथी दलों ने आज एक मंच से प्रदेश के मतदाताओं से विकल्प चुनने की साझा अपील की।
केंद्र सरकार द्वारा 500 और 1000 रुपये के नोटों का चलन बंद किए जाने का असर उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव लड़ने जा रही राजनीतिक पार्टियों की तैयारियों पर भी पड़ सकता है। हालांकि सभी पार्टियां केंद्र सरकार के इस कदम से खुद पर पड़ने वाले असर के मुद्दे पर खामोश हैं, लेकिन चुनावों के लिए पार्टियों द्वारा चंदा एकत्र किए जाने के अब तक के तौर-तरीकों से यह सहज अंदाजा लगाया जा सकता है कि बड़े नोटों का चलन बंद हो जाने से उन पर क्या असर पड़ेगा।
अमेरिका के आम चुनाव में भारतीय मूल के चार अमेरिकी उम्मीदवार आज कांग्रेस के लिए निर्वाचित हो गए जबकि पांचवें उम्मीदवार के मामले में मतों की पुनर्गणना कराई जा रही है।