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साधारण बीमा कंपनियां बढ़ा सकती हैं प्रीमियम दरें

साधारण बीमा कंपनियां बढ़ा सकती हैं प्रीमियम दरें

साधारण बीमा कंपनियां अपने कारोबार के कई क्षेत्रों में बीमा प्रीमियम की दरें 10 से 15 प्रतिशत तक बढ़ाने की योजना बना रही हैं ताकि उनका कारोबार लाभदायक बना रहे। बीमा कंपनियों ने ऐसा इसलिए किया क्योंकि लगातार बढ़ते घाटे और ब्याज दरों में गिरावट जैसे कारणों से कुछ खंडों में ब्याज दरें घटने से कंपनियों की निवेश आय भी प्रभावित हो रही है।
ब्याज दरें कम और  स्थिर हों : प्रणब

ब्याज दरें कम और स्थिर हों : प्रणब

वर्तमान में वृहद आर्थिक स्थिति की मजबूती तथा मुद्रास्फीति पर अंकुश के मद्देनजर राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कर्ज पर ब्याज दर को अपेक्षाकृत और कम, स्थिर, तथा स्वीकार्य स्तर पर रखे जाने की जरूरत पर आज बल दिया ताकि संभावित निवेशकों को भारत और खास कर पश्चिम बंगाल में निवेश के लिए आकर्षित किया जा सके।
कई और बैंकों ने ब्याज दरें घटाईं

कई और बैंकों ने ब्याज दरें घटाईं

एचडीएफसी सहित कुछ और बैंकों व आवास ऋण कंपनियों ने आज अपनी उधारी दरों में 0.9 प्रतिशत तक की कटौती की घोषणा की जिससे आवास व कारपोरेट कर्ज सस्ता होगा। बैंकों में कॉरपोरेशन बैंक, बैंक ऑफ इंडिया बीओआई व पंजाब एंड सिंध बैंक ने सीमांत लागत आधारित उधारी दर (एमसीएलआर) में कटौती की है। इसी तरह एचडीएफसी लिमिटेड व इंडिया बुल्स ने भी अपनी-अपनी ब्याज दर में 0.45 प्रतिशत तक की कटौती की है।
विमुद्रीकरण की क्रांति से देश निसंदेह आगे बढ़ेगा : अमिताभ कांत

विमुद्रीकरण की क्रांति से देश निसंदेह आगे बढ़ेगा : अमिताभ कांत

नीती आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने कहा है कि मौजूदा सरकार की विमुद्रीकरण की नीति एक क्रांति है, जिससे निसंदेह देश तरक्‍की करेगा। कांत के अनुसार विमुद्रीकरण के बाद देश के बैंकों में डिपोजिट बढ़ेगी जिससे काफी सारे लाभ होंगे। मसलन ब्‍याज दरों में कमी आएगी। बाजार के तंत्र में भ्रष्‍टाचार कम होगा। आयकर स्‍लैब में कमी आएगी। कांत ने कहा कि विमुद्रीकरण से पहले 86 फीसदी धन का लेन देन कैश में हाेेता था। जिसमें भ्रष्‍टाचार और लीकेज की आशंका अधिक थी। विमुद्रीकरण के बाद इनमें कमी आएगी। ई कॉमर्स को बढ़ावा मिलेगा। बाजार में धन का लेन देन पारदर्शी बन सकेगा।
जीएसटी के तहत कई दरें रखना नुकसानदायक: चिदंबरम

जीएसटी के तहत कई दरें रखना नुकसानदायक: चिदंबरम

पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने आज कहा कि प्रस्तावित वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) व्यवस्था के तहत कर की कई दरें रखना घातक होगा और यह पुराने वैट को नए आकार में पेश करने के अलावा और कुछ नहीं होगा।
भंडारण सुविधा नहीं : 60 करोड़ की प्‍याज खरीदी, आधी सड़ गई बाद में और लगाए 7 करोड़

