पश्चिम बंगाल और असम में विधानसभा चुनावों के पहले चरण में शांतिपूर्ण तरीके से भारी मतदान हुआ और दोनों राज्यों में क्रमश: 80 और 70 प्रतिशत लोगों ने मतदान किया।
बंगाल में होने जा रहे चुनाव में भ्रष्टाचार मुख्य मुद्दा बन गया है। तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) शासित बंगाल में लोकतंत्र की बहाली के अलावा कांग्रेस-वाम मोर्चा गठबंधन ने सारदा घोटाले और नारद स्टिंग ऑपरेशन के रूप में भ्रष्टाचार को मुख्य चुनावी मुद्दा बनाया है। गौरतलब है कि सारदा घोटाले में लाखों निवेशकों के रूपये डूब गए थे जबकि नारद स्टिंग ऑपरेशन में टीएमसी के कुछ नेताओं को घूस लेते हुए दिखाया गया है।
अगले डेढ़ महीने में पांच राज्यों में होने जा रहे चुनावों में भारतीय जनता पार्टी सिर्फ एक राज्य असम में सरकार बनाने की गंभीरता से कोशिश कर रही है मगर एक टीवी चैनल के चुनाव पूर्व सर्वे की मानें तो यहां भी पार्टी के लिए स्थितियां ज्यादा बेहतर नहीं दिख रही हैं।
उत्तर प्रदेश की अखिलेश यादव सरकार चुनावी मोड में है। अपने चार साल के कार्यकाल को प्रदेश के लिए सर्वोत्तम बताते हुए मुख्यमंत्री कह रहे हैं कि उन्होंने सारे वायदे पूरे किए हैं, अब जनता को चाहिए कि उन्हें रिटर्न गिफ्ट के रूप में 2017 में फिर से सत्ता सौंपे। उनका दावा है कि वह प्रदेश का छठा बजट भी पेश करेंगे। इसलिए उनके समर्थक अभी से नारे लगाने लगे हैं-पूरे हुए वायदे, अब हैं नए इरादे....कहो दिल से, अखिलेश फिर से....।
कांग्रेस ने नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) की रिपोर्ट के आधार पर गुजरात की भाजपा सरकार को कठघरे में खड़ा किया है। पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता और अब्दासा से विधायक शक्तिसिंह गोहिल ने कहा है कि गुजरात विधानसभा के बजट सत्र के आखिरी दिन पेश सीएजी की रिपोर्ट राज्य में खुलेआम जारी भ्रष्टाचार और सरकार की अक्षमता का प्रमाणित दस्तावेज है।
जय-जयकार। तालियां। नया अध्याय पाटलिपुत्र के इतिहास का। बिहार विधानसभा की बैठक में सभी सदस्यों ने शराब न पीने की शपथ ली। राज्य सरकार ने एक अप्रैल से शराबबंदी के तहत ग्रामीण इलाकों में देशी और मसालेदार एवं भारत में बनी विदेशी शराब प्रतिबंधित कर दी। वहीं शहरी इलाकों में देशी शराब पर प्रतिबंध के साथ अधिकृत दुकानों पर भारत में बनी विदेशी शराब की बिक्री का प्रावधान किया गया है।
राजस्थान के नागौर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की बैठक से पूर्व संघप्रमुख मोहन भागवत और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के बीच स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में मिलजुल कर काम करने की सहमति बनी। शाह ने संघप्रमुख को भरोसा भी दिलाया कि इस एजेंडे को लेकर सरकार पर दबाव भी बनाया जाएगा। भाजपा अध्यक्ष के आश्वासन के बाद ही संघ ने शिक्षा और स्वास्थ्य के साथ-साथ सामाजिक सौहार्द पर भी प्रस्ताव पारित किया। यह प्रस्ताव सरकार और संघ के विचारों से काफी मेल खाता है।
बात जनवरी 2011 की है। तब नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री हुआ करते थे और राज्य में वाइब्रेंट गुजरात का सफल आयोजन कर विदेशी निवेशकों से लेकर देश के बड़े उद्योगपतियों को भी आकर्षित करते थे। इसी आयोजन में शामिल होने आए संयुक्त राष्ट्र की परियोजना से जुड़े प्रशांत किशोर का पहली बार नरेंद्र मोदी से आमना-सामना हुआ। बिहार के रहने वाले किशोर की मुलाकात कराने में एक आईएएस अधिकारी की बड़ी भूमिका थी। बिहार के रहने वाले गुजरात कैडर के आईएएस अधिकारी ने किशोर की तारीफ के जो पुल बांधे उससे मोदी प्रभावित हुए बिना नहीं रह पाए।