सीबीआई ने बुधवार को विशेष अदालत के समक्ष दलील दी कि पूर्व दूरसंचार मंत्री ए राजा ने टू जी स्पेक्ट्रम आवंटन से जुड़े नीतिगत मामलों पर तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को गुमराह किया।
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को कोयला घोटाला मामले में राहत मिल गई है। उच्चतम न्यायालय ने ओडिशा में तालाबीरा 2 कोल ब्लॉक को हिंडाल्को कंपनी को आवंटित करने संबंधी मामले में सिंह को बतौर आरोपी तलब करने के निचली अदालत के आदेश पर रोक लगा दी है।
पिछले दो महीने में दो अलग-अलग न्यायालयों ने आरक्षण को लेकर एक ही बात कही है। दोनों ही बार कोर्ट ने आरक्षण नीति जारी रखने को उचित कहा है लेकिन यह भी कहा है कि आरक्षण नीति में बदलाव, बल्कि इस पर सतत चिंतन की जरूरत है। यह राजनीतिक तौर पर संवेदनशील मसला तो है लेकिन इस पर जो राजनीति होती रही है, उससे नीति का मकसद पूरा नहीं हो रहा है। वैसे, राजनीतिक दल इसे लेकर रोटी सेंकने की जब भी कोशिश करते हैं, उनके हाथ में फफोले ही पड़े हैं। यह तो सब जानते ही हैं कि मंडल आयोग की सिफारिशें लागू करने वाली वीपी सिंह सरकार लौटकर सत्ता में नहीं आई।
कांग्रेस पार्टी ने भी अब अपना ऑनलाइन सदस्यता अभियान शुरू कर दिया है। हाल के चुनावों में पार्टी की हार के बाद अपना जनाधार बढ़ाने के लिए पार्टी ने सदस्यता के लिए अपना एक ऐप्प भी विकसित किया है।
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह कोयला घोटाले में आरोपी के तौर पर कोर्ट में समन किए गए पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने इसके खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय में अपील की है। सीबीआई कोर्ट ने उनके समेत छह लोगों को अगली सुनवाई के दौरान आठ अप्रैल को न्यायालय में पेश होने का निर्देश दिया था। मनमोहन सिंह ने अपनी अर्जी में इस समन पर रोक लगाने की अपील की है।
कोयला घोटाले में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को सम्मन जारी होने के बाद से मनमोहन सिंह की सक्रियता अचानक तेज हो गई है। कांग्रेस उनके पीछे एकजुट दिखाई दे रही है। राज्सथान के वरिष्ठ कांग्रेस नेता और गुजरात के राज्यपाल रहे नवल किशोर शर्मा की पुण्यतिथि पर मनमोहन सिंह दौसा गए।
कोयला घोटाला मामले में अदालत की ओर से आरोपी के तौर पर समन किये गए पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के प्रति एकजुटता दिखाने के लिए सोनिया गांधी सहित शीर्ष कांग्रेस नेतृत्व गुरुवार को सड़क पर उतरा। पार्टी अध्यक्ष ने इसे चौंका देने वाला कदम बताया है।
सांघवी ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को एक रहस्य करार दिया है। लेखक ने लिखा है, वह बेहद निजी जीवन से निकलकर कांग्रेस को उबारने के लिए आई थीं और दो चुनावों, 2004 एवं 2009, में कांग्रेस की जीत की अगुवाई की। जब यह सब कुछ हो रहा था तो वह कहां थीं? उनका राजनीतिक सहज ज्ञान कहां था? क्या उन्हें यह नहीं दिख रहा था कि कांग्रेस विनाश की ओर बढ़ रही है ? लेखक कहते हैं, इन सवालों का जवाब वास्तव में कोई नहीं जानता है।