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Search Result : "प्रवीण प्रकाश"

मोदी की नजर में प्रकाश सिंह बादल भारत के 'नेल्‍सन मंडेला'

मोदी की नजर में प्रकाश सिंह बादल भारत के 'नेल्‍सन मंडेला'

लोकनायक जयप्रकाश नारायण की 113वीं जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शिरोमणि अकाली दल के नेता प्रकाश सिंह बादल को भारत का नेल्‍सन मंडेला बताकर नए विवाद का जन्‍म दे दिया है। बादल को देश का नेल्‍सन मंडेला बताए जाने का सोशल मीडिया पर भी खूब मजाक बना।
प्रतिरोध बढ़ा, सारा जोसेफ ने भी लौटाया साहित्य अकादमी

प्रतिरोध बढ़ा, सारा जोसेफ ने भी लौटाया साहित्य अकादमी

देश में सांपद्रायिक हिंसा की बढ़ती घटनाओं से आहत होकर अपना साहित्य अकादमी पुरस्कार लौटाने वाले साहित्यकारों की सूची में मलयाली लेखिका सारा जोसेफ का नाम भी जुड़ गया है। जोसेफ को वर्ष 2003 में उनकी रचना अलहयूद पेनमक्कल के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार दिया गया था।
जय गंगाजल में दृढ़ प्रियंका

जय गंगाजल में दृढ़ प्रियंका

प्रकाश झा की फिल्म गंगाजल में अजय देवगन ने रंग जमा दिया था। अब इसी गंगाजल का दूसरा भाग बन कर तैयार है। फिल्म का पोस्टर जारी हुआ है जिसमें आंखों में आंसू और भिंचे हुए जबड़े के साथ पुलिस की वर्दी में प्रियंका चोपड़ा दिख रही है। प्रियंका पहली नजर में एक ताकतवर और मजबूत छवि वाली आईपीएस अधिकारी लग रही हैं।
मांझी के बेटे को जमानत, आयकर विभाग ने भी की पूछताछ

मांझी के बेटे को जमानत, आयकर विभाग ने भी की पूछताछ

बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी के बेटे प्रवीण कुमार की कार से आज पुलिस ने 4 लाख 65 हजार रुपये जब्त किए हैं। उन्‍हें जहानाबाद में पटना जाते हुए हिरासत में लिया गया और उनकी कार में रखी रकम जब्‍त कर ली।
हिंदी वालों, कब तक पाखंड का हिस्सा रहोगेः नीलाभ अश्क

हिंदी वालों, कब तक पाखंड का हिस्सा रहोगेः नीलाभ अश्क

हिंदी के नामचीन कथाकार उदय प्रकाश की हिंदुत्व वादी ताकतों द्वारा कन्नड़ विद्वान एमएम कलबुर्गी की हत्या के विरोध में साहित्य अकादमी पुरस्कार लौटाने की घोषणा लगातार विवादों में आ रही है। गौरतलब है कि उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के गोरखपुर से सांसद योगी आदित्यनाथ के हाथों पुरस्कार लिया था। अब इस मुद्दे पर कथाकार नीलाभ अश्क और विष्णु खरे ने भी आपत्ति जताई है -
प्रो. कलबुर्गी हत्या: उदय प्रकाश ने लौटाया अकादमी पुरस्कार

प्रो. कलबुर्गी हत्या: उदय प्रकाश ने लौटाया अकादमी पुरस्कार

हिंदी के नामचीन कथाकार उदय प्रकाश ने हिंदुत्ववादी ताकतों द्वारा कन्नड़ विद्वान एमएम कलबुर्गी की हत्या के विरोध में साहित्य अकादमी पुरस्कार लौटाने की घोषणा की है। उन्होंने शुक्रवार की सुबह अपने फेसबुक वॉल पर इस संबंध में लिखा था। यह पुरस्कार उन्हें मोहनदास कृति पर वर्ष 2010-11 में मिला था।
उदय प्रकाश पर दोहरेपन के आरोपों की झड़ी

उदय प्रकाश पर दोहरेपन के आरोपों की झड़ी

हिंदी के नामचीन कथाकार उदय प्रकाश की हिंदुत्व वादी ताकतों द्वारा कन्नड़ विद्वान एमएम कलबुर्गी की हत्या के विरोध में साहित्य अकादमी पुरस्कार लौटाने की घोषणा सोशल मीडिया पर विवादों में आ गई है। अब उदय प्रकाश के भी गड़े मुर्दे उखाड़े जा रहे हैं कि उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के गोरखपुर से सांसद योगी आदित्यनाथ के हाथों पुरस्कार लिया था। शाम तक तो उदय प्रकाश की तारीफ में कसीदे पढ़े जा रहे थे लेकिन उसके बाद गड़े मुर्दे उखड़ गए। खबर लिखे जाने तक उदय प्रकाश के पक्ष में आवाजें नहीं आई थीं-
अपराध घोषित हो 2 से ज्‍यादा बच्‍चे पैदा करना: तोगड़ि‍या

अपराध घोषित हो 2 से ज्‍यादा बच्‍चे पैदा करना: तोगड़ि‍या

जनगणना के धर्म से जुड़े आंकड़ें सार्वजनिक होने के बाद प्रवीण तोगड़‍िया और साक्षी महाराज जैसे हिंदुत्‍ववादी नेताओं ने आबादी को लेकर मुस्लिमों पर हमले तेज कर दिए हैं।
पटेलों ने खोली गुजरात मॉडल की पोल

पटेलों ने खोली गुजरात मॉडल की पोल

'अमिताभ बच्चन की बातों पर न जाएं। गुजरात से जुड़े उनके विज्ञापन झूठे हैं। कुछ दिन बिताओ हमारे गुजरात के देहातों में तो असलियत पता चल जाएगी। किसान आत्महत्या कर रहे हैं। युवक सड़कों पर बेकार घूम रहे हैं। तलाटी तक की नौकरी के लिए लाखों रुपये की घूस देनी पड़ती है। क्या यही है गुजरात का विकास मॉडल ?’
हिंदी साहित्य के इंजीनियर

हिंदी साहित्य के इंजीनियर

गणित के कठिन सवालों के बीच गोदान का होरी भी जिंदगी के जवाब खोजता है। रसायन के सूत्र भले भूल जाएं मगर चंदर का सुधा भूल जाना अखरता है। प्रकाश के परावर्तन का नीरस सिद्धांत सुनील के केस को सुलझाते ही सरस लगने लगता है। ब्लैक बोर्ड पर अल्फा, बीटा, गामा के बीच निर्मला, चोखेरबाली और राग दरबारी भी धमाचौकड़ी मचाते हैं। अमूमन घरों में होशियार बच्चे विज्ञान पढ़ते हैं। विज्ञान में भी लड़के गणित और लड़कियां जीव विज्ञान पढ़ती हैं। जब कोर्स की किताबें ही साल में खत्म करना मुश्किल हो तो कहानी-कविताएं, उपन्यास पढ़ने के लिए किसके पास वक्त है। गणित लेने के बाद अर्जुन की आंख की तरह बस एक ही लक्ष्य है, आईआईटी। विज्ञान पढ़ रहे बच्चों के माता-पिता को भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान से कम कुछ भी गवारा नहीं है। मोटी-मोटी किताबों, सुबह से शाम तक चलने वाली कोचिंग क्लासों के बीच इंजीनियर बनने का सपना पलता है। ऐसे में साहित्य की कौन सोचे। पढ़ाई के दौरान साहित्य पढऩा समय की बर्बादी है और लिखना... इसके बारे में तो सोचना भी मत।
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