महिला का नाम आशा साहनी था। उनका बेटा ऋतुराज अमेरिका में सॉफ्टवेर इंजीनियर था और वहीं रहता था। 2013 में आशा साहनी के पति और ऋतुराज के पिता केदार साहनी की मौत हो गई थी।
लोकपाल आंदोलन के दौरान अरविंद केजरीवाल के गुरु रहे अन्ना हजारे ने कहा कि अब आप से लोगों का भरोसा उठ गया है। अरविंद केजरीवाल की कथनी-करनी में फर्क आ गया है। उनकी सत्ता की भूख ही आप को ले डूबी।
संयुक्तराष्ट्र सुरक्षापरिषद ने लेक चाड क्षेत्र और नाइजीरिया में बोकोहराम एवं इस्लामिक स्टेट के आतंकवादियों को हराने और उस मानवीय संकट से निपटने के प्रयासोंको तेज करने की अपील की है जिसके कारण लाखों लोग भूख और संभावित अकाल का सामना कर रहे हैं।
जम्मू कश्मीर में भारत-पाकिस्तान सीमा पर तैनात बीएसएफ के एक जवान ने आरोप लगाया है कि सैनिकों को बर्बरता का सामना करना पड़ता है क्योंकि उन्हें खराब गुणवत्ता का भोजन परोसा जाता है और कई बार तो भूखे भी रहना पड़ता है। इस मामले के सामने आने के बाद केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने उचित कार्रवाई का आदेश दिया है और रिपोर्ट मांगी है। वहीं, बीएसएफ ने मामले की जांच शुरू कर दी है।
केंद्र के नोटबंदी के कदम पर हमलावर होते हुए शिवसेना ने मंगलवार को कहा कि इससे वास्तविक काला धन तो बाहर नहीं आया बल्कि सरकार भूख, महंगाई और बेरोजगारी जैसे ज्वलंत मुद्दों से ध्यान भटकाने में कामयाब जरूर हो गई।
देश में भले ही जोर-शोर से कहा जा रहा हो कि हर तरफ विकास हो रहा है लेकिन विश्व मंंच में भारत की स्थिति कोई बेहतर नहीं कही जा सकती। वाशिंगटन स्थित इंटरनेशनल फूड पालिसी रिसर्च इंस्टिच्यूट (आईएफपीआरआई) की एक रिपोर्ट में भारत भूखे देशों की सूची में शुुमार है।
16 साल तक की भूख हड़ताल के बाद भी मणिपुर की लौह महिला इरोम शर्मिला की अच्छी सेहत का राज उनकी इच्छाशक्ति और योगाभ्यास है। इस भूख हड़ताल के दौरान उन्हें नाक से जबरन तरल भोजन दिया जाता था। शर्मिला के सहयोगियों और उनके परिवार के सदस्यों के अनुसार, शर्मिला ने 1998 में योग सीखा था। इसके दो साल बाद वह भूख हड़ताल पर बैठ गई थीं। यह भूख हड़ताल मंगलवार को खत्म हो गई।
मणिपुर से सशस्त्र बल विशेषाधिकार अधिनियम (आफ्स्पा) हटाने के लिए पिछले 16 साल से संघर्षरत र्इरोम शर्मिला चानू ने मंगलवार को अपना अनशन तोड़ दिया। इंफाल की अदालत में इरोम द्वारा अनशन तोड़ने की सूचना देने के बाद उन्हें जमानत दे दी।
मणिपुर की मानवाधिकार कार्यकर्ता इरोम शर्मिला ने 16 साल बाद मंगलवार को रोते हुए अपनी भूख हड़ताल खत्म की। इस अवसर पर बेहद भावुक इरोम ने कहा कि अब वह अपने संघर्ष की रणनीति में बदलाव करते हुए राजनीति में उतरना चाहती हैं।