किसी भी मंत्रिमंडल सदस्य का प्रदेश की विधान सभा अथवा विधान परिषद् का सदस्य होना अावश्यक है और यह सदस्यता मंत्री पद ग्रहण करने के 6 महीने के अन्दर होनी चाहिए।
मनीष तिवारी ने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने मंत्रिमंडल का विस्तार किया। कुछ नए मंत्रियों को शपथ दिलाई। कई को पद से हटाया। इसमें आश्चर्यजनक यह है कि सारी प्रक्रिया से पीएम खुद बाहर दिखे।"
आखिरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी नई टीम का ऐलान कर दिया है। कुल 9 नए चेहरों को राज्य मंत्री बनाया गया है, इनमें चार पूर्व नौकरशाह शामिल हैं। स्वतंत्र प्रभार वाले चार मंत्रियों को प्रमोट कर कैबिनेट मंत्री बनाया गया है। लेकिन जदयू और शिवसेना जैसे एनडीए के सहयोगी दलों से किसी को मंत्री पद शपथ नहीं दिलाई गई।
मई 2014 में मोदी सरकार के केंद्र में सत्ता संभालने के बाद यह मंत्रिमंडल में तीसरा फेरबदल होगा। मंत्रिमंडल में सहयोगी दल शिवसेना और जेडीयू के शामिल होने पर अभी भी संशय बरकरार है।
केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के मंत्रिमंडल में फेरबदल और विस्तार की घड़ी आ गई है। इसके मद्देनजर राजीव प्रताप रूडी समेत कम से कम 8 मंत्रियों के इस्तीफे की खबरें आ रही हैं। यह संभवत: मोदी सरकार का आखिरी ऐसा बड़ा कैबिनेट विस्तार होगा जिसमें कई मंत्रियों की छुट्टी हो सकती है जबकि कई नए चेहरों को मौका दिया जाएगा।