केंद्र सरकार ने पीपीएफ, एनएससी व किसान विकास पत्र (केवीपी) जैसी लघु बचत योजनाओं पर मिलने वाले ब्याज की दरों में कटौती कर दी है। अब पीपीएफ और एनएससी पर 7.8 फीसदी ब्याज मिलेगा जबकि केवीपी पर 7.5 फीसदी। सीनियर सिटीजन की बचत योजनाओं ओर सुकन्या समृद्धि योजना की ब्याज दरें भी फिर से तय की गई हैं इन्हें 8.3 फीसदी रखा गया है। नई दरें पहली जुलाई से लागू होंगी।
दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने जीएसटी दरों को कम करने का मुद्दा उठाया है। उन्होंने कहा कि जीएसटी दरें ज्यादा होने से देश में महंगाई और इंस्पेक्टर राज को बढ़ावा मिलेगा।
अगर आपने किसी प्रोजेक्ट में फ्लैट बुक करा रखा है और बिल्डर समय-सीमा बीत जाने के बाद भी आपको फ्लैट का पजेशन नहीं दे रहा है तो अब बिल्डर को आपको मुआवजा देना पड़ेगा। यह रकम ब्याज के रूप में होगी। घर देने में देरी करने वाले बिल्डरों को अब खरीदारों को उनके द्वारा चुकाई गई रकम पर 10 फीसदी की दर से ब्याज के रूप में मुआवजा देना पड़ेगा।
केंद्र सरकार ने शुक्रवार को लोक भविष्य निधि (पीपीएफ) जैसी लघु बचत योजनाओं की ब्याज दरों में 0.1 फीसदी की कटौती की है। यह कटौती वित्त वर्ष 2017-18 की अप्रैल-जून तिमाही के लिए की गई है। नई दरें एक अप्रैल से प्रभावी होंगी।
साधारण बीमा कंपनियां अपने कारोबार के कई क्षेत्रों में बीमा प्रीमियम की दरें 10 से 15 प्रतिशत तक बढ़ाने की योजना बना रही हैं ताकि उनका कारोबार लाभदायक बना रहे। बीमा कंपनियों ने ऐसा इसलिए किया क्योंकि लगातार बढ़ते घाटे और ब्याज दरों में गिरावट जैसे कारणों से कुछ खंडों में ब्याज दरें घटने से कंपनियों की निवेश आय भी प्रभावित हो रही है।
वर्तमान में वृहद आर्थिक स्थिति की मजबूती तथा मुद्रास्फीति पर अंकुश के मद्देनजर राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कर्ज पर ब्याज दर को अपेक्षाकृत और कम, स्थिर, तथा स्वीकार्य स्तर पर रखे जाने की जरूरत पर आज बल दिया ताकि संभावित निवेशकों को भारत और खास कर पश्चिम बंगाल में निवेश के लिए आकर्षित किया जा सके।