जब से भारतीय जनता पार्टी की सरकार है, तब से गाय माता अचानक से लाइम लाइट में आ गई हैं। पर्यावरण मंत्रालय गाय पर एक दिवसीय कार्यक्रम कर रहा है। राजस्थान में भी गाय पर कार्यक्रम हो रहा है।
अमेरिका ने कहा है कि भूटान जलवायु परिवर्तन और पर्यावरण संरक्षण जैसे मुद्दों पर एक वैश्विक आदर्श है क्योंकि यह देश जितनी कार्बन डाइ आॅक्साइड का उत्सर्जन करता है, उससे तीन गुना ज्यादा यह अवशोषित कर लेता है। उसका संविधान कहता है कि देश में कम से कम 60 फीसदी हिस्से पर जंगल होने चाहिए। इस समय इसके 72 फीसदी हिस्से पर जंगल हैं।
अन्ना के जल संरक्षण मॉडल से उनके गांव वाले ही उनसे नाराज हो गए हैं। अन्ना के सामाजिक जीवन में शायद यह पहली बार हो रहा है। जब उनके अपने लाेगों ने ही उनका विरोध किया है। गांव के किसान वाटर लेबल में सुधार के लिए बोरवेल भरे जाने की अन्ना की मुहिम को दरकिनार करते हुए एकमत होकर कहा है कि हम हर बार अन्ना की नहीं सुनेंगे।
केंद्रीय जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा सरंक्षण मंत्री उमा भारती ने कहा कि बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर का जन्मदिवस जल दिवस के रूप में मनाया जाएगा। नई दिल्ली में जलसंसाधनों के बहुउद्देशीय विकास एवं वर्तमान चुनौतियां विषय पर आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी को संबोधित करते हुए उन्होंने देश के कुछ भागों में सूखे की स्थिति पर चिंता व्यक्त की।
भारतीय प्रेस परिषद (पीसीआई) ने एक अभूतपूर्व कदम उठाते हुए केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के सचिव सुनील अरोड़ा के खिलाफ जमानती वारंट जारी किया है। पीसीआई ने यह कदम अपने समन पर सोमवार को उनके उपस्थित नहीं होने पर उठाया है।
सुप्रीम कोर्ट ने आज केंद्र से उस समिति की रिपोर्ट दाखिल करने को कहा जिसका गठन मुस्लिमों सहित विभिन्न धार्मिक अल्पसंख्यकों के विवाह, तलाक और संरक्षण से संबंधित पर्सनल लॉ के विभिन्न पहलुओं पर विचार करने के लिए किया गया था।
अगर शेर, बाघ और अन्य पशु बोलने लगें तो क्या होगा। शायद वह यही कहें, प्लीज हमें बक्श दो। मध्य प्रदेश के कार्टूनिस्ट हरिओम तिवारी ने बाघों पर आधारित कार्टून बनाए और टाइगर स्पीक नाम से दिल्ली में लोगों तक यह बात पहुंचाने की कोशिश की कि उन्हें भी चैन चाहिए हमारी तरह।
सामान्य लोकतांत्रिक प्रक्रिया के जरिये जर्मनी में हिटलर के सत्ता में आने और भारत में आपातकाल के ऐतिहासिक घटनाक्रमों का जिक्र करते हुए अभिनेता कमल हासन ने कहा कि हम बोलने की आजादी को हल्के में नहीं ले सकते। साथ ही हासन ने लोकतंत्र में बोलने की आजादी के संरक्षण के लिए सतत निगरानी को जरूरी बताया।