उद्योग जगत ने भारतीय सेना द्वारा नियंत्रण रेखा के पार जाकर आतंकी ठिकानों को नष्ट करने के कदम का पूरा समर्थन करते हुए आज कहा कि यह कड़ी कार्रवाई का समय है।
पाकिस्तान के फिल्म उद्योग को चिंता है कि अगर भारत-पाकिस्तान संबंध और खराब होते हैं और देश में हिन्दी फिल्मों पर प्रतिबंध लगता है तो उसे 70 प्रतिशत तक नुकसान उठाना पड़ सकता है। फिल्म जगत के लोगों को डर है कि अगर स्थिति बेहतर नहीं होती है तो आखिरकार भारतीय फिल्मों पर प्रतिबंध लगाने की आवाज उठेगी।
फिल्मकार करण जौहर का कहना है कि उड़ी में हुए आतंकी हमले में गई जानों के लिए उनका दिल भी रोता है और वह देश का गुस्सा समझते हैं लेकिन पाकिस्तान के कलाकारों का बहिष्कार कर देना आतंकवाद का हल नहीं है।
जागरण फिल्म महोत्सव का सातवां संस्करण मुंबई पहुंचेगा जहां इसकी शुरूआत 26 सितंबर को अत्यधित प्रशंसित फिल्म रोड टू इस्तांबुल से होगी। इस दौरान हाल की लोकप्रिय भारतीय फिल्मों का भी प्रदर्शन होगा।
केंद्र सरकार ने हिंदुस्तान डायमंड कंपनी प्राइवेट लिमिटेड (एचडीसीपीएल) को बंद करने का निर्णय लिया है। सरकार ने इस कंपनी को समाप्त करने की प्रक्रिया शुरू करने के प्रस्ताव को आज मंजूरी दे दी।
पिंक फिल्म के निर्देशक अनिरुद्ध रॉय बांग्ला फिल्मों के जाने-माने निर्देशक हैं। अपनी प्रतिभा के अनुसार ही उन्होंने एक अच्छी कहानी को और अच्छे निर्देशकीय कौशल में बांध दिया है। यह फिल्म अमिताभ बच्चन के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि इस फिल्म ने फिर साबित किया है कि वह महत्वपूर्ण और मुकम्मल कलाकार क्यों हैं।
रिची मेहता की बेहद जीवंत और दिल को छू लेने वाली डॉक्यूमेंट्री इंडिया इन ए डे उन अनोखे नाम वाली फिल्मों में शुमार है जिन्हें 41वें टोरंटो अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में दिखाया जाना है।
ममता बनर्जी लंबे राजनीतिक अनुभव से बहुत व्यावहारिक होती जा रही है। केजरीवाल की तरह वह सत्ता में रहकर भी हड़ताली आंदोलनकर्ता नहीं रह सकती। इसीलिए बंगाल में सिंगूर के किसानों के लिए संघर्ष की पृष्ठभूमि के बावजूद उन्होंने किसानों को खेती की जमीन लौटाने के साथ टाटा ग्रुप या अन्य उद्योगपतियों को प्रदेश में बड़े उद्योग लगाने के लिए समुचित जमीन और सुविधाएं देने की पहल की है। ममता जबरन जमीन के अधिग्रहण करके उद्योग लगाने की प्रवृत्ति को अनुचित मानती है।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को सिंगूर में किसानों को जमीनों के पर्चा नामक कागजात और चेक सौंपे और कंपनियों को यह संदेश भेजा कि राज्य में वाहन उद्योग स्थापित करने की इच्छा रखने वाली किसी भी कंपनी का स्वागत है।