यादें: सिंसियर लड़का, ब्रूटस मामा और 'दिल तो पागल है' से 'इसे समझो ना रेशम' का सफर मन का क्या है, किसी भी मौसम में मचल सकता है । दिल का क्या है बेवजह भी गुलाटियां भर सकता है। पंकज का मन... JAN 02 , 2022
सिर्फ तुम, दरबार सिनेमा और खाली दिल नहीं जान वी ये मंगदा देखने में तो नहीं लगता है, पर सच यही है कि बड़ी मौसी के सबसे छोटे लड़के सुनील भैया मुझसे छह माह बड़े हैं।... DEC 26 , 2021
यादें: दो बाँके, एक फिल्म और जूही चावला की "मैं तेरी रानी तू राजा मेरा" डिस्केलमर : ग्लोब के किसी हिस्से में नब्बे के दो दीवाने हुए। दो असल गंजहे। पर कानूनन यही कहना है कि इस... DEC 19 , 2021
यादें : दिलवाले और दिलवाले के आशिक की 'पूस की रात' 'जीता था जिसके लिए' की जनव्याप्ति उन दिनों चालीसा से थोड़ा ही कम थी। एक ओर हमारे गाँव के मंदिर से सुबह में... DEC 05 , 2021
यादें: "खता तो जब हो हम हाल-ए-दिल"-दिव्या भारती के लिए उपवास और दोस्ती में दरार उसके मामा की एक ड्राईक्लीनिंग शॉप, सिनेमा रोड में थी। इंटर कॉलेज से जो समय बचता, वह वहीं पर बिताता। उसका... NOV 28 , 2021
यादें: रखना किताबों को गिरवी, देखना 'दलाल' और दोस्ती का लिटमस टेस्ट जिले से बाहर "दलाल" खूब धमाका मचाकर आयी थी। उसके गीत पहले से सबकी ज़बान पर चढ़े हुए थे। अब इंतज़ार फ़िल्म का... NOV 21 , 2021
डब्ल्यू टी से सिनेमा देखने वाले लड़के और एक थी एवन वाली लड़की (स्पष्टीकरण : किस्से के दो हिस्से हैं दोनों सच में घटित) दुलारा का एक गीत हर्षवर्द्धन और आनंद के मन में... NOV 15 , 2021
यादें: विजयपथ, दरबार और तब्बू का खोंइछा भरा जाना उन दिनों दूरदर्शन और डीडी मेट्रो का जमाना था। बैट्री चार्ज करने की दुकानें जगह-जगह थी और हमारी उम्र के... NOV 07 , 2021
यादें: गुरुजी का 'दुख हरण', रवीना टण्डन और बालकनी का बदला वह ऐसा दिखता था या नहीं पर उसके दोस्तों ने उसके दिमाग में भर रखा था और खुद हर्षवर्द्धन को भी ऐसा लगता था... OCT 31 , 2021
यादें: चिट्ठी की गलत पते पर डिलीवरी और इश्क में होना तड़ीपार जो स्कूल 'कंट्री विदाउट वीमेन' सरीखा था वहाँ यह जलजला उसी वर्ष आया था कि उस साल एक ही कक्षा में कुल जमा... OCT 24 , 2021