सरकारी बैंक भारी डूबत कर्ज के बोझ से दबे हुए हैं। 31 मार्च को समाप्त वित्त वर्ष तक उनका सकल एनपीए 2.67 लाख करोड़ रुपये था जो पूरे बैंकिंग उद्योग के एनपीए का 86 प्रतिशत बैठता है।
जानी-मानी मोबाइल सेवा प्रदाता कंपनी भारती एयरटेल, वोडाफोन, आरआईएल और आइडिया जैसी 11 कंपनियों को भारतीय रिजर्व बैंक ने सैद्धांतिक रूप से बैंक लाइसेंस दे दिया है। यह फैसला देश के लाखों नागरिकों को औपचारिक बैंकिंग पद्धति से बैंक भुगतान की सुविधा देने के मकसद से किया गया है।
निजी क्षेत्र का सबसे बड़ा बैंक आईसीआईसीआई बैंक ग्रामीण इलाकों में ग्राहकांे को 15 लाख रुपये तक का ऋण आधार दर पर उपलब्ध कराएगा। आधार दर बैंकों की कर्ज पर ली जाने वाली सबसे निम्न ब्याज दर होती है। बैंक महिलाआंे को पहले ही आधार दर पर कर्ज उपलब्ध करा रहा है।
ऑस्ट्रेलिया में भारतीय उद्योगपति गौतम अडानी की कोयला खनन परियोजना को एक और झटका लगा है। पर्यावरण मंजूरी रद्द होने के बाद अब अॉस्ट्रेलिया के बैंक ने परियोजनाओं से नाता तोड़ लिया है।
भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन ने बुधवार को कहा कि केंद्रीय बैंक अपनी नीतिगत ब्याज दर में कटौती करेगा, बशर्ते उसे यह भरोसा हो जाए कि इस कटौती के बाद भी मुद्रास्फीति छह प्रतिशत से नीचे बनी रहेगी।
ऊंची महंगाई दर का हवाला देते हुए रिजर्व बैंक ने नीतिगत दरों में कोई बदलाव नहीं किया है। आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन ने कहा है कि इस साल ब्याज दरों में हुई कटौती का पूरा फायदा बैंकों ने ग्राहकों तक नहीं पहुंचाया है।
ब्याज दरें तय करने के मामले में आरबीआई गवर्नर की वीटो पावर खत्म करने के मुद्दे पर आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन भी सरकार के सुर में सुर मिलाते दिख रहे हैं। राजन ने कहा है कि बेहतर होगा यदि एक व्यक्ति के बजाय कोई समिति मुख्य ब्याज दरों के बारे में फैसला करे। राजन के मुताबिक, इस मामले पर आरबीआई और सरकार के बीच कोई मतभेद नहीं है।
पिछले एक वर्ष में नीतिगत रेपो दर में 25-25 बेसिस प्वाइंट्स की तीन कटौतियों की सौगात दे चुका भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) बैंकों से लोन लेने वाले ग्राहकों को इस साल की दूसरी त्रैमासिक मौद्रिक समीक्षा में शायद ही और कटौती करे।
हांगकांग के केंद्रीय बैंक ने भारतीय स्टेट बैंक की हांगकांग शाखा पर स्थानीय हवाला निरोधक कानून और आतंकवाद निरोधी वित्तीय कानून का उल्लंघन करने का आरोप लगाते हुए उस पर दस लाख अमेरिकी डॉलर का जुर्माना लगाया है।
ठगी करने वाली धोखेबाज गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियां (एनबीएफसी) की अब पंजाब में खैर नहीं। राज्य सरका ने विभिन्न लुभावनियों स्कीमों जैसे कि सांझी निवेश स्कीमों और बहु स्तरीय मार्किटिंग स्कीमों के नाम पर ठगी कर रही इन कंपनियों पर शिकंजा कसने के लिए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया से तालमेल किया है।