झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा ने एक विशेष अदालत में आवेदन दायर करते हुए मांग की है कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और दो अन्य लोगों को कोयला घोटाला मामले में आरोपियों के रूप में तलब किया जाए।
नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नगालैंड (आई एम) के साथ शांति समझौता अशांत उत्तर पूर्व के, खासकर मणिपुर के टंखुल नगा बहुल इलाके में जहां उपरोक्त गुट का आधार है, एक हिस्से में शांति के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है लेकिन इसके बाद अभी बहुत-सी जटिलताएं और चुनौतियां बाकी हैं। एनएससीएन (आईएम) का जनाधार नगालैंड के पड़ाेसी राज्यों में ज्यादा होने की वजह से असम और मणिपुर के एक तबके में यह आशंका बलवती हो रही है कि उनके राज्य के नगा बहुल इलाकों की बाबत किस कीमत पर फैसला हुआ है।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रांत प्रचारकों की तीन दिवसीय बैठक शनिवार को नैनीताल में संपन्न हो गई, जिसमें संघ प्रमुख मोहन भागवत ने संघ की विचारधारा की सामाजिक स्वीकार्यता बढ़ने पर खुशी जाहिर की। संगठन का आधार बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा के लिए बैठक बुलाई गई थी।
पूर्व कोयला राज्य मंत्री दसारी नारायण राव ने मंगलवार को कहा कि कोयला ब्लाकों के आवंटन के बारे में सभी निर्णय तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने किए जो उस समय कोयला मंत्री की जिम्मेदारी भी संभाल रहे थे।
प्रधानमंत्री के पास सारी शक्तियां केंद्रित होने की आलोचनाओं को खारिज करते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने शनिवार को कहा कि नरेंद्र मोदी स्वयं सारी बातों को समझकर एवं अनुभव लेकर काम करने वाले प्रधानमंत्री हैं।
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने बुधवार को पहले मोदी सरकार पर कड़े प्रहार किए लेकिन शाम को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने उनके आवास भी पहुंचे। एनडीए के राज में लोकतांत्रिक संस्थाओं पर खतरा बताने के कुछ ही घंटों के अंदर मनमोहन सिंह की मोदी से मुलाकात को लेकर कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। माना जा रहा है कि मनमोहन सिंह के इस कदम ने सरकार पर किए उनके तीखे हमलों का असर कम कर दिया है।
बड़ी-बड़ी उम्मीदों और वादों के साथ केंद्र की सत्ता में आई नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार अपना एक साल पूरा करने जा रही है। इस मौके पर सबसे बड़ा सवाल यही उठ रहा है कि क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस एक साल के दौरान अपने वादों और नारों पर खरे उतर पाए? इस एक साल में उनका रिपोर्ट कार्ड कैसा रहा? अगर आर्थिक नजरिये से देखा जाए तो मोदी सरकार का रिपोर्ट कार्ड बी ग्रेड का कहा जाएगा।