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Search Result : "ब्रिटिश राज"

हरियाणा पंचायती राज आदेश पर सुप्रीम कोर्ट की रोक

हरियाणा पंचायती राज आदेश पर सुप्रीम कोर्ट की रोक

हरियाणा में पंचायत चुनाव लड़ने के लिए शैक्षणिक योग्यता को अनिवार्य करने वाले हरियाणा सरकार के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट ने नए प्रावधानों की वैधानिकता को चुनौती देने वाली एक याचिका पर सुनवाई के बाद हरियाणा सरकार से जवाब मांगते हुए यह रोक लगाई है।
ब्रिटिश सेना के लिए चैरिटी मैच खेलेंगे धोनी

ब्रिटिश सेना के लिए चैरिटी मैच खेलेंगे धोनी

भारत की वनडे टीम के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ब्रिटिश सेना की तरफ से गुरुवार को लंदन के ओवल मैदान पर होने वाले क्रिकेट फोर हीरोज टी20 क्रिकेट मैच में खेलेंगे।
स्कारलेट विल्सन की आदर्श हैं ऐश्वर्या

स्कारलेट विल्सन की आदर्श हैं ऐश्वर्या

टीवी कार्यक्रम झलक दिखला जा रिलोडेड में दर्शकों का मनोरंजन करने वाली ब्रिटिश मॉडल- डांसर स्कारलेट विल्सन बॉलीवुड अभिनेत्री ऐश्वर्या रॉय बच्चन के नृत्य कौशल की प्रशंसक हैं।
ताज महल का झाड़फानूस गिरा

ताज महल का झाड़फानूस गिरा

विश्व के सात अजूबों में शामिल ताज महल के मुख्य प्रवेश द्वार पर लगा ब्रिटिश काल का 60 किलोग्राम वजन का एक झाड़फानूस हाल में गिर गया और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने इस संबंध में जांच शुरू कर दी है।
हिंसा भड़काकर राज करना चाहते हैं मोदी : राहुल

हिंसा भड़काकर राज करना चाहते हैं मोदी : राहुल

कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने आज कांग्रेस को महात्मा गांधी और विनोबा भावे के बताए सत्य एवं अहिंसा के रास्ते पर चलने वाली पार्टी करार देते हुए आरोप लगाया कि इसके विपरीत राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हिंसा कराकर देश पर राज करना चाहते हैं।
कूड़ेदान में डालो कूड़ा, पाओ मुफ्त वाईफाई कोड

कूड़ेदान में डालो कूड़ा, पाओ मुफ्त वाईफाई कोड

क्या हो यदि सार्वजनिक स्थान पर कचरे को निर्धारित जगह यानी डस्टबिन में डाला जाने लगे। कितना अहमकाना सवाल है। जाहिर है सभी जगह साफ-सफाई रहने लगेगी। लेकिन ऐसा कम ही लोग करते हैं। लेकिन यदि सार्वजनिक स्थानों पर डस्टबिन में कचरा फेंकने के एवज में मुफ्त वाईफाई की सुविधा मिलने लगे तो सोच कर देखिए माहौल कैसा हो जाएगा।
आजादी विशेष | नए-पुराने कानूनों के बल पर नया कंपनी राज

आजादी विशेष | नए-पुराने कानूनों के बल पर नया कंपनी राज

सत्ता, कानून और न्यायालय से क्या आज भी देश के आम नागरिक और समाज के आखिरी पायदान पर खड़े व्यक्ति को न्याय की उम्मीद बंधती है? क्या उसके मौलिक अधिकार समाज के सुविधा संपन्न और रसूखदारों की तरह सुरक्षित हैं? कानूनों के संदर्भ में जब हम आजादी की बात करें तो इस पहलू की गहराई से विवेचना होनी चाहिए। समाज में, नीति-निर्धारकों में जो दो फाड़ है, वह कानून की दुनिया में भी साफ दिखाई देता है।
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