भंडारण सुविधा नहीं : 60 करोड़ की प्‍याज खरीदी, आधी सड़ गई बाद में और लगाए 7 करोड़

प्याज उत्पादक किसानों को राहत देने की कोशिश में मध्‍यप्रदेश सरकार को दोहरी मार पड़ी है। सरकार ने छह रु. किलो के हिसाब से 10.4 लाख क्विंटल प्याज खरीदी। उसे गोदाम तक पहुंचाने में करीब 7 करोड़ रु. खर्च हो गए। तय हुआ कि प्याज को खुले बाजार में बेचा जाएगा। कोशिश भी हुई लेकिन बिकी नहीं।
मौद्रिक नीति समीक्षा : ब्‍याज दरों में कोई बदलाव नहीं, महंगाई बढ़ने के संकेत

मौद्रिक नीति समीक्षा : ब्‍याज दरों में कोई बदलाव नहीं, महंगाई बढ़ने के संकेत

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर रघुराम राजन ने मंगलवार को कयासों के अनुकूल मौद्रिक नीति की द्वैमासिक समीक्षा पेश करते हुए ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया। रेपो रेट बिना बदलाव के 6.50 फीसदी और रिवर्स रेपो रेट 6 फीसदी बरकरार रहेगी। आरबीआई ने सीआरआर में कोई बदलाव नहीं किया है और ये 4 फीसदी पर कायम है। एमएसएफ यानी मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी दर भी 7 फीसदी पर बरकरार है।
मौद्रिक नीति की समीक्षा कल, मानसून की थाह के बीच क्या घटेंगी ब्याज दरें

मौद्रिक नीति की समीक्षा कल, मानसून की थाह के बीच क्या घटेंगी ब्याज दरें

खुदरा महंगाई बढ़ने के संकेतों के बीच भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन मंगलवार को द्वैमासिक मौद्रिक नीति की समीक्षा में नीतिगत दरों में यथास्थिति बनाए रख सकते हैं। कुछ विशेषज्ञों के अनुसार रिजर्व बैंक ब्याज दर में कटौती की दिशा में कोई अगला कदम बढ़ाने से पहले मानसून की प्रगति का थाह लेना चाहेगा। मानसूनी वर्षा की शुरूआत में इस साल देर हो रही है पर मौसम विभाग और निजी एजेंसियों ने वर्षा सामान्य या उससे ऊपर रहने का अनुमान लगाया है।
आरबीआई ने ब्‍याज दरों में नहीं किया बदलाव

आरबीआई ने ब्‍याज दरों में नहीं किया बदलाव

भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन ने आज केंद्रीय बैंक की नीतिगत ब्याज दर अपरिवर्तित रखते हुए संकेत दिया कि मौद्रिक नीति आगे भी नरम रखी जाएगी। उन्होंने कहा है कि मुद्रास्फीति लक्ष्य के करीब पहुंच रही है एेसे में दर कम करने का अवसर मिलेगा ताकि आर्थिक वृद्धि में मदद हो सके।
फेडरल रिजर्व ने बढ़ाई ब्‍याज दर, भारत चुनौती के लिए तैयार

फेडरल रिजर्व ने बढ़ाई ब्‍याज दर, भारत चुनौती के लिए तैयार

अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने 2008 के वित्तीय संकट के बाद सात साल में पहली बार ब्याज दर 0.25 फीसदी बढ़ाई है। इस बढ़ोतरी के बाद अमेरिका में ब्‍याज दरें 0.25 से 0.50 फ़ीसदी के बीच आ जाएंगे। इस फैसले को अमेरिका अर्थव्‍यवस्‍था में सुधार का संकेत माना जा रहा है और इसका असर पूरी दुनिया पर पड़ सकता है। हालांकि, भारत सरकार ने कहा है कि वह इस चुनौती से निपटने के लिए तैयार है।
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