फीफा के एक अधिकारी ने एक स्विस अखबार से कहा है कि रूस और कतर मेजबानी हासिल करने में अनियमितताओं के आरोप साबित होने पर विश्व कप 2018 और 2022 की मेजबानी गंवा सकते हैं।
दुनिया की सबसे अमीर खेल संस्था इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ फुटबॉल एसोसिएशन (फीफा ) भ्रष्टाचार के आरोपों के कारण संकट में है लेकिन पिछले एक दशक से भी अधिक समय से बतौर अध्यक्ष सेप ब्लास्टर बेफिक्र हैं। फीफा के चुनाव में पहले से ही जीत के प्रति आश्वस्त ब्लास्टर को इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि यूरोपियन फुटबॉल फेडरेशन (यूईएफए) जैसा प्रभावशाली संघ और कई सारे प्रायोजक उन्हें हटाने पर आमदा हैं। भारतीय ओलिंपिक संघ (आईओए) में अध्यक्ष एन. रामचंद्रन को हटाने के लिए कुछ ऐसी ही उठापटक चल रही है और आईओए कई खेमों में बंट गया है।
फीफा अध्यक्ष पद से सैप ब्लाटर ने बुधवार को आश्चर्यजनक तरीके से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद स्कैंडल में फंसे फीफा की छवि को सुधारने के लक्ष्य के साथ इस संगठन के अध्यक्ष पद के लिए नये सिरे से दौड़ शुरू हो गई है।
भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल संघ (फीफा) के अध्यक्ष सैप ब्लाटर ने पांचवी बार पद संभालने के चार दिन बाद ही इस्तीफा दे दिया है। रिश्वतखोरी के मामले में फीफा उपाध्यक्ष समेत सात अधिकारियों की गिरफ्तारी के बाद उन पर यूरोपीय देशों का दबाव बढ़ गया था। यूरोप के कई देश फीफा से हटकर अलग विश्व कप कराने की मुहिम छेड़ चुके हैं।
फुटबॉल की सबसे बड़ी अंतरराष्ट्रीय संस्था के उपाध्यक्ष सहित नौ अधिकारियों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं। इनमें से कुछ अधिकारियों ने अपने गुनाह भी कबूल लिए हैं। एफबीआई की जांच से पता चला है कि कुल चौदह अधिकारियों ने दक्षिण अफ्रीका में 2010 की विश्व कप मेजबानी के लिए करीब 15 करोड़ डॉलर की रिश्वत ली थी।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश के अनुसार राहुल गांधी इस साल कांग्रेस के अध्यक्ष बन सकते हैं और वह क्षेत्रीय चेहरों को आगे बढ़ाकर भारत की इस सबसे पुरानी पार्ट को उसकी ताकत और उसके अतीत का गौरव वापस दिला सकते हैं।
लोकसभा में एक केंद्रीय मंत्री को उस समय फटकार लगी जब वह बिना अनुमति के ही एक सदस्य को सलाह देने लगे। ऐसे में पूरा विपक्ष एकजुट हो गया और लोकसभा अध्यक्ष को मंत्री को फटकार लगानी पड़ी।
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने केंद्र भी भाजपा नीत एनडीए सरकार पर जमकर हमला बोला है। लोकसभा में उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भी कड़ी आलोचना की।
केरल के मौजूदा राज्यपाल पी. सदाशिवम को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग का अध्यक्ष बनाए जाने की सुगबुगाहट जैसे ही तेज हुई, वैसे ही मानवाधिकार संगठनों ने इसके खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। संभवतः यह पहला मौका है जब किसी राज्यपाल को इस पद के लिए चुना जा रहा है।