हिमाचल में बर्फ पिघल रही है। मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने भारत-पाकिस्तान क्रिकेट मैच के लिए रुख नरम किया है। धर्मशाला में 19 मार्च को इस मैच का कार्यक्रम बहुत पहले से बना हुआ था।
जाने-माने अर्थशास्त्री और जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के सेवानिवृत प्रोफेसर अरुण कुमार देश में मौजूदा आर्थिक हालात को वैश्विक आर्थिक सुस्ती की देन मानते हैं। उनका यह भी मानना है कि हर सरकार राजकोषीय घाटा कम करने के लिए ही चिंतित रहती है और उसी मुताबिक बजट बनाकर किसी लक्ष्य तक पहुंचने में विफल रहती है। इसे वह गलत धारणा मानते हैं। आउटलुक के राजेश रंजन से बातचीत में उन्होंने रोजगार, घरेलु मांग, विकास दर आदि बढ़ाने पर जोर दिया।
पौराणिक कथाओं में तीन सिर वाले देवता और दस सिर वाले असुरों का उल्लेख पढ़ा-सुना जाता रहा है। अब देश के मंत्री तर्क देने लगे हैं कि वह मंत्री के रूप में एक जबान से बोलते हैं, सांसद के भेष में निर्वाचन क्षेत्र और पार्टी के प्रतिनिधि के रूप में दूसरी जबान-भाषा में बोलते हैं और सामान्य नागरिक के रूप में तीसरी जबान-भाषा बोलने लगते हैं।
भाजपा सरकार दस कदम आगे बढ़ने के साथ शीर्षासन के अंदाज में दो कदम पीछे हटने की कोशिश में संतुलन खो देती है। बजट को ‘सूट-बूट’ की छवि से निकालने के लिए ग्रामोन्मुख रखा गया, लेकिन वेतनभोगी कर्मचारियों और मजदूरों की खून-पसीने की कमाई की बचत भविष्य निधि के एक हिस्से पर टैक्स का प्रस्ताव रखकर गड़बड़ा गई है।
मनमोहन सिंह ने आधुनिक अर्थव्यवस्था के नाम पर अपने कदमों से कांग्रेस की जमीन को रेगिस्तान में बदला। नरेन्द्र मोदी की सरकार ने उसी जमीन पर अच्छी फसल के लिए हवा-पानी का इंतजाम नए वित्तीय वर्ष के बजट से कर दिया।
लखनऊ के एक इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्र ने शिक्षक द्वारा रिश्वत लेने के दबाव से तंग आकर आत्महत्या कर ली। छात्र को कक्षा में उपस्थिति के रिकॉर्ड के आधार पर परीक्षा प्रवेश पत्र मिलने से शिक्षक रोक रहा था। छात्र ने एक बार 20 हजार रुपया दे भी दिया और घूसखोर शिक्षक ने ज्यादा रकम मांगी। ऐसी मानसिक प्रताड़ना संपूर्ण शिक्षा-व्यवस्था और शासकीय तंत्र के लिए शर्मनाक है।
जरूरी नहीं कि हर संगीत दिल को सुकून ही देता हो। कुछ संगीत कर्णप्रिय होते हुए भी दिल में छाले उगा सकता है। निर्देशक हंसल मेहता की फिल्म अलीगढ़ एकांत का दुखभरा संगीत है।
सरकार देश में आतंकवाद और कानून व्यवस्था की समस्या से निपटने के लिए इंफॉर्मेशन टेक्नालॉजी एक्ट में फिर एक नया कानून लाने की तैयारी कर रही है। इस एक्ट में 66ए के तहत इंटरनेट सुविधा पर नजर रखने का प्रावधान 2008 में किया था। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने 2015 में यह धारा इस आधार पर रद्द कर दी थी कि इससे अभिव्यक्ति की आजादी का अतिक्रमण होता है।
दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने दोस्त बराक के स्वागत-सत्कार और समझौतों के साथ जयकार कराते हैं और वाशिंगटन में बराक ओबामा प्रशासन भारत के सौर ऊर्जा मिशन के तहत हजारों गांवों में रोशनी देने वाले कार्यक्रम को रोकने के लिए विश्व व्यापार संगठन में मामला दर्ज कर देता है।
‘तोप चलाओ और सत्ता पाओ’। वह बात भूल जाएं कि तोप के बजाय अखबार निकालें, क्योंकि सरकारी बंदूक रखने वाले इसी हथियार की ताकत से सत्ता के बड़े पदों की कामना करने लगते हैं। तभी तो जल्द ही रिटायर होने वाले दिल्ली के पुलिस आयुक्त बी.एस. बस्सी ने राजनीतिक तोप इस्तेमाल कर राष्ट्रद्रोह के वर्तमान कानून को खत्म करने के बजाय इसका दायरा बढ़ाने की सलाह दे डाली है।