ब्रिटेन में डेविड कैमरन की कंजरवेटिव पार्टी को पूर्ण बहुमत मिल गया है। लगातार दूसरी बार सरकार बनाने जा रहे कैमरन को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर बधाई दी है।
ब्रिटेन के चुनावों की असली कहानी दो समांतर रुझानों की कहानी है। एक रुझान केंद्रीकरण और स्थिरता की तरफ है। दूसरा रुझान विकेंद्रीकरण की ओर है। कंजरवेटिव पार्टी को बहुमत दिलाने में पहले रुझान का हाथ तो स्पष्ट है लेकिन दूसरे रुझान ने भी उसे उतनी ही ताकत पहुंचाई। स्कॉटलैंड में स्कॉटिश नेशनल पार्टी (एसएनपी) को मिली अपूर्व सफलता, उस तरह की सफलता जैसी दिल्ली में आम आदमी पार्टी को मिली है, दूसरे रुझान की ताकत का संकेत है। यह विश्व के सबसे पुराने राजनीतिक संघ यूनाइटेड किंगडम के ढांचे को पुनर्परिभाषित करेगा। इस दूसरे रूझान ने स्कॉटलैंड में लेबर पार्टी की जड़ खोद दी और वेल्स में भी स्थानीय दल प्लेड सिमरू को मिले वोटों ने लेबर पार्टी के ही वोट काटे। जब विकेंद्रीकरण के हामी स्थानीय दलों ने मुख्य विपक्षी दल लेबर पार्टी का जनाधार और एक हद तक वैचारिक आधार भी चुरा लिया तो सत्तारूढ कंजरवेटिव पार्टी को फायदा मिलना ही था।
ब्रिटेन में वर्ष 2015 के आम चुनाव के लिए मतदान शुरू गया है। इसके लिए देश भर में करीब 50,000 मतदान केंद्रों पर स्थानीय समय के मुताबिक सुबह सात बजे से रात दस बजे तक मतदान किया जा सकेगा। ब्रिटेन में अभी 650 संसदीय चुनाव क्षेत्र हैं और इनमें से हर क्षेत्र से एक सांसद हाउस ऑफ कॉमंस में अपने क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करता है।
प्रवासी उद्योगपति लॉर्ड स्वराज पॉल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कार्यशैली से खुश हैं। ब्रिटेन के कपारो समूह के अध्यक्ष पॉल पिछले दिनों निवेश करने करने की योजनाएं लेकर भारत आए थे। इस दौरान पॉल से आउटलुक ने बातचीत की। पेंश है प्रमुख अंश-
पिछले 14 वर्षों के दौरान भारत में हुए प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के आंकड़े इन आरोपों को बल प्रदान करते हैं कि मॉरीशस के रास्ते भारत में काला धन सफेद करके वापस लाया जाता है। तभी तो देश में 2000 से 2014 के बीच कुल 238.63 अरब डॉलर के प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) में 35.38 प्रतिशत योगदान के साथ मॉरीशस सबसे आगे रहा है।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और संघ परिवार के दूसरे घटक नए सिरे से हिंदुओं के ध्रुवीकरण की तैयारी में हैं। इसके लिए इस वर्ष बिक्रमी नववर्ष और चैत्र नवरात्रों का इस्तेमाल करने की योजना बन चुकी है।
उत्तर प्रदेश सरकार ने खेती-किसानी और सड़क-बिजली-पानी को केन्द्रबिन्दु में लेते हुए वित्त वर्ष 2015-16 का बजट पेश किया है। एक ओर बजट में अगले वित्त वर्ष को किसान वर्ष घोषित किया गया है तो दूसरी ओर मेट्रो रेल, लखनउ-आगरा ऐक्सप्रेस वे तथा बिजली उत्पादन में बढ़ोतरी पर विशेष बल दिया गया है।