असम, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु और केरल विधानसभा चुनाव में मतदान होने तक धन के मायाजाल की काली छाया दिखाई दी। चुनाव आयोग की चेतावनी और निगरानी की भी सीमा होती है।
सोमवार की शाम तमिलनाडू, केरल और पुडूचेरी में मतदान खत्म होने के साथ ही पांच राज्यों का चुनाव संपन्न हो गया। 19 मई को आने वाले नतीजों से पहले जारी विभिन्न एक्जिट पोलों ने राजनीतिक दलों की बेचैनी बढ़ा दी है। सभी एक्जिट पोल थोड़े-बहुत सीटों के अंतर के साथ लगभग एक जैसे परिणाम की ओर ही इशारा कर रहे हैं। ज्यादातर एक्जिट पोल असम और केरल में कांग्रेस की करारी हार तो भाजपा को असम और माकपा नीत एलडीएफ को केरल में सरकार बनाते हुए दिखा रहे हैं। पश्चिम बंगाल के एक्जिट पोल में ममता बनर्जी को एक बार फिर विजयी रथ पर सवार बताया जा रहा है।
केरल के अपने धुर विरोधी सीपीएम के साथ बंगाल में गठजोड़ करने के बावजूद लगता है कि कांग्रेस के बुरे दिन बीतने वाले नहीं हैं। अगर चुनाव पश्चात के सर्वेक्षण सही निकले तो कांग्रेस के हाथ से दो राज्यों की सत्ता बाहर निकलनी तय है। ऐसा हुआ तो कांग्रेस कर्नाटक, हिमाचल और उत्तराखंड के अलावा सिर्फ उत्तर पूर्व के कुछ राज्यों में ही सीधी सत्ता में रहेगी।
तमिलनाडु, केरल और पुडुचेरी में 16 मई को होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार शनिवार की शाम समाप्त हो गया। इसके साथ ही चिलचिलाती गर्मी में चुनाव प्रचार के दो महीने के लंबे दौर के बाद तीनों राज्यों में विधानसभा चुनाव के लिए नेताओं का दौरा और प्रचार का शोर आज थम गया।
केरल का चुनाव यूं तो हमेशा से कांग्रेस नीत संयुक्त मोर्चा और माकपा नीत वाम मोर्चा के बीच ही होता है और यह चुनाव भी कोई अपवाद नहीं है मगर पिछले चुनावों के मुकाबले इस बार एक फर्क यह है कि इस बार भारतीय जनता पार्टी को उसके विपक्षी भी गंभीरता से ले रहे हैं।
आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता मनीष सिसोदिया ने कहा है कि आप राजस्थान में आधार बनाने की दिशा में काम कर रही है और वह अगले विधानसभा चुनाव में उम्मीदवार उतारेगी।
उत्तराखंड में सत्ता गठन का सपना संजो रही भाजपा को करारा झटका लगा है। उच्च न्यायालय ने कांग्रेस के 9 बागी विधायकों की याचिका खारिज करते हुए उन्हें अयोग्य करार दिया है। हाई कोर्ट के ऐसे रुख के बाद बागी विधायक सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी में हैं।
बसपा सुप्रीमो मायावती ने तमिलनाडु विधानसभा चुनाव में अपने-अपने घोषणा पत्रों में मुफ्त उपहारों की पेशकश करने वाली द्रविड़ पार्टियों पर सीधे हमला बोला है। मायावती ने मतदाताओं से ऐसे प्रलोभनों में नहीं आने की अपील की और कहा कि वे (द्रविड़ पार्टियां) आपकी समस्याओं का समाधान नहीं करेंगी।
उत्तराखंड में शक्ति परीक्षण के पहले एक और स्टिंग ने राजनीति में सनसनी फैला दी है। सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में 10 मई को विधानसभा में फ्लोर टेस्ट होना है। इसको ध्यान में रखते हुए कांग्रेस और भाजपा हर तरह के प्रयास कर रही है ताकि विधानसभा में उनको बहुमत मिल जाए।
साल 2012 के विधानसभा चुनाव से ठीक पहले उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बाहुबली नेता डीपी यादव को समाजवादी पार्टी में लेने से इनकार कर दिया था। उसके बाद ही प्रदेश में ऐसा माहौल बना कि अखिलेश पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता में आए।