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Search Result : "प्रो.सुबोध मेहता"

चर्चाः न्याय के तराजू पर जंग के खतरे | आलोक मेहता

चर्चाः न्याय के तराजू पर जंग के खतरे | आलोक मेहता

न्यायपालिका पर आप या हम कोई प्रश्नचिह्न लगाएं, तो अवमानना कानून की लक्ष्मण रेखा सामने आ सकती है। लेकिन सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश और देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद पर विराजमान राष्ट्रपति स्वयं न्याय की वर्तमान व्यवस्‍था एवं उसकी साख पर संकट की बात करें, तो निश्चित रूप से सुधार के लिए तत्काल कदम उठाए जाने की आवाज उठनी चाहिये।
चर्चाः घर में काला धंधा, परदेस में तलाश | आलोक मेहता

चर्चाः घर में काला धंधा, परदेस में तलाश | आलोक मेहता

विदेशों में पहुंचा अरबों का काला धन वापस लाने के वायदे के साथ आई सरकार विदेशों में जाल बिछाने की बातें महीनों से कर रही है। लेकिन ललित मोदी, विजय माल्या, सुब्रत राय ही नहीं पचीसों लोगों ने बैंकों, सेबी, आयकर, कस्टम्स को चूना लगाकर अरबों रुपया अंदर बाहर किया है।
'मोदी, अशोक के बाद दूसरे बड़े शासक’ - प्रो. लोकेश चंद्र

'मोदी, अशोक के बाद दूसरे बड़े शासक’ - प्रो. लोकेश चंद्र

प्रोफेसर लोकेश चंद्र शास्त्रीय यूनानी, लैटिन, चीनी, जापानी, पारसियों की अवेस्ता, पुरानी फारसी और सांस्कृतिक महत्व की अन्य भाषाओं के ज्ञाता हैं। वह संस्कृत, पालि और प्राकृत भाषा के विद्वान हैं। उनके नाम 596 कार्य और पाठ संस्करण हैं। उनमें से तिब्बती-संस्कृत शब्दकोश, तिब्बती साहित्य के इतिहास के लिए सामग्री, तिब्बत का बौद्ध प्रतिमा विज्ञान और 15 खंडों में बौद्ध कला का उनका शब्दकोश जैसी कालजयी कृतियां हैं। उन्होंने बुद्ध और शिव तथा भारत एवं जापान के बीच सांस्कृतिक संगम पर भी लिखा है। फिलहाल वह भारत और चीन के बीच पिछले दो हजार वर्षों के सांस्कृतिक आदान-प्रदान पर लिख रहे हैं। लाहौर में पंजाब विश्वविद्यालय से सन 1947 में स्नातकोत्तर करने वाले प्रोफेसर चंद्र भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद् के अध्यक्ष हैं। साथ ही वह भारतीय संस्कृति की अंतरराष्ट्रीय अकादमी, एशियाई संस्कृतियों के लिए एक प्रमुख अनुसंधान संस्था के मानद निदेशक हैं। वह सन 1974 से 1980 और 1980 से 1986 तक दो अवधियों में लिए राज्यसभा से संसद सदस्य भी रह चुके हैं। प्रोफेसर चंद्र ने आउटलुक की सहायक संपादक आकांक्षा पारे काशिव से देश और प्रधानमंत्री मोदी की योजनाओं पर बात की।
चर्चाः धन जनता का, चमके चेहरे मंत्रियों के | आलोक मेहता

चर्चाः धन जनता का, चमके चेहरे मंत्रियों के | आलोक मेहता

रेडियो पर एक गाना बहुत बजता है- ‘चेहरा न देखो, चेहरे ने लाखों को लूटा।’ यों यह गीत प्यार-मोहब्बत से जुड़ा है। लेकिन नेताओं-मंत्रियों के लिए इन शब्दों के अलग-अलग अर्थ लगाए जाते हैं। भोली भाली जनता चेहरे और वायदे पर वोट दे देती है। फिर खून-पसीने की मेहनत की कमाई का एक हिस्सा टैक्स के रूप में सरकारी खजाने को देती है। इसी सरकारी खजाने की रकम से सरकार में बैठे प्रभावशाली नेता-मंत्री अपना चेहरा चमकाए रखना चाहते हैं।
चर्चाः चोर से कहो चोरी करो, सरकार से कहो पकड़ाे। आलोक मेहता

