ओलंपियन मैराथन धाविका ओपी जैशा द्वारा अधिकारिक लापरवाही के आरोपों की जांच में देरी होगी क्योंकि यह खिलाड़ी स्वाइन फ्लू का उपचार करा रही है और इसके लिये उसे कम से कम एक हफ्ते के आराम की जरूरत है।
भारत में चिकित्सा शोध की स्थिति हमेशा विकसित देशों के मुकाबले पिछड़ी रही है। कई गंभीर बीमारियां पूरे देश में फैल जाती हैं और उसपर नियंत्रण में खासा समय लग जाता है। ऐसे में देश में चिकित्सा शोध के लिए जिम्मेदार सरकारी विभाग चिकित्सा अनुसंधान विभाग (डीएचआर) एवं भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) पर बड़ी जिम्मेदारी आती है। आउटलुक ने आईसीएमआर की उपलब्धियों एवं चुनौतियों के बारे में परिषद की महानिदेशक डॉ. सौम्या स्वामीनाथन से विस्तृत बातचीत की। पेश हैं अंशः
डेंगू संकट से जूझ रहे दिल्लीवासियों के ऊपर अब स्वाइन फ्लू का खतरा मंडरा रहा है। दिल्ली में स्वाइन फ्लू फैलने की आशंका है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने स्वाइन फ्लू के संभावित खतरे से दिल्लीवासियों को चेताया है।
पक्षियों के सुसाइड स्पॉट के तौर पर चर्चित, असम के जतिंगा गांव में पिछले कुछ सालों के दौरान पंखों वाले इन मेहमानों की संख्या में तेजी से कमी आई है। आखिर असम का यह गांव क्यों कहलाता है पक्षियों का सुसाइड पॉइन्ट।
देश में 600 से ज्यादा लोगों की जान ले चुके स्वाइन फ्लू के फैलने के लिए अनुकूल मौसम के अलावा घनी आबादी भी उतनी ही जिम्मेदार है। हालांकि डॉक्टरों का कहना चंद सावधानियां ही इस बीमारी को नियंत्रित करने के लिए काफी है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के महासचिव डॉ. के.के. अग्रवाल कहते हैं कि वह मरीजों को यही सलाह देते हैं कि फ्लू के लक्षण उभरते ही तीन दिनों तक खुद को भीड़भाड़ से दूर रखें, मास्क का इस्तेमाल करें और लोगों से हाथ मिलाने से परहेज करें।
देश में स्वाइन फ्लू का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। करीब 10 राज्यों में अबतक 650 के आस-पास लोग इस बीमारी के कारण अपनी जान गंवा चुके हैं और बीमारी से प्रभावितों की संख्या 10 हजार से ऊपर जाने की आशंका है।
देश में स्वाइन फ्लू की दहशत बढ़ती जा रही है। राजस्थान में 165 तो गुजरात मे 144 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। पूरे देश में मृतकों का आंकड़ा 485 को पार कर चुका है।
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार इस वर्ष ठंड के इस सीजन में पूरे देश में अबतक 5200 से अधिक लोग इस वायरस के शिकार हो चुके हैं जबकि बीमारी से मृतकों की संख्या 410 के आस-पास पहुंच चुकी है। अकेले राजस्थान में 105 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं। गुजरात में मृतकों का आंकड़ा 108 को छू चुका है।