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संतई के बहाने ‘पदवियों’ का कारोबार

संतई के बहाने ‘पदवियों’ का कारोबार

हाल के दिनों की कुछ घटनाओं का आधार मान लें तो हिंदू संतों की जिंदगी सवालों के घेरे में है। जो सेवा, त्याग, तपस्या का दम भरते थे, वे सिक्कों की खनखनाहट के फेर में पड़ने से लेकर संदिग्ध लोगों तक को पदवियां बांटने में जुटे हुए दिख रहे हैं। संतई एक भरा-पूरा कारोबार नजर आ रही है। नाम, पहचान, भगवान से लेकर पद-परंपरा तक, सब कुछ बिकने वाली चीजों में शुमार हो गए हैं। ऐसे हालात में आस्था और भरोसा कहीं कोने में दुबक कर सिसक रहे हैं। संतों का कारोबार लगातार तरक्की कर रहा है और जिंदगी की दुश्वारियों से परेशान लोग किसी चमत्कार की उम्मीद में उनके शरणागत हो रहे हैं।
कसाब-गांधी के संवाद के बहाने

कसाब-गांधी के संवाद के बहाने

‘कसाब.गांधी@यरवदा.इन’ संग्रह पंकज सुबीर का तीसरा संग्रह है और अपने पूर्व के दो संग्रहों की ही तरह इसमें भी पंकज सुबीर की कहानियों की विषय वैविध्यता दिखाई देती है। कई कई विषयों को समेटे हुए दस कहानियां हैं। इनमें विषयों में सांप्रदायिकता है, आतंकवाद है, बचपन की फैंटेसी है, मध्यमवर्गीय जीवन है, देह के समीकरण हैं और कुछ रहस्य की कहानियां भी हैं। मतलब यह कि दस कहानियों में लगभग दस अलग-अलग विषयों को समेटने की कोशिश की गई है।
विदेशी दाताओं के बहाने ज्ञान और विकास पर हमला

विदेशी दाताओं के बहाने ज्ञान और विकास पर हमला

मीडिया में आई खबरों के अनुसार, गृह मंत्रालय भारतीय एनजीओ को मिलने वाले विदेशी अनुदान पर नियम-कायदों का शिकंजा कसने के लिए एक नया तंत्र विकसित करने जा रहा है, जिसकी घोषणा 15 जून तक हो सकती है। इस नई नियामक व्‍यवस्‍था में खुफिया ब्‍यूरो, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया और गृह मंत्रालय की एफसीआरए विंग के बीच मजबूत तालमेल रहेगा। विदेशी अनुदान हासिल करने वाले सभी गैर-सरकारी संगठनों को एक वेबसाइट बनानी होगी और फंड हासिल करने के 48 घंटे के अंदर इसकी जानकारी सार्वजनिक कर अपनी गतिविधियों और सहयोगी संस्‍थाओं की पूरी जानकारी देनी पड़ेगी।
मम्मा की डायरी के बहाने

मम्मा की डायरी के बहाने

इंडिया हैबिटेट सेंटर का केसोरिना हॉल। जब हम पहुंचे तो हॉल में गिनती के लोग। देखते ही देखते हॉल में बच्चों की शैतानियां शुरू हो गईं। मम्मियों की आंखें लाल होने लगीं और इस सबके बीच सज गया मंच, ‘मम्मा की डायरी’ पर बातों के लिए। नताशा ने संचालन का जिम्मा उठाया और लेखिका अनु सिंह चौधरी ने बातों की भूमिका बांधी। एक सवाल के साथ, ‘मैं मां न होती तो न जाने क्या होती?’ औपचारिक शुरुआत दिल्ली विश्वविद्यालय के कुछ छात्रों की बनाई फिल्म, ‘आओगी न मां’ से हुई। संवाद के तौर-तरीके चिट्ठी-पत्री से बदल कर ईमेल तक पहुंचे।
अमेठी में राहुल गांधी, फूड पार्क के बहाने मोदी पर निशाना

अमेठी में राहुल गांधी, फूड पार्क के बहाने मोदी पर निशाना

अमेठी में बनने वाले फूड पार्क को निरस्त किए जाने से नाराज कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा। अमेठी के दौरे पर पहुंचे राहुल ने कहा कि फूड पार्क बन जाने से जिले का विकास होगा लेकिन यह सरकार विकास नहीं चाहती। राहुल ने केंद्र सरकार को दस में से शून्य अंक भी दिया।
मांझी के बहाने भाजपा पर मायावती का हमला

मांझी के बहाने भाजपा पर मायावती का हमला

बिहार में भारतीय जनता पार्टी ने भले ही दलित वोटों को अपने पक्ष में मोड़ने के लिए जीतन राम मांझी के पक्ष में खड़े होने का फैसला लिया हो मगर देश में दलितों की सबसे बड़ी नेता मानी जाने वाली मायावती ने इस कदम के लिए भाजपा और मोदी पर करारा हमला बोला है।
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