चर्चाः चोर से कहो चोरी करो, सरकार से कहो पकड़ाे। आलोक मेहता

कुख्यात अपराधी दाऊद इब्रािहम या क्रिकेट के बदनाम बादशाह ललित मोदी को वर्षों के आरोपों के बावजूद आज तक भारत नहीं लाया जा सका। अब 17 भारतीय राष्ट्रीयकृत बैंकों को हजारों करोड़ का चूना लगाकर रंगीले बिजनेस किंग राजनेता विजय माल्या भारत सरकार की आंख-कान-नाक के नीचे से देश छोड़कर भाग गए।
चर्चा : नारी उपदेश बहुतेरे | आलोक मेहता

चर्चा : नारी उपदेश बहुतेरे | आलोक मेहता

महिला विधायकों, सांसदों, नेत्रियों के दो दिवसीय सम्मेलन में जोरदार तालियां बजी, हंसी-खुशी दिखाई दी, राष्ट्रपति-अपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, लोकसभा अध्यक्ष सहित मंत्रियों, मुख्यमत्रियों, विशेषज्ञों के शानदार भाषण हुए। महिला सशक्तिकरण के लिए विभिन्न स्तरों पर महिला नेताओं द्वारा अपने अधिकारों के दृढ़तापूर्वक उपयोग एवं समाज में व्यापक बदलाव में अहम भूमिका निभाने की अपील की गई।
चर्चाः दिल्ली के महारथी ने मारी चपत | आलोक मेहता

चर्चाः दिल्ली के महारथी ने मारी चपत | आलोक मेहता

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के छात्रों की सहानुभूति में कूदे दिल्ली के महारथी ने अपने ही इंद्रप्रस्‍थ विश्वविद्यालय के हजारों छात्रों को जमकर चपत मार दी। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उनके प्रिय सहयोगी मनीष सिसोदिया ने तुगलकी अंदाज में गुरु गोविन्द सिंह इंद्रप्रस्‍थ विश्वविद्यालय के छात्रों की फीस 2013 से बढ़ाने का आदेश जारी करवा दिया।
चार नौजवानों की नारेबाजी से नहीं टूटता है देश: आजाद

चार नौजवानों की नारेबाजी से नहीं टूटता है देश: आजाद

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने शुक्रवार को धर्मनिरपेक्षता को जिंदा रखने की जोरदार वकालत करते हुए कहा कि कुछ नौजवानों की नारेबाजी से नहीं बल्कि सत्ता में बैठे लोगों की ओर से विवाद पैदा करने से देश टूटता है।
चर्चाः जुड़ती-टूटती डोर गठबंधन की | आलोक मेहता

चर्चाः जुड़ती-टूटती डोर गठबंधन की | आलोक मेहता

‘एकला चलो’ की राजनीति सत्ता के स्वर्णिम दरवाजे नहीं खोल पाती। इसलिए दशकों तक विचारधारा, मूल्यों और नेतृत्व पर निर्भर रहने वाले प्रमुख राजनीतिक दल-कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी समय के साथ सहयोगी बना और छोड़ रहे हैं।
फिल्में पास कराने के लिए निर्देशकों ने की थी रिश्वत की पेशकश: निहलानी

फिल्में पास कराने के लिए निर्देशकों ने की थी रिश्वत की पेशकश: निहलानी

सेंसर बोर्ड के प्रमुख पहलाज निहलानी ने दावा किया कि ऐसी कई घटनाएं हुई हैं जब निर्देशकों ने अपनी फिल्म में कुछ सीन रहने देने के लिए उन्हें रिश्वत देने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि कुछ लोग रिश्वत देकर अपने काम को वैसा ही बनाए रखना चाहते हैं।
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