आतंकी कमांडर बुरहान वाली की बरसी से एक दिन पहले यानि 7 जुलाई को कांग्रेस नेता सैफुद्दीन सोज के बयान पर अपनी कांग्रेस ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। सोज ने कहा था कि मेरा बस चलता तो मैं बुरहान को जिंदा रखता और उससे बात करता।
उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड विधानसभा चुनावों में करारी हार के बाद वरिष्ठ कांग्रेसी नेता मणिशंकर अय्यर ने एक बार फिर पार्टी नेतृत्व पर सवाल उठाया और कहा कि पार्टी के हर स्तर पर चुनाव होना चाहिए। उन्होंने कहा है कि न सिर्फ पार्टी के हर स्तर के पदों पर बल्कि कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष का भी चुनाव होना चाहिए।
जेएनयू प्रशासन ने छात्रों और शिक्षकों से परिसर में विघ्नकारी राजनीति और प्रदर्शनों को हतोत्साहित करने की अपील करते हुए आरोप लगाया कि इससे विश्वविद्यालय का सुगमतापूर्वक चलने वाला कामकाज बाधित हो रहा है और प्रदर्शनों के जरिए अतार्किक मांगें उठायी जा रही हैं।
देश में सरकार की चौतरफा हो रही आलोचना के बीच केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली जब वर्ष 2016-17 का बजट प्रस्तुत करने 29 फरवरी को लोकसभा में खड़े हुए तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पूरी सरकार दम साधे यह देख रही थी आखिर यह बजट उन्हें जनता के बीच खड़े होने का भी मौका देगा या नहीं। लेकिन जेटली सब तय करके बैठे थे और उन्होंने बजट भाषण की शुरुआत ही इन पंक्तियों से करके अपने इरादे जता दिए थे:
'कश्ती चलाने वाले ने जब हार के दी पतवार हमें
लहर-लहर तूफान मिले और मौज-मौज मंझधार हमें
फिर भी दिखाया है हमने और फिर ये दिखा देंगे सबको
इन हालात में आता है दरिया पार करना हमें