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Search Result : "प्रो. रामगोपाल यादव"

योगेंद्र, केजरीवाल, सिसौदिया अदालत में पेश

योगेंद्र, केजरीवाल, सिसौदिया अदालत में पेश

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया मानहानि के मामले में दिल्ली की एक अदालत के समक्ष पेश हुए। मामले के सिलसिले में आप नेता योगेन्द्र यादव भी अदालत में पेश हुए। अदालत ने मामले में केजरीवाल, सिसोदिया और यादव के खिलाफ आरोप तय करने संबंधी आदेश के लिए दो मई की तारीख निर्धारित की।
मैं जानता हूं, आप क्या हैं-शरद यादव

मैं जानता हूं, आप क्या हैं-शरद यादव

जनता दल यूनाइटेड के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव ने केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी पर जो टिप्पणी की वह संसद के गलियारे में चर्चा का विषय बन गया। दरअसल महिलाओं के खिलाफ विवादित टिप्पणी को लेकर आलोचना का सामना कर रहे शरद यादव अपने बयान से पीछे हटने को तैयार नहीं हुए और कहा कि वह इस मुद्दे पर बहस के लिए तैयार हैं।
यादव को आप के विष से अमृत निकलने की उम्मीद

यादव को आप के विष से अमृत निकलने की उम्मीद

आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता योगेंद्र यादव उम्मीद कर रहे हैं कि जल्द ही पार्टी में सब ठीक हो जाएगा। लगातार उनके ट्वीट और फेसबुक पेज के अपडेट्स बता रहे हैं कि उन्हें भरोसा है कि इस विष से अमृत निकलेगा।
प्रशांत भूषण का ईमेल सामने आया, कहा था: मैं रबर स्टांप नहीं

प्रशांत भूषण का ईमेल सामने आया, कहा था: मैं रबर स्टांप नहीं

चुनावों में शानदार जीत के बाद आम आदमी पार्टी में विवाद थमने का नाम नहीं ले रहे। हर दिन नया खुलासा। अब आप के भीतर चल रही उठापटक के बीच प्रशांत भूषण द्वारा पार्टी की पीएसी को पिछले साल भेजा गया एक ई-मेल सामने आया है, जिसमें उन्होंने उम्मीदवारों के चयन की प्रक्रिया पर नाखुशी जताई थी। उन्होंने कहा था कि वह पार्टी का फैसला करने वाले शीर्ष निकाय में रबर स्टांप नहीं रहेंगे।
‘आप’ का स्वराज कहां है भई?

‘आप’ का स्वराज कहां है भई?

भ्रष्टाचार मुक्त राजनीति, प्रत्यक्ष लोकतंत्र (डायरेक्ट डेमोक्रेसी), स्वराज जैसे जुमलों को हवा में उछाल कर जिस तरह आम आदमी पार्टी यानी ‘आप’ दिल्ली की सत्ता में आई। उसे जनता के एक बड़े हिस्से ने भारतीय राजनीति में बदलाव की ताकत के तौर पर देखा। लेकिन पार्टी के मुख्य हीरो जिस तरह लगातार इन शब्दों का मजाक उड़ाते रहे उससे नाराज लोग अब सवाल उठाने लगे हैं कि यह आप का स्वराज है कहां? आप की भ्रष्टाचार मुक्त राजनीति की पोल अब पूरी तरह खुल चुकी है। यह भी साबित हो चुका है कि पार्टी का केजरीवाल गुट किसी भी तरह से सत्ता में आना और बने रहना चाहता है। दिल्ली विधानसभा चुनाव में जिस तरह से आपराधिक, धनबली और बाहुबली प्रत्याशियों को मैदान में उतारा गया उस पर सवाल तो उठे थे लेकिन केजरीवाल गुट के मीडिया मैनेजरों ने कभी भी इन्हें मुख्य सवाल नहीं बनने दिया। क्या अपराधियों और बाहुबलियों को साथ लेकर कोई भ्रष्टाचार विरोधी लड़ी जा सकती है। यह सवाल उठाना अब पार्टी के वरिष्ठ नेता योगेन्द्र यादव और प्रशांत भूषण को महंगा पड़ रहा है क्योंकि कल के उम्मीदवार आज चुनाव जीत चुके हैं और दोनों नेताओं को ठिकाने लगाने के लिए अभियान में बढ़-चढ़कर हिस्सेदारी कर रहे हैं।
नीतीश के सामने और भी है चुनौतियां

नीतीश के सामने और भी है चुनौतियां

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भले ही विश्वास मत हासिल कर लिया हो लेकिन इस साल के अंत में राज्य में होने वाले विधानसभा चुनाव में असल चुनौती अभी बाकी है।
केजरीवाल गुट के 50 विधायक प्रशांत-योगेन्द्र के खिलाफ

केजरीवाल गुट के 50 विधायक प्रशांत-योगेन्द्र के खिलाफ

आम आदमी पार्टी (आप) से प्रशांत भूषण, योगेन्द्र यादव और शांति भूषण को बाहर का रास्ता दिखाने के लिए दिल्ली के पचास से ज्यादा विधायकों ने दस्तखत किये हैं। इससे पहले योगेन्द्र यादव ने कहा था कि विधायकों पर उनके खिलाफ दस्तखत करने के लिए दबाव डाला जा रहा है।
भाजपा ने धोखा दिया- मांझी

भाजपा ने धोखा दिया- मांझी

बिहार की राजनीति अभी गर्म लावा की तरह है। जिसकी आंच दिल्ली तक जा रही है। राजनीति के कई माहिर खिलाड़ी आने वाले चुनाव को लेकर रणनीति बनाने में लगे हैं। ऐसे में बिहार के पूर्व मुक्चयमंत्री जीतन राम मांझी की भूमिका सभी दलों के लिए चुनौती है। मांझी इतिहास के छात्र रहे हैं, उन्हें अतीत की समझ है। वे जानते हैं राजनीति के लिए इतिहास का होना जरुरी है। इतिहास में दलितों की ञ्चया जगह रही है उसे वे बार बार याद दिलाते हैं। मांझी जानते हैं दलित होने के क्या‍ फायदे और नुकसान हैं। मांझी से कई मुद्दों पर आउटलुक के लिए निवेदिता ने बातचीत की। पेश है प्रमुख अंश-
केजरीवाल गुट के मिनट्स

केजरीवाल गुट के मिनट्स

योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण को आम आदमी पार्टी (आप) की पॉलिटिकल अफेयर्स कमेटी (पीएसी) से निकालना अरविंद केजरीवाल गुट के गले की फांस बन गया है। केजरीवाल के करीबी मनीष सिसोदिया, गोपाल राय, संजय सिंह और पंकज गुप्ता ने यादव और भूषण को पीएसी से हटाने को लेकर सफाई दी है।